चंद्रयान-3 की लाॅन्चि के बाद भारतीय स्पेश एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक और प्रक्षेपण सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक मिशन के लिए तैयारी कर रहा है। आदित्य-एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन होगा। इस ब्लाॅग में हम Aditya L1 Mission Launch Date और इसके महत्व के बारे में जानेंगे।
मिशन का नाम | आदित्य एल-1 (Aditya L1 Mission) |
बाॅडी | ISRO |
लाॅन्चिंग डेट | सितंबर |
सूर्य पर पहुंचने की डेट | तय नहीं |
Aditya L1 लाॅन्चिग जगह | आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से। |
ऑफिशियल वेबसाइट | isro.gov.in |
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Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन क्या है?
Aditya-L1 Mission सूर्य की स्टडी करने वाला इंडिया का पहला साइंस मिशन है। इसके अलावा सौर पवन की उत्पत्ति की स्टडी और अंतरिक्ष मौसम पर प्रभाव की स्टडी भी करेगा। आदित्य-एल1 सूर्य को करीब से देखेगा और उसके वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करेगा। यह सूर्य के कोरोना, सौर उत्सर्जन, सौर हवाओं और फ्लेयर्स, और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) का अध्ययन करने के लिए सात पेलोड (उपकरण) से लैस है, और सूर्य की 24 घंटे इमेजिंग करेगा।
Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन कब लाॅन्च होगा?
इसरो के अनुसार, Aditya L1 Mission Launch Date अभी तय नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Aditya-L1 Mission को सितंबर के पहले सप्ताह में लाॅन्च किया जा सकता है। यह बेंगलुरु में राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) में बनाया गया और लाॅन्चिग के लिए इसे 14 अगस्त, 2023 को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पहुंचाया गया है।
Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन क्यों महत्वपूर्ण है?
Aditya L1 Mission Launch Date जानने अलावा आदित्य L1 मिशन क्यों महत्वपूर्ण है के बारे में यहां बताया गया हैः
- जर्मनी, अमेरिका और यूरोपीय स्पेश एजेंसी के बाद भारत सूर्य के पास अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
- अंतरिक्ष साइंस की फील्ड में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता पा चुका है और अब सूर्य के पास यान भेजकर अपनी स्पेश शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
- यह निरंतर दृश्य सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव की वास्तविक समय पर निगरानी करने में सक्षम बनाता है।
- आदित्य-एल1 का प्राथमिक उद्देश्य क्रोमोस्फीयर और कोरोना सहित सूर्य के ऊपरी वायुमंडल के गतिशील व्यवहार का अध्ययन करना है। मिशन क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग और सौर विस्फोट की घटनाओं की शुरुआत जैसी प्रक्रियाओं को समझना चाहता है।
- सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव का अवलोकन करके, मिशन का उद्देश्य कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) जैसी सौर घटनाओं और पृथ्वी के अंतरिक्ष पर्यावरण पर उनके प्रभाव को समझने में योगदान देना है।
- आदित्य-एल1 सूर्य से कण गतिशीलता पर मूल्यवान डेटा प्रदान करेगा, जो सौर वायु, कण प्रसार और सौर वातावरण में आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा के अध्ययन में योगदान देगा।
Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन (इसरो) के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
Aditya L1 Mission Launch Date जानने से पहले हमें Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन (इसरो) के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य जरूर जानने चाहिए, जोकि इस प्रकार हैंः
- अंतरिक्ष यान द्वारा सात विज्ञान पेलोड ले जाए जाते हैं, जिनका वजन 1,500 किलोग्राम (3,300 पाउंड) होता है। मिशन के लिए उपयोग किए गए पेलोड:
- दृश्यमान उत्सर्जन रेखा कोरोनाग्राफ (BELC)
- सौर पराबैंगनी इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT)
- आदित्य सौर पवन कण प्रयोग (ASPEX)
- आदित्य के लिए प्लाज्मा एनालाइज़र पैकेज
- सौर निम्न ऊर्जा एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS)
- उच्च ऊर्जा L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS)
- मैग्नेटोमीटर।
- इसे लॉन्च करने के लिए पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) XL का इस्तेमाल किया गया।
- मिशन आदित्य एल1 में इसरो के नेतृत्व वाले पिछले मिशनों की तुलना में कम चलने वाले हिस्से हैं, जिससे अंतरिक्ष में टकराव का खतरा कम हो जाता है।
FAQs
आदित्य एल-1 सूर्य का स्टडी करने के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है।
ISRO की फुल फाॅर्म Indian Space Research Organization है।
आदित्य एल-1 मिशन।
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको Aditya L1 Mission Launch Date की पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।