अबू जफर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह जफर, जिन्हें बाद में बहादुर शाह जफर के नाम से जाना गया, का जन्म 24 अक्टूबर 1775 ई. को दिल्ली में हुआ था। वह भारत में कई सौ वर्षों तक राज करने वाले मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शासक थे और उर्दू भाषा के प्रसिद्ध शायर भी थे। 1837 ई. में, 62 वर्ष की आयु में, उन्होंने मुग़ल सिंहासन पर बैठने के बाद करीब 20 वर्षों तक शासन किया। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसमें उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ नेतृत्व किया। हालांकि, विद्रोह की विफलता के बाद उन्हें गिरफ्तार कर रंगून (अब बर्मा) भेज दिया गया। वहां उन्होंने निर्वासित जीवन बिताया, जहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। अंतत कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक समृद्ध साम्राज्य के अंत की कहानी भी है। इस लेख में हम जानेंगे बहादुर शाह जफर की मृत्यु कब और कैसे हुई?
बहादुर शाह जफर की मृत्यु कब और कैसे हुई?
1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद, जब विद्रोह विफल हो गया, उन्हें अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर रंगून (वर्तमान बर्मा) निर्वासित कर दिया गया। निर्वासन के दौरान, उनकी स्वास्थ्य स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ने लगी, और वे कई बीमारियों से जूझते रहे। इतिहास में उल्लेखित है कि 6 नवंबर 1862 को बहादुर शाह ज़फ़र द्वितीय को लकवे का तीसरा दौरा पड़ा और इसके बाद 7 नवंबर की सुबह रंगून, बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में उनका देहांत हो गया। उस समय उनकी उम्र 86 वर्ष की थी। उनकी मृत्यु के बाद उन्हें रंगून में श्वेडागोन पैगोडा के नजदीक दफनाया गया। आज उनके दफन स्थल को बहादुर शाह जफर दरगाह के नाम से जाना जाता है। बहादुर शाह जफर की मौत केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक समृद्ध और महान साम्राज्य के पतन की कहानी भी थी।
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मुग़ल वंश का अंत
बहादुर शाह जफर की मृत्यु के साथ ही मुग़ल वंश का भी अंत हो गया। इतिहासकारों के मुताबिक ऐसा भी कहा जाता है कि जिस दिन बहादुरशाह ज़फ़र का निधन हुआ था, उसके बाद उनके दो बेटों और पोते को भी गोली मार मौत के घात उतार दिया गया था और इसी प्रकार मुग़ल वंश का अंत हुआ।
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आशा है कि बहादुर शाह जफर की मृत्यु कैसे हुई? के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। इतिहास से संबंधित ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए जुड़े रहिये Leverage Edu के साथ।