यूके की टॉप यूनिवर्सिटी स्कॉलरशिप हुई एक भारतीय छात्र के नाम। बैंगलोर के इस छात्र ने GBP 5,000 की स्कॉलरशिप को अपने नाम कर दिखाया है, जोकि एक बड़ी खबर मानी जा रही है। रणवीर सिंह एक 18 साल का नवयुवक है जो यूनिवर्सिटी ऑफ़ डंडी, यूके का अंडरग्रेजुएट छात्र है।
रणवीर मुख्यतः साइकोलॉजी और फ्रेंच का छात्र है जिसे जयंती दास सागर मेमोरियल स्कॉलरशिप उनकी एक्सीलेंस के लिए नवाज़ा जा रहा है। यह स्कॉलरशिप उन छात्रों का समर्थन करती है जिनका लक्षय अपन समुदाय को वापस देना है।
इस अवार्ड पर रौशनी डाली जाए तो यह अवार्ड मुख्य रूप से हर साल भारत से आए एक एस्पाइरिंग स्टूडेंट को दिया जाता है। यह डॉक्टर जयंती दास सागर जोकि स्कॉटलैंड के पहले नॉन-वाइट पॉलिटिशियन थे, उनको सम्मानित करने हेतु दिया जाता है।
डॉ जयंती दास सागर लगभग सौ साल पहले पंजाब से यूनिवर्सिटी पढ़ने की चाह से आये थे। उन्होंने अपनी मेडिकल एजुकेशन का इस्तमाल डंडी में रहने वाले लोगो की ज़िंदगी बेहतर बनाने में किया और 18 साल सेवा की। 1954 में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।
रणवीर सिंह अपने विषय साइकोलॉजी को अहम मानते हैं और अपने काम को लेकर ग्रेटफुल हैं। उन्होंने अपनी स्टेटमेंट में कहा कि मैं साइकोलॉजी इसलिए पढ़ना चाहता हूँ क्योंकि मई खुद मेन्टल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों से जूंझ चूका हूँ। हालांकि भारत में स्पोर्ट मौजूद है लेकिन फिर भी सामाजिक रूप से अभी भी कुछ बाधाएं मौजूद हैं। मैं खुदको खुशकिस्मत मानता हूँ कि मुझे यह स्कॉलरशिप से नवाज़ा गया है।
उन्होंने अपनी बात में यह भी जोड़ा कि मेरी उम्मीद यह है कि मैं अपनी पढ़ाई को एक थेरेपिस्ट के रूप में इस्तमाल कर सकूं। जिससे मैं उन लोगों को वो सहयोग दे पाऊं जो मुझे कभी नहीं मिल पाया। इस स्कॉलरशिप के साथ सिंह को ग्लोबल एक्सेलेंस स्कॉलरशिप से भी नवाज़ा जा चुका है जिसकी वर्थ 6000 पाउंड है।
यह स्कॉलरशिप उन स्टूडेंट्स को दिया जाता है जो अपनी एकेडेमिक एक्टिविटीज़ से अपनी एक्सेलेंस का प्रमाण देते हैं साथ ही यूके में इंटरनेशनल तौर पर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। रणवीर ने अपनी एक स्टेटमेंट में यूके को साइकोलॉजी की पढ़ाई के लिए दुनिया में सबसे बेस्ट बताया है जोकि उनका यूके को चुनने का मुख्य कारण बना।
स्कॉलरशिप स्टडी अब्रॉड को चुनने वाले छात्रों की जर्नी का एक मुख्य हिस्सा रही है और हमेशा रहेगी। यह स्कॉलरशिप न सिर्फ रणवीर जैसे छात्रों का उनके सपनो तक पहुंचने में मनोबल बढ़ाती है बल्कि आर्थिक रूप से काफी स्पोर्टिंग भी साबित होती है। रणवीर जैसे कईं स्टूडेंट्स जो अपने ज्ञान से अपने आस पास मौजूद जनता और समाज का भला करने की चाह रखते है उनके लिए ऐसी बेहतरीन स्कॉलरशिप्स का योगदान हर यूनिवर्सिटी, हर इंस्टिट्यूट द्वारा किया जाना चाहिए।
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