क्या आपके संस्कृत के अध्यापक ने कभी आपको Chandra Shabd Roop लिखने या कक्षा में सुनाने के लिए कहा है? या आपने उन्हें ये कहते सुना है कि चंद्र शब्द रूप बहुत महत्वपूर्ण है। Chandra Shabd Roop छोटी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक पूछा जाता है क्योंकि यह संस्कृत की नींव है। आपको बता दें कि इससे जुड़े हुए प्रश्न कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। Shabd Roop के जरिए हम किसी भी शब्द का प्रयोग सही ढंग से कर सकते हैं और उसका अर्थ सही ढंग से समझ भी सकते हैं। इस ब्लॉग में Chandra Shabd Roop Sanskrit mein हिंदी अर्थ के साथ, शब्द रूप किसे कहते हैं?, शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?, चंद्र शब्द रूप कैसे याद करें? जानेंगें।
This Blog Includes:
- अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द
- शब्द रूप किसे कहते हैं?
- शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?
- चंद्र शब्द रूप संस्कृत में (Chandra Shabd Roop Sanskrit mein)
- Chandra Shabd Roop हिंदी अर्थ के साथ (Chandra Shabd Roop with Meaning)
- चंद्र शब्द के रूप कैसे याद करें?
- चंद्र शब्द से संस्कृत वाक्य हिंदी अर्थ के साथ
अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द
चंद्र शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा का रूप है। जो शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा के होते हैं उनके शब्द रूप एक प्रकार से ही बनते हैं।
- अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द : वह शब्द जिनका लिंग पुल्लिंग हो तथा उनका उच्चारण करने पर अंत में अ स्वर की ध्वनि निकलती हो, उसे अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द कहते हैं।
- अकारांत पुल्लिंग संज्ञा के उदाहरण : राम, सूर्य, ब्राह्मण, वृक्ष, क्षत्रिय, शूद्र, बालक, चंद्र, ईश्वर, दिवस, छात्र, लोक, भक्त, शिष्य आदि सभी शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा हैं।
शब्द रूप किसे कहते हैं?
जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। विभक्ति और वचन अनुसार इनमें होने वाले परिवर्तन के आधार पर इनका प्रयोग निर्धारित होता है।
शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है।
शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?
शब्द रूपों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है-
- विकारी शब्द रूप: विकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप बदलते हैं।
- अविकारी शब्द रूप: अविकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप नहीं बदलते हैं।
चंद्र शब्द रूप संस्कृत में (Chandra Shabd Roop Sanskrit mein)
चंद्र शब्द रूप (Chandra Shabd Roop) समझ लेने से संस्कृत में वचन के अनुसार वाक्यों में इसका प्रयोग करना आसान हो जाता है, जो इस प्रकार हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | चंद्रः | चंद्रौ | चंद्राः |
द्वितीया | चंद्रम् | चंद्रौ | चंद्रान् |
तृतीया | चंद्रेण | चंद्राभ्याम् | चंद्रैः |
चतुर्थी | चंद्राय | चंद्राभ्याम् | चंद्रेभ्यः |
पंचमी | चंद्रात् | चंद्राभ्याम् | चंद्रेभ्यः |
षष्ठी | चंद्रस्य | चंद्रयोः | चंद्रानाम् |
सप्तमी | चंद्रे | चंद्रयोः | चंद्रेषु |
सम्बोधन | हे चंद्र! | हे चंद्रौ! | हे चंद्राः! |
Chandra Shabd Roop हिंदी अर्थ के साथ (Chandra Shabd Roop with Meaning)
संस्कृत अगर आप बेसिक से शुरू कर रहे हैं तो आपको न सिर्फ चंद्र के शब्द रूप समझने की जरूरत है बल्कि आपको इनके हिंदी अर्थ भी पता होने चाहिए ताकि आप वाक्य में इसका प्रयोग ठीक प्रकार से कर पाएं और साथ ही उसका हिंदी अर्थ समझ पाएं। Chandra Shabd Roop Sanskrit mein हिंदी अर्थ के साथ (Chandra shabd roop with meaning) नीचे दिया गया है-
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | चंद्रः (चंद्र, चंद्र ने) | चंद्रौ (दो चंद्रों, दो चंद्रों ने) | चंद्राः (अनेक चंद्रों, अनेक चंद्रों ने) |
द्वितीया | चंद्रम् (चंद्र को) | चंद्रौ (दो चंद्रों को) | चंद्रान् (अनेक चंद्रों को) |
तृतीया | चंद्रेण (चंद्र से, चंद्र के द्वारा) | चंद्राभ्याम् (दो चंद्रों से, दो चंद्रों के द्वारा) | चंद्रैः (अनेक चंद्रों से, अनेक चंद्रों के द्वारा) |
चतुर्थी | चंद्राय (चंद्र को, चंद्र के लिए) | चंद्राभ्याम् (दो चंद्रों को, दो चंद्रों के लिए) | चंद्रेभ्यः (अनेक चंद्रों को, अनेक चंद्रों के लिए) |
पंचमी | चंद्रात्/चंद्राद् (चंद्र से) | चंद्राभ्याम् (दो चंद्रों से) | चंद्रेभ्यः (अनेक चंद्रों से) |
षष्ठी | चंद्रस्य (चंद्र का, चंद्र के, चंद्र की) | चंद्रयोः (दो चंद्रों का, दो चंद्रों के, दो चंद्रों की) | चंद्रानाम् (अनेक चंद्रों का, अनेक चंद्रों के, अनेक चंद्रों की) |
सप्तमी | चंद्रे (चंद्र में, चंद्र पर) | चंद्रयोः (दो चंद्रों में, दो चंद्रों पर) | चंद्रेषु (अनेक चंद्रों में, अनेक चंद्रों पर) |
सम्बोधन | हे चंद्र! (हे चंद्र!) | हे चंद्रौ! (हे दो चंद्रों!) | हे चंद्राः! (हे अनेक चंद्रों!) |
चंद्र शब्द के रूप कैसे याद करें?
चंद्र शब्द रूप को या किसी भी चंद्र शब्द रूप की तरह अकारान्त पुल्लिंग को एक आसान तरीके से याद कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | : | औ | आः |
द्वितीया | म् | औ | आन् |
तृतीया | येन/येण | भ्याम् | ऐः |
चतुर्थी | आय | भ्याम् | एभ्यः |
पंचमी | आत् | भ्याम् | एभ्यः |
षष्ठी | स्य | योः | आनाम् |
सप्तमी | े | योः | एषु |
सम्बोधन | हे चंद्र! | हे चंद्रौ! | हे चंद्राः! |
आप ऊपर दी गई टेबल के माध्यम से शब्द के अंत में उपरोक्त प्रत्यय लगाकर शब्द रूप लिख सकते हैं। यदि आप चंद्र शब्द रूप को याद करना चाहते हैं, तो आपको लिखकर अभ्यास करना चाहिए।
चंद्र शब्द से संस्कृत वाक्य हिंदी अर्थ के साथ
संस्कृत वाक्य | हिंदी अर्थ |
चन्द्रः आकाशीयः पिण्डः अस्ति । | चंद्रमा एक खगोलीय पिंड है। |
चन्द्रः शीतलतां ददाति। | चंद्रमा शीतलता प्रदान करता है। |
चन्द्रः ज्योतिषशास्त्रे एकः ग्रहः अस्ति। | ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा ग्रह है। |
चन्द्रः रात्रौ शोभा । | चंद्रमा रात की शोभा है। |
चन्द्रः सोम इत्यपि कथ्यते । | चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है। |
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