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उत्तर : विशेषण हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है। सरल शब्दों में कहा जाए तो, जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। विशेषण शब्दों का उपयोग किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या गुणधर्म का विस्तार से वर्णन करने के लिए किया जाता है। ये शब्द वाक्य को अधिक स्पष्ट, सुंदर और अर्थपूर्ण बनाते हैं।
Detailed Solution
विशेषण की परिभाषा (Visheshan Ki Paribhasha)
“जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता या गुण को प्रकट करे, उसे विशेषण कहते हैं।”
विशेषण शब्द हमें यह बताते हैं कि कोई व्यक्ति, वस्तु या स्थान कैसा है, कितने हैं, किस रंग का है, किस प्रकार का है आदि।
विशेषण के उदाहरण (Examples of Visheshan)
- सुंदर फूल खिला है।
(यहाँ ‘सुंदर’ शब्द फूल की विशेषता बता रहा है।) - तीव्र हवा चल रही है।
(यहाँ ‘तीव्र’ हवा की गति का गुण बता रहा है।) - वह तीन सेब लेकर आया।
(यहाँ ‘तीन’ संख्या का विशेषण है।) - लाल गाड़ी सड़क पर दौड़ रही है।
(यहाँ ‘लाल’ गाड़ी के रंग की विशेषता बता रहा है।)
विशेषण के प्रकार (Types of Visheshan)
विशेषण को मुख्यतः चार प्रकारों में बाँटा गया है:
- गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality):
जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, रूप, अवस्था आदि का बोध कराए।
उदाहरण: अच्छा, सुंदर, बहादुर, मीठा - संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Quantity or Number):
जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या या परिमाण को प्रकट करे।
उदाहरण: तीन, कुछ, बहुत, आधा - परिमाणवाचक विशेषण (Adjective of Quantity):
जो मात्रा या परिमाण को बिना गिनती के व्यक्त करे।
उदाहरण: थोड़ा, अधिक, पूरा - सर्वनामिक विशेषण (Pronominal Adjective):
जो सर्वनाम की तरह किसी संज्ञा की विशेषता प्रकट करे।
उदाहरण: यह, वह, कौन सा, मेरा
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