जर्मन राजदूत: करीब 15 फीसदी छात्रों ने जर्मनी में पढ़ने के लिए जमा किए फर्जी दस्तावेज

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जर्मनी में पढ़ने के लिए 15 फीसदी छात्रों ने जमा किए फर्जी दस्तावेज

पिछले हफ्ते भारत में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा कि छात्र वीजा के लिए आवेदन करने वाले लगभग 15% भारतीय छात्र फर्जी दस्तावेज जमा करते हैं।

फिलिप एकरमैन ने सुझाव दिया कि लगभग 10 से 15 प्रतिशत वीजा आवेदनों में धोखाधड़ी शामिल है और अधिकारियों को दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल योग्य भारतीय छात्र ही जर्मनी जाएं। यह दर्शाता है कि कुछ एजेंट ने छात्रों को गुमराह किया है।

एकरमैन ने स्थिति को “दिल तोड़ने वाला” बताया और कहा कि देश में भारतीय छात्रों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के हर संभव प्रयास चल रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जर्मन अधिकारी कुछ विश्वविद्यालयों के संपर्क में भी हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय छात्र अपनी पढ़ाई से न चूकें।

फिलिप एकरमैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “हम मौजूदा स्थिति से बहुत नाखुश हैं। यह हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि हम चाहते हैं कि भारतीयों को आसानी से और जल्दी वीजा मिले। हम और आप जानते हैं कि हम इस प्रोसेस को उस तरह से नहीं कर पाए हैं जैसा हम चाहते हैं। यह हमारे लिए बहुत चिंता का विषय है। हम एक समाधान खोजने और इसे एक तेज और आसान प्रक्रिया बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”

फिलिप एकरमैन ने स्वीकार किया कि वीजा के लिए आवेदन करने वाले कुछ भारतीय छात्रों को कुछ संस्थानों में आगामी सेमेस्टर के लिए समय पर वीजा नहीं मिल पाएगा। आगे उन्होंने कहा कि हम कुछ विश्वविद्यालयों से वीजा के मुद्दे पर बात कर रहे हैं। इसमें कई अड़चनें हैं।

महामारी के बाद यात्रा खुलने के बाद, विदेशों में पढ़ाई करने के लिए कई छात्र विदेश जाना चाहते हैं, और कनाडा और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों ने मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष किया है।

हालांकि, ज्यादातर देशों ने छात्र वीजा को प्राथमिकता दी है और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए मदद की घोषणा की है, जिन्हें अभी तक वीजा नहीं मिल सका है।

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