13 फरवरी 2023 को एक निर्णायक फैसला लेते हुए सीबीएसई ने बाहरवीं कक्षा के लिए मूल्यांकन का तरीका बदलने का निर्णय लेते हुए नई जांच प्रणाली को लागू किया है। अब टीचर 3 कॉपी प्रति घंटा के हिसाब से कॉपी चेक करेंगे। पूरे दिन में उन्हें केवल 20 कॉपियाँ ही जाँचने के लिए दी जाएंगी।
चेकिंग करने वाले टीचर्स को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक चेकिंग सेंटर पर रहना जरूरी होगा। पहले टीचर्स के लिए इस तरह की समय की कोई बाध्यता नहीं थी। मूल्यांकन के संबंध में जीरो एरर अभियान के अंतर्गत सीबीएसई ने कुछ बदलाव किए हैं। सीबीएसई पटना संभाग के संरक्षक ए.के. नाग का कहना है कि सीबीएसई ने इस बार कॉपियों की सतर्कता से निगरानी करने का फैसला लिया है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए टीचर्स को केवल एक दिन में 20 ही कॉपियाँ चेक करने के लिए दी जाएंगी जो कि वे एग्जाम सेंटर के भीतर रहकर ही जांचेंगे। अब टीचर्स शाम 5 बजे के बाद ही सेंटर से जा सकेंगे।
असिस्टेंट चीफ़ एगज़ामिनर होंगे तैनात
सीबीएसई ने इस बार चीफ़ एगज़ामिनर के नीचे एक असिस्टेंट चीफ़ एगज़ामिनर की तैनाती करने का निर्णय लिया है। असिस्टेंट चीफ़ एयग्ज़ामिनर, चीफ़ एगज़ामिनर्स को सहयोग करेंगे। मुख्य रूप से साइंस और सोशल साइंस की कॉपियों की जांच पीजीटी ग्रेड के टीचर्स करेंगे।
टीचर को न भेजने पर स्कूल की मान्यता रद्द किए जाने के निर्देश
सीबीएसई ने स्कूलों को खासतौर पर आगाह किया है कि बोर्ड के द्वारा चुने गए टीचर्स को स्कूल के द्वारा चेकिंग सेंटर पर न भेजने पर संबन्धित स्कूल की मान्यता रद्द किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा उन पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इसके आलवा बोर्ड चाहे तो ऐसे स्कूलों का बोर्ड रिजल्ट भी रोक सकता है या ये तीनों एक्शन एक साथ भी लागू कर सकता है। दरअसल स्कूलों द्वारा टीचर्स जांच के लिए न भेजने पर बोर्ड का असेसमेंट लेवल गिरता है। ऐसी बातों से बचने के लिए ही इस बार बोर्ड ने इन कड़े नियमों को लागू करने का फैसला लिया है।