आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ (Acharya Ka Thikana Na Rehna Muhavare Ka Arth) होता है, जब कोई व्यक्ति किसी चीज को या किसी बात को सुनकर बहुत अधिक आश्चर्य चकित हो जाता है। तो उसके लिए हम आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ क्या है?
आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ (Acharya Ka Thikana Na Rehna Muhavare Ka Arth) होता है- अत्यधिक आश्चर्य चकित होना, भौचक्का होना आदि।
आश्चर्य का ठिकाना न रहना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ” क्लास 2 में पढ़ने वाले लड़के ने 12th क्लास के सवालों के जवाब बहुत ही जल्दी दे दिए, यह देख कर स्कूल के सभी टीचरों का आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- कल शुभम एक मंदिर घूमने गया, वहां की चीजों को देख कर उसके आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
- कल अनुराग ने मुझसे ऐसी बात कही की उसे सुनकर मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
- देवांग ने ऑफिस में पहली बार ऐसा काम किया की सभी के आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
- रोहन ने जब अपने घर पर बहुत महंगी कार देखी, तो उसके आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
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आशा है कि आश्चर्य का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ (Acharya Ka Thikana Na Rehna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।