अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Apni khichdi alag pakana muhavare ka arth) ‘मिलजुल कर न रहना’ या ‘किसी के दुःख- सुख में सहभागी न होना’ होता है। जब कोई व्यक्ति सभी लोगों से अलग-थलग रहता है तब अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप ‘अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ’ (Apni khichdi alag pakana muhavare ka arth) का वाक्यों में प्रयोग और अन्य महत्वपूर्ण मुहावरों के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Apni khichdi alag pakana muhavare ka arth) ‘मिलजुल कर न रहना’ या ‘किसी के दुःख- सुख में सहभागी न होना’ होता है।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित हैं:-
- सोहन घर में हमेशा अपनी खिचड़ी अलग पकाता है, जिसके कारण परिवार के सदस्य चिंतित रहते हैं।
- राजेश किसी से बात नहीं करता सिर्फ अपनी खिचड़ी अलग पकाता रहता है।
- छोटे से परिवार में केवल सुनील ही है जो अपनी खिचड़ी अलग पकाने वाला है।
- पिताजी ने अंशुल को समझाया कि अपनी खिचड़ी अलग पकाने की बजाए सभी के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए।
संबंधित आर्टिकल
आशा है कि आपको, अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ (Apni khichdi alag pakana muhavare ka arth) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।