जानें मध्यकालीन भारत के महान शासक अकबर का शासन काल का संपूर्ण इतिहास

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जानें मध्यकालीन भारत के महान शासक अकबर के शासनकाल का संपूर्ण इतिहास

मध्यकालीन भारत के इतिहास में सबसे महान शासकों में से एक ‘अबुल-फतह जलाल उद-दिन मुहम्मद अकबर’ मुगल वंश का तीसरा और सबसे शक्तिशाली शासक था। सिर्फ 13 वर्ष की उम्र में ही मुग़ल शासक अकबर, मुगल साम्राज्य की सत्ता सँभालने लगा और धीरे धीरे उसने पंजाब, दिल्ली, आगरा, राजपुताना, गुजरात, बंगाल, काबुल, बलूचिस्तान, कंधार व उत्तर प्रदेश के साथ साथ अन्य प्रदेशों और राज्यों पर कब्ज़ा कर लिया। अकबर एक कुशल शासक था जिनका नाम पूरी दुनिया में मशहूर हैं। आज हम आपके सामने महान अकबर का शासन काल बताने वाले हैं। इसके साथ ही उनके वंश से संबंधित जानकारी भी प्रदान करेंगे। इसके लिए आपको ये लेख अंत तक पढ़ना होगा।

मुग़ल वंश का संक्षिप्त इतिहास

1526 ई. में बाबर द्वारा मुगल साम्राज्य की स्थापना की गई और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के आने तक मुगलों ने भारत पर शासन किया। मुग़ल राजवंश ने भारत में करीब तीन सौ वर्षों तक राज किया। ऐसे में भारत के इतिहास में मुग़ल वंश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। काफी हद तक भारत की सांस्कृतिक और भौगौलिक स्वरूप में बदलाव लाने का जिम्मा भी मुग़ल वंश को ठहराया जा सकता है। 

मुगल वंश के शासकों की लिस्ट

नीचे दिए गए टेबल के द्वारा संक्षिप्त में जानिए मुगल वंश के शासकों के नाम:- 

शासक का नाम शासनकाल 
बाबर 30 अप्रैल 1526-26 दिसम्बर 1530
हुमायूं 30 अप्रैल 1526-26 दिसम्बर 1530
अकबर27 जनवरी 1556-27 अक्टूबर 1605
जहांगीर27 अक्टूबर 1605-8 नवम्बर 1627
शाहजहाँ8 नवम्बर 1627-31 जुलाई 1658
औरंगजेब31 जुलाई 1658-3 मार्च 1707
बहादुरशाह19 जून 1707-27 फ़रवरी 1712
जहांदार शाह27 फ़रवरी 1712-11 फ़रवरी 1713
फर्रुख्शियार11 जनवरी 1713-28 फ़रवरी 1719
मोहम्मद शाह27 सितम्बर 1719-26 अप्रैल 1748
अहमद शाह बहादुर26 अप्रैल 1748-2 जून 1754
आलमगीर द्वितीय2 जून 1754-29 नवम्बर 1759
शाह आलम द्वितीय24 दिसम्बर 1760-19 नवम्बर 1806
अकबर शाह द्वितीय19 नवम्बर 1806-28 सितम्बर 1837
बहादुर शाह द्वितीय28 सितम्बर 1837-14 सितम्बर 1857

जानिए मुग़ल साम्राज्य के तीसरे शासक अकबर के बारे में 

अकबर का नाम मुगल वंश के सबसे शक्तिशाली बादशाहो में शुमार था। मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही उन्हें शासक बना दिया गया था, मुग़ल सम्राट अकबर द्वारा मुगल सम्राज्य की सत्ता संभालने के बाद, साम्राज्य की एक नई शुरुआत मानी गयी। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान भारतीय उपमहाद्धीप के ज्यादातर हिस्सों पर अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया और आगरा किला, बुलंद दरवाज़ा, फतेहपुर सीकरी, हुमायूं मकबरा समेत कई वास्तुशिल्प कृतियों का भी निर्माण करवाया। अकबर का अपना “दीन ए इलाही” धर्म था।

महान शासक अकबर का संक्षित जीवन परिचय 

मोहम्मद जलाल्लुद्दीन अकबर के नाम से प्रसिद्धी पाने वाले मुग़ल शासक अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को हुआ था। उनके बचपन का नाम ‘अबुल-फतह जलाल उद-दिन मुहम्मद अकबर’ था। वह नसीरुद्दीन हुमायूँ के पुत्र थे। अकबर ने कम उम्र में ही शिकार करना और युद्ध करना सीख लिया था। इसके साथ साथ वह प्रत्येक क्षेत्र में माहिर हो गए थे। ऐसे में उन्हें कम उम्र में ही सत्ता सँभालने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। इतिहास में सबसे सफल मुग़ल शासक के रूप में जाना जाने वाला अकबर एक ऐसा राजा था जिसने हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों को प्यार से स्वीकार किया। अकबर सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु था। अकबर की 25 से अधिक पत्नियां थीं जो अधिकांश दूसरे धर्मों की थीं।

अकबर का शासन काल 

जनवरी 1556 ई. में हुमायूं की मृत्यु के बाद, उसके बेटे अकबर का राज्याभिषेक बैरम खां की देखरेख में किया गया। इस प्रकार अकबर मुग़ल वंश का तीसरा शासक बन तो गया लेकिन बैरम खां अकबर के अंगरक्षक की भूमिका में था। 1560 ई. में बैरम खां के सेवानिवृत्त होने के बाद, अकबर ने अपने दम पर शासन करना शुरू किया। अपने शासनकाल के दौरान अकबर ने सबसे पहले 1561 ई. में मालवा पर हमला कर, कब्जा कर लिया। 1562 ई. में, अकबर ने अजमेर के राजा बिहारी मल की बेटी से शादी की। 1568 ई. में अकबर ने चितौड़ के किले पर कब्ज़ा कर लिया, जिसके बाद 1570 ई. में कई राजपूत शासकों ने अकबर की सर्वोच्चता के विरुद्ध आत्मसमर्पण कर दिया और उसे अपना सम्राट मान लिया। 

 1573 ई. में अकबर ने गुजरात पर कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद अकबर की नज़र बंगाल पर पड़ी और 1575 में बंगाल के अफगान शासकों ने अकबर के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया। इसके बाद अपने शासनकाल के अंत में, अकबर ने 1586 में कश्मीर, 1591 में सिंध और 1595 में अफगानिस्तान पर विजय प्राप्त की और 1601 में खानदेश, अहमदनगर और बरार का कुछ भाग अकबर के साम्राज्य में मिल गया। इस तरह अपने पूरे शासनकाल में अकबर ने भारतीय उपमहाद्वीप के दो-तिहाई हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया था। 

अकबर का साम्राज्य

अकबर का शासन काल 15 सूबों में बँटा था, जो कि निम्नलिखित है:- 

  • काबुल
  • लाहौर (पंजाब) जिसमें कश्मीर भी शामिल था
  • मुल्तान-सिंध
  • दिल्ली
  • आगरा
  • अवध
  • इलाहाबाद
  • अजमेर
  • अहमदाबाद
  • मालवा
  • बिहार
  • बंगाल-उड़ीसा
  • खानदेश
  • बरार और
  • अहमदनगर

अकबर की मृत्यु

अकबर का पुत्र जहांगीर, जो जोधा बाई की कोख से पैदा हुआ था। वह काफी समय से शासन अपने हाथों में लेने की कोशिश कर रहा था। जब अकबर दक्कन के अभियान में व्यस्त था उसी समय जहाँगीर ने उत्तर भारत में विद्रोह कर दिया और उस दौरान उसने अकबर के सबसे प्रिय नवरत्नों में से एक अबुल फज़ल की हत्या करवा दी। इस घटना के बाद अकबर का स्वास्थ्य दिन-ब-दिन गिरता चला गया और 63 वर्ष की उम्र में उसकी मृत्यु हो गई। अकबर की मृत्यु के बाद अकबर का शासन काल समाप्त हो गया।

FAQs

अकबर का शासन काल कितने साल तक चला था?

बादशाह अकबर ने 49 वर्ष 9 महीने तक मुगल सल्तनत पर शासन किया था। 

मुगल साम्राज्य की स्थापना कब और किसने की थी।

मुगल साम्राज्य की स्थापना 1526 में बाबर द्वारा की गई थी।

मुगलों में सबसे ताकतवर शासक कौन था?

जहांगीर, अकबर के बाद मुगल साम्राज्य का सबसे महान बादशाह रहा है। 

अकबर का पूरा नाम क्या था?

अकबर का पूरा नाम ‘अबुल-फतह जलाल उद-दिन मुहम्मद अकबर’ था। 

अकबर को किसने हराया था?

अंतिम हिन्दू शासक हेमू विक्रमादित्य ने अकबर को उसकी विशाल सेना के साथ हराकर अपना नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखवा लिया था। 

आशा है कि आपको अकबर के शासन काल के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही इतिहास से संबंधित अन्य ब्लॉग्स को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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