इतिहासकारों के मुताबिक, भारत पर राज करने वाले मुग़ल वंश के छठे बादशाह औरंगजेब अपनी क्रूरता और कट्टरता के लिए इतने प्रसिद्ध थे कि भारतीय इतिहास उनके क्रूरता के किस्सों से भरा पड़ा है। उन्होंने सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए अपने बूढ़े पिता को बंदी बनाने से लेकर बेटे को जहर देने तक कई ज़ुल्म किये। जब तक औरंगज़ेब शासन में रहा, तबतक उसके विद्रोह में कई जंग चलते रहे। ऐसे में आईये जानते हैं जानिए कि इस क्रूर शासक की मृत्यु कहाँ और कैसे हुई?
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औरंगजेब की मृत्यु
इतिहासकारों की मानें तो, 50 वर्षों तक शासन करने के बाद मुगल साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली सम्राट औरंगजेब की मृत्यु महाराष्ट्र के अहमदनगर में 3 मार्च सन 1707 ई. में हो गई। उनकी मृत्यु बुन्देलखंड के वीर छत्रसाल द्वारा एक युद्ध में तब हुई जब बुंदेलखंड साम्राज्य के महाराजा ने औरंगजेब के शरीर पर एक चीरा दिया था। इस दुर्घटना के बाद वह 3 महीने तक बिस्तर पर तड़पता रहा और इसी तरह तड़प तड़प कर 1707 ई. में हो उसकी मृत्यु हो गयी।
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औरंगजेब को कहाँ दफनाया गया?
औरंगजेब की मृत्यु के बाद उनको महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर खुल्दाबाद के एक मकबरे में दफनाया गया। इतिहासकरों के अनुसार इस मकबरे को पहले कच्ची मिट्टी से तैयार किया गया था, लेकिन बाद में 1904 में जब लॉर्ड कर्जन भारत आए तो वह मकबरे का साधारण सा रूप देखकर दंग रह और उन्होंने इसके चारों तरफ संगमरमर की दीवार बनवाई। वहीं उन्होंने इस मार्बल पर औरंगजेब का पूरा नाम अब्दुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब लिखवाया।
आशा है कि ‘औरंगजेब की मृत्यु कहाँ हुई’, के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। इतिहास से संबंधित ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए जुड़े रहिये Leverage Edu के साथ।
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SIR MAI DHARM RAJ YADAV MAI UPSC KA TAIYARI KAR RAHA HU SIR MERA HELP KIJIYE
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धर्मराज जी कमेंट करने के लिए आपका आभार, आप UPSC की तैयारी NCERT की पुस्तकों से शुरू कर सकते हैं।
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