जानिए बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय क्या-क्या हैं?

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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय

महिला सशक्तिकरण के लिए बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना काफी जरूरी है। बालिकाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाओं लाई गई हैं। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने से बालिकाओं की शिक्षा और उनकी सोच में बदलाव देखा जा रहा है। इस ब्लाॅग में हम बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय के बारे में विस्तृत जानेंगे। 

बालिका शिक्षा की परिभाषा क्या है?

किसी के लिए भी शिक्षा बेहद ज़रूरी है। अच्छी शिक्षा लेने के बाद इंसान के जीवन में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। लड़के एवं लडकियों की शिक्षा को तुलनात्मक मापदंड दिलाना बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है। बालिका शिक्षा अच्छे समाज के निर्माण में सहायता करती है, क्योंकि समाज महिला एवं पुरुष दोनों से बनता है। 

बालिका शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व क्या है?

वर्तमान में शिक्षित होने की जरूरत है, चाहे वह कोई भी हो। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय जानने से पहले हम इसकी आवश्यकता और महत्व के बारे में जानेंगे-

  • देश के भविष्य के लिए भारत में लड़कियों की शिक्षा आवश्यक है। 
  • शिक्षित बालिकाएं देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। 
  • शिक्षित लड़की विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के काम को साझा कर सकती है। 
  • शिक्षित लड़की देश के उच्चतम पदों पर काम कर देश की सेवा कर सकती है। 
  • शिक्षित महिला सामाजिक और आर्थिक तरक्की में बड़ा योगदान दे सकती है। 
  • एक बालिका को शिक्षित कर पूरे देश को शिक्षित किया जा सकता है।

बालिका शिक्षा के उद्देश्य क्या हैं?

एक लड़की शिक्षित होने के बाद दुनिया के किसी कोने में अपनी चमक बिखेर सकती है। बालिका शिक्षा के उद्देश्य आपके निजी जीवन के अलावा सामाजिक तौर-तरीकों पर प्रभाव डालते हैं-

  • समाज में परिवर्तन लाने के लिए
  • बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए
  • बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए
  • बाहरी और आतरिंक समस्याओं के हल के लिए
  • साक्षरता दर बढ़ाने के लिए
  • अच्छे चरित्र के निर्माण के लिए

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय क्या हैं?

शिक्षा में बालिकाओं की रुचि बढ़ाने के लिए सरकारी और निजी नेतृत्व महत्वपूर्ण है। प्रशासनिक अधिकारियों को कार्य करने के लिए प्रेरित करने और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता जनादेश प्रदान करने में सक्षम होते हैं। नीचे प्वाइंट्स में हम बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय जानेंगे-

  • सोच का दायरा बढ़ाना- आजादी से पहले देखें तो बालिका शिक्षा को लेकर कम जागरूकता थी, लेकिन वर्तमान में यदि एक लड़की शिक्षित है तो वह अपने पति के साथ परिवार के खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है। शिक्षा महिलाओं के सोच के दायरे को भी बढ़ाती है।
  • सरकारी नीतियां या योजनाओं का सही क्रियान्वयन- बालिका शिक्षा शैक्षिक नीतियों का एक प्रमुख फैक्टर्स हैं। सरकारी नीतियों और योजनाओं के सही क्रियान्वयन से लड़कियों की शिक्षा को नई दिशा मिली है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम बाल लिंग अनुपात के आधार पर 100 जिलों में लड़कियों की शिक्षा को मजबूत करने के लिए 5.00 करोड़ रुपये प्रदान करता है। 
  • समाज में उचित भागीदारी देना- लड़कियों को भी लड़कों की तरह हर जगह अपना हुनर दिखाने का अवसर मिल रहा है, जैसे क्रिकेट के मैदान से लेकर हवाई जहाज उड़ाने को लेकर अपनी पहचान कायम कर रही हैं। ऐसे ही बालिकाओं की अन्य सामाजिक कार्यों में उचित भागीदारी होनी चाहिए।
  • नेतृत्वकर्ता की भूमिका को बढ़ावा देना- शिक्षा में बालिकाओं का इंटरेस्ट बढ़ाने के लिए नेतृत्व करने की भूमिका महत्वपूर्ण है। लड़कियों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें एक शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए नेतृत्वकर्ता की भूमिका एक प्रेरणा हो सकती है। 
  • स्काॅलरशिप के माध्यम से प्रोत्साहन- कोई भी सरकार हो, बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए स्काॅलरशिप शुरू करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा के लिए काफी योजनाएं चलाई जा रही हैं। स्काॅलरशिप की मदद से उनकी शिक्षा से संबंधित चीजें आसान होती जाएंगी।

बालिका शिक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम क्या हैं?

बालिकाओं का देश की प्रगति में बड़ा योगदान है। सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय किए गए हैं, जिनके बारे में हम नीचे प्वाइंट्स में जानेंगे-

  • बालिकाओं के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएं
  • बालिकाओं के लिए शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम 
  • स्काॅलरशिप प्रोग्राम्स
  • ग्राम शिक्षा समिति बनाना
  • आरटीई या शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
  • राष्ट्रीय सहायता समूह
  • राज्य सहायता समूह आदि।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाएं क्या हैं?

सरकार ने सभी को शिक्षित करने के लिए काफी योजनाएं चलाई हैं, जो किसी को भी उसके करियर की राह में नई दिशा दे सकती हैं। नीचे हम बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कुछ प्रमुख सरकारी योजनाओं के बारे में जानेंगे-

  • सीबीएसई छात्रवृत्ति योजना 
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना
  • माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना
  • मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना
  • मजी कन्या भाग्यश्री योजना
  • नंदा देवी कन्या योजना
  • लड़कियों के लिए ‘प्रगति’ स्कॉलरशिप
  • मिड डे मील योजना
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान
  • मुख्यमंत्री राजश्री योजना
  • मुख्यमंत्री लाडली योजना
  • बालिका समृद्धि योजना आदि।

बालिका शिक्षा पर निबंध (100 शब्द)

भारत में बालिकाओं के प्रति सामाजिक रवैये में बदलाव लाने के लिए बालिका शिक्षा जरूरी है। बालिका शिक्षा पर निबंध नीचे दिया गया है-

  • प्रस्तावना- बालिका शिक्षा के लिए समाज में जागरूकता के साथ-साथ कुछ बालिकाओं को प्रोत्साहित करने का हुनर भी होना चाहिए। हमारे देश का भविष्य संवारने में बालिका शिक्षा का अहम योगदान होगा। सरकारों की ओर से समय-समय पर नए-नए अभियान और प्रोग्राम्स लाकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
  • बालिकाओं के लिए शिक्षा का महत्व- शिक्षा लोगों की सोच में सकारात्मक विचार लाती और निगेटिविटी हटाती है। कोई भी बच्चा बचपन से सुनता है कि शिक्षा उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है और उस बच्चे के माता-पिता भी उसे शिक्षा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षा हमें टेक्नोलाॅजी और हाई स्किल वाली नाॅलेज के साथ देश-दुनिया से रूबरू करता है।
  • निष्कर्ष- बालिकाओं के सशक्तीकरण और उनकी भूमिका उजागर करने के लिए शिक्षा काफी जरूरी है।  

बालिका शिक्षा पर कविताएं

एक लड़की की शिक्षा सब कुछ बदल देती है। एक शिक्षित लड़की के स्वस्थ, सुरक्षित और अपने जीवन और भविष्य के पाठ्यक्रम को निर्धारित करने के लिए सशक्त होने की अधिक संभावना है। नीचे बालिका शिक्षा पर कुछ कविताएं दी गई हैं-

  1. शिक्षा किसी घड़े को भरने जैसा नहीं है,
    यह तो अग्नि प्रज्ज्वलित करने जैसा है।
    शिक्षा माँ की एक गोंद के सामान निर्मल,
    इसमें हमारे सपने पनपते पल-पल,
    शिक्षा उज्ज्वल भविष्य के प्रकाश की ज्योति,
    पुरस्कृत करके जीवन में रंग भर देती,
    शिक्षा सुख समृद्धि का ईश्वरीय भंडार,
    शैक्षिक महानता के लिए आसान उपहार,
    यह हमें समृद्धि के मार्ग पर ले जाती ,
    हमारे कल को एक अच्छी सुरक्षा देती ,
    हमारी सोच को एक अलग रूप देती,
    हमारी सारी अज्ञानता को दूर भगा देती,
    भविष्य की कमाई में मदद करवाने वाली,
    हमारे असली चरित्र को आकार देने वाली,
    किताबी ज्ञान के बारे में सिखलाती,
    व्यावहारिक ज्ञान का बोध करवाती,
    सही और गलत के बीच का भेद कराती,
    एक सीढ़ी जो हमें उस ऊंचाई तक ले जाती है,
    जहाँ मिल जाये शिक्षा ग्रहण करलो वहीँ से,
    कब कहाँ काम आ जाये करो इस्तेमाल वहीँ पे,
    साभार- अरुणा गुप्ता

2. ना मांगा धन और दौलत,
ना मांगा कोई हीरो का हार।
मुझे तो दे दो हे प्रभु ,
बस – शिक्षा का अधिकार।

कर्तव्य और निधि के जो है पाठ पढ़ाते,
64 कलाओं से युक्त कर जो,
एक ग्वाले को श्रीकृष्ण है बनाते।
करके गीता का निर्माण,
दिया ज्ञान का उपहार।
मुझे तो दे दो है प्रभु ,
बस – शिक्षा का अधिकार।
साभार- कविता पाल जी

3. इस धरती को स्वर्ग बनाओ,
बिटिया को सँवारो, पढ़ाओ और सबल बनाओ।
बिटिया के जन्म का उत्सव मनाओ,
पढ़ा-लिखाकर उसे काबिल बनाओ॥
साभार-राम प्यारे सिंह

4. दिल के बहलाने का सामान न समझा जाए, मुझ को अब इतना भी आसान न समझा जाए, मैं भी दुनिया की तरह जीने का हक़ माँगती हूं, इस को ग़द्दारी का एलान न समझा जाए, अब तो बेटे भी चले जाते हैं हो कर रुख़्सत, सिर्फ़ बेटी को ही मेहमान न समझा जाए
साभार- रेहाना रूही

5. मानव का जो सम्पूर्ण विकास कराये वैसी ही शिक्षा, सामाजिक व्यवहार सिखलाये जो वैसी हो शिक्षा, अज्ञानता के बंधन से जो मुक्त कराये वैसी हो शिक्षा, छात्रों में जो सुसंस्कार भरे वैसी ही हो शिक्षा।
केवल साक्षरता और जीवन-यापन का उद्देश्य न हो हमारी शिक्षा, जाति-धर्म-संप्रदाय से जो ऊपर उठाये वो हो शिक्षा, तमोगुण, रजोगुण का नाश कर जो सत्वगुण प्रदान करे वो हो शिक्षा, मूल्यपरक ज्ञान प्रदानकर आदर्श-नागरिक-निर्माण का ध्येय हो शिक्षा।
साभार- आशीष कुमार सिंह

6- जो ना होगा शिक्षित समाज हमारा।
मुश्किल हो जाएगा सबका गुजारा।।
इसानियत और पशुता के बीच का अन्तर है शिक्षा।
शाति, सुकून और खुशियों का जन्तर है शिक्षा।
भेदभाव, छुआछुत और अधविश्वास दुर भगाने का मन्तर है शिक्षा।
जहां भी जली शिक्षा की चिंगारी, नकारात्मकता वहा से हारी।।
जिस समाज में हों शिक्षित सभी नर-नारी।
सफलता-समृद्धि खुद बने उनके पुजारी।
इसलिए आओ शिक्षा का महत्व समझे हम।
आओ पूरे मानव समाज को शिक्षित करें हम।।
साभार- ज्योति सिंह देव

7- ऐसी कोई करें पढ़ाई,, जिससे कोई ना जी चुराए। नई-नई हों बातें उसमें, सारी बातें मन को भाएं।
बोझ हमें क्यों लगे पढ़ाई, मन कभी भी टिक ना पाए। कितना कुछ भी याद करें हम, फुर्र से गायब हो जाए।
दे कोई ऐसा ज्ञान हमें भी, मन की गांठें खुलती जाएं। जिज्ञासा हो शांत सभी की, भीतर का तम मिटता जाए।
मिलकर ऐसी करें पढ़ाई, सबका मन ललचाता जाए। फिर कुछ करेंगे जग की खातिर, सबका घर रोशन हो जाए।
साभार- दीनदयाल शर्मा

8-बहुत जरूरी होती शिक्षा, सारे अवगुण धोती शिक्षा। चाहे जितना पढ़ ले हम पर, कभी न पूरी होती शिक्षा।
शिक्षा पाकर ही बनते है, नेता, अफसर, शिक्षक। वैज्ञानिक, मंत्री, व्यापारी, और साधारण रक्षक।
कर्तव्यों का बोध कराती, अधिकारों का ज्ञान ।
शिक्षा से ही मिल सकता है, सर्वोपरि सम्मान।
बुद्धिहीन को बुद्धि देती, अज्ञानी को ज्ञान।
शिक्षा से ही बन सकता है, भारत देश महान।
साभार-डाॅ. परशुराम शुक्ल

9-ऐ जीवन की इस बगियाँ में,
फूल बनकर महकना चाहती हूँ।
बन छोटी सी चिड़िया तेरी,
पापा की गोदी में चहकना चाहती हूँ।
मैं भी बड़े होकर पँखो को फैलाकर,
खुले आसमान में उड़ना चाहती हूँ।
माँ-पापा तेरे आशाओं के आसमान में,
चाँद बन चमकना चाहती हूँ।
करके तेरा नाम रौशन,
तेरा हौंसला बनना चाहती हूँ।
माँ मैं भी जीना चाहती हूँ।
साभार- निधि अग्रवाल

10- शिक्षा जरूरी है प्रकृति की,
संसाधनों के उचित दोहन के लिए।
शिक्षा जरूरी है इतिहास की,
एक नए विकास के लिए।
शिक्षा जरूरी है समाज की,
सामाजिक बनने के लिए।
शिक्षा जरूरी है व्यवहार की,
व्यवहारिक बनने के लिए।
शिक्षा जरूरी है आध्यात्म की,
स्वयं के अस्तित्व को जानने के लिए।
साभार- निधि अग्रवाल

बालिका शिक्षा पर प्रमुख स्लोगन

पूर्ण साक्षरता के लिए बालिका शिक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। साथ ही बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उपाय में स्लोगनों को भी शामिल किया जा चुका है। बालिका शिक्षा के लिए विभिन्न स्लोगन नीचे बताए जा रहे हैं-

  • नारी को पढ़ाना देश को आगे बढ़ाना है।
  • जब बेटियों पढ़ाएंगे तो विश्वगुरु बन पाएंगे।
  • नारी शिक्षित तो पूरा परिवार शिक्षित।
  • एक सोच ऐसी बनाओ कि नारी को पढ़ाओ।
  • गंदी सोच से अब संभल जाओ, घर में जो बेटी है उसे पढ़ाओ।
  • हम सब का एक ही नारा, नारी को पढ़ाना है।
  • कोई न छूटे अबकी बार, शिक्षा हो नारी अधिकार।
  • शिक्षा है जीवन का अमूल्य उपहार शिक्षित नारी ज्ञान का भंडार।
  • बालिकाओं को दें शिक्षा का उजियारा, पढ़-लिख कर करें रोशन जग सारा।
  • लिखना सिखाओगे बेटियों को दो अक्षर, तभी तो बनेगी वो भी बड़ी अफसर।
  • बेटियां भी छू सकती हैं आकाश, अगर पूरी हो उनकी शिक्षा की तलाश आदि।

FAQs

उत्तर- भारतीय शिक्षा पर पहली राष्ट्रीय समिति की स्थापना 1 नवंबर 1961 को हुई थी।बालिका शिक्षा का क्या महत्व है?

भारत हो या फिर कोई भी देश हो, शिक्षित बालिकाएं काम करने और आर्थिक मजबूत होने व बनाने की काबिलियत रखती हैं।

भारत में महिला शिक्षा कब शुरू हुई थी?

भारत में महिला शिक्षा में सुधार की जनक सावित्रीबाई फुले को माना जाता है। महिला शिक्षा की शुरुआत 1848 में पुणे में गर्ल्स स्कूल की शुरुआत के रूप हुई थी। 

महिला शिक्षा पर पहली राष्ट्रीय समिति की स्थापना कब हुई थी?

भारतीय शिक्षा पर पहली राष्ट्रीय समिति की स्थापना 1 नवंबर 1961 को हुई थी।

Source – Dr. Geeta paliwal

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