Vernier Caliper in Hindi: वर्नियर कैलिपर एक यांत्रिक उपकरण होता है जिसका उपयोग वस्तुओं के बाहरी और आंतरिक आयामों (जैसे लंबाई, चौड़ाई, गहराई आदि) को बहुत सटीकता से मापने के लिए किया जाता है। यह एक मुख्य स्केल और एक वर्नियर स्केल से बना होता है, जिसके द्वारा माप की गई वस्तु का सटीक माप प्राप्त किया जाता है। बताना चाहेंगे वर्नियर कैलिपर का उपयोग विज्ञान, इंजीनियरिंग, और मैन्युफैक्चरिंग में व्यापक रूप से होता है। इस ब्लॉग में वर्नियर कैलिपर के कार्य के बारे में बताया गया है।
This Blog Includes:
- वर्नियर कैलिपर क्या होता है?
- वर्नियर कैलिपर का आविष्कार किसने किया था?
- वर्नियर कैलिपर का नामांकित चित्र
- वर्नियर कैलिपर्स का सिद्धांत
- वर्नियर कैलिपर के माप
- वर्नियर कैलिपर के प्रकार
- वर्नियर कैलिपर की संरचना
- वर्नियर कैलिपर की कार्यविधि
- वर्नियर कैलिपर के मुख्य भाग
- वर्नियर कैलिपर्स का उपयोग
- वर्नियर का अल्पतम माप
- अल्पतम माप कैसे निकालें?
- FAQs
वर्नियर कैलिपर क्या होता है?
वर्नियर कैलिपर (Vernier Caliper) का प्रयोग मुख्य रूप से मापने की छोटी इकाइयों के लिए किया जाता है, जैसे मिलीमीटर या माइक्रोमीटर, जिससे बहुत छोटे और सटीक माप किए जा सकते हैं। इसमें आमतौर पर दो प्रकार के स्केल होते हैं: एक मुख्य स्केल जो माप का सामान्य मान दिखाता है, और दूसरा वर्नियर स्केल, जो सूक्ष्म भिन्नताओं को मापता है और इस प्रकार अधिक सटीक माप प्राप्त करने में मदद करता है। यह एक प्रकार का माइक्रोमीटर है जिसका उपयोग हम ऐसी जगहों पर करते हैं जहां पर किसी बड़े नापने वाले उपकरण का प्रयोग नहीं किया जा सकता। इसका उपयोग विज्ञान, इंजीनियरिंग, और मैन्युफैक्चरिंग में व्यापक रूप से होता है।
वर्नियर कैलिपर का आविष्कार किसने किया था?
वर्नियर कैलिपर का आविष्कार Pierre Vernier नामक एक फ्रांसीसी गणितज्ञ और खगोलज्ञ ने सन 1631के आसपास किया था। इन्हीं के नाम पर इसका नाम वर्नियर कैलिपर्स रखा गया था। उन्होंने इस उपकरण को सटीक मापों के लिए डिज़ाइन किया था, ताकि मापने में और अधिक सटीकता प्राप्त की जा सके।
वर्नियर कैलिपर का नामांकित चित्र
वर्नियर कैलिपर्स का सिद्धांत
मुख्य स्केल के एक भाग (M.S.D.) तथा वर्नियर स्केल के एक भाग (V.S.D.) के परिणामों के अंतर को इस उपकरण का अल्पतमांक कहते हैं, क्योंकि यह वह छोटी से छोटी दूरी है जिसे इस उपकरण द्वारा मापा जा सकता है।
n V.S.D. = (n-1) M.S.D.
उपयोग किए जाने वाले सूत्र
- वर्नियर कैलिपर्स का अल्पतमांक = मुख्य स्केल के छोटे से छोटे भाग का परिणाम/ वर्नियर स्केल पर कुल भागों की संख्या
वर्नियर कैलिपर के माप
वर्नियर कैलिपर में मेन स्केल के एक भाग का मान 1mm होता है। तथा वर्नियर स्केल का एक भाग का मान 0.90 mm होता है इस प्रकार दोनों की अंतर 0.01 mm इस वर्नियर स्केल का अल्पतमांक होता है।
वर्नियर कैलिपर के प्रकार
वर्नियर कैलिपर के प्रकार निम्नलिखित हैं-
- फ़्लैट ऐज वर्नियर कैलिपर
- नाईप ऐज वर्नियर कैलिपर
- डेफ्थ वर्नियर कैलिपर
- गियर टूथ वतवरणीयर कैलिपर।
वर्नियर कैलिपर की संरचना
Vernier Caliper in Hindi में वर्नियर पैमाना मुख्य पैमाने से जुड़ा हुआ एक छोटा पैमाना होता है, जिस पर समान दूरियों पर कुछ चिन्ह लगे होते हैं। इन चिन्हों की संख्या व इनके बीच की दूरी इस बात से निर्धारित होती है कि मुख्य पैमाने का अल्पतम माप, प्रभावी रूप से कितना कम करना है। वर्नियर पैमाना, मुख्य पैमाने पर आगे-पीछे सरकाया जा सकता है। वर्नियर का सर्वाधिक अधिक प्रचलित रूप वर्नियर कैलिपर्स है। चित्र-1 में इसी तरह का एक पैमाना दिखाया गया है। इसमें मुख्य पैमाने का अल्पतम माप 1 मिलीमीटर है। अब अगर हम 1 मिलीमीटर के दसवें हिस्से तक पाठ्यांक लेना चाहते हैं, तो वर्नियर पैमाने पर समान दूरियों पर 10 भाग इस प्रकार बनाए जाते हैं कि वे मुख्य पैमाने के 9 भागों यानी 9 मिलीमीटर के बराबर हों।
- अर्थात वर्नियर के 10 भाग = मुख्य पैमाने के 9 भाग यानी 9 मिमी
- अतः वर्नियर के 1 भाग का मान = 0.9 मिलीमीटर
वर्नियर कैलिपर की कार्यविधि
अब इस Vernier Caliper in Hindi में वर्नियर की कार्यविधि समझते हैं। जब वर्नियर कैलिपर के जबड़ों के बीच कोई वस्तु न रखी हो तब मुख्य पैमाने का शून्य वर्नियर के शून्य के एकदम सामने होता है। शून्य त्रुटि न होने पर वर्नियर का दसवां चिन्ह मुख्य पैमाने के 9वें चिन्ह के सामने आ जाता है। इस अवस्था में मुख्य पैमाने के 1 भाग व वर्नियर पैमाने के 1 भाग के मान का अंतर इतना होगाः1 मिमी-0.9 मिमी = 0.1 मिमी
- अतः यह स्पष्ट है कि वर्नियर का पहला चिन्ह मुख्य पैमाने के पहले चिन्ह मे 0.1 मिमी पहले आता है। वर्नियर का दूसरा चिन्ह मुख्य पैमाने के दूसरे चिन्ह से 0.2 मिमी पहले आता है।
- वर्नियर का दसवां चिन्ह मुख्य पैमाने के दसवें चिन्ह से 1 मिमी पहले आता है अर्थात यह मुख्य पैमाने के 9 मिमी के निशान के सामने आता है। इस तथ्य को चित्र-1 में दर्शाया गया है।
- उपरोक्त विवरण एवं चित्र-1 से स्पष्ट है कि यदि जबड़ों के मध्य रखी। वस्तु का आकार 0.1 मिलीमीटर हो तो – वर्नियर 0.1 मिमी आगे सरकेगा व उसका पहला चिन्ह मुख्य पैमाने के पहले चिन्ह से संपाती होगा यानी सामने आएगा।
- वस्तु का आकार 0.2 मिमी हो तो-वर्नियर का दूसरा चिन्ह मुख्य पैमाने के दूसरे चिन्ह से संपाती होगा।
- वस्तु का आकार 0.9 मिमी हो तो वर्नियर का नौवां चिन्ह मुख्य पैमाने उदाहरणार्थ यदि किसी वस्तु का के नवे चिन्ह से संपाती होगा।
वर्नियर कैलिपर के मुख्य भाग
वर्नियर कैलिपर क्या है जानने के साथ-साथ इसके मुख्य भाग भी जान लेता हैं, जो नीचे मौजूद हैं-
- भीतरी जबड़े :- किसी वस्तु का अन्दर का व्यास या डाया नापने के लिए।
- बाहरी जबड़े :- किसी वस्तु का बाहर का व्यास या मोटाई नापने के लिए।
- गहराई माप :- किसी वस्तु या Dia या Bor का गहराई (Depth) नापने के लिए।
- मुख्य पैमाना :- इस पर मिमि (mm) के निशान बने होते हैं।
- मुख्य पैमाना :- इस पर इंच और उसके छोटे भाग के निशान बने होते हैं।
- वर्नियर पैमाना :- यह मुख्य पैमाने से 1/10mm का साईज बताता है।
- वर्नियर पैमाना :- यह ऊपर बताए गए को इंच में पढ़ता है।
- रिटेनर :- इसे कस देने पर वर्नियर कैलिपर के जबड़े लाॅक हो जातें हैं। मापने के बाद भी हिलने जुलने पर भी माप नहीं बदलता है।
वर्नियर कैलिपर्स का उपयोग
वर्नियर कैलिपर्स का उपयोग इस प्रकार हैं:-
- छोटी गोलीय/बेलनाकार वस्तु का व्यास मापने के लिए।
- ज्ञात द्रव्यमान की नियमित वस्तु की विमाओं को मापने में तथा उसका घनत्व ज्ञात करना।
- बेलनाकार वस्तु जैसे गिलास व कैलोरीमीटर का आंतरिक व्यास एवं गहराई मापने में एवं उसका आयतन परिकलित करना।
- किसी शाफ्ट का बाहरी व्यास मापने में।
- खोखली शाफ्ट या बियरिंग का अंदरूनी व्यास मापने में।
वर्नियर का अल्पतम माप
Vernier Caliper in Hindi में वर्नियर का आविष्कार सन् 1930 में वैज्ञानिक पियरे वर्नियर ने किया था। इसकी सहायता से किसी भी पैमाने का अल्पतम माप प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। सामान्यतः किसी पैमाने का अल्पतम माप उस पर खींचे दो पास-पास के किन्हीं चिन्हों के बीच का माप होता है। इन चिन्हों को और पास-पास लाकर अल्पतम माप कम किया जा सकता है यानी मापन की बारीकी बढ़ाई जा सकती है। लेकिन ऐसा एक निश्चित सीमा तक ही संभव है। उसके पश्चात पास-पास के चिन्हों में अंतर कर पाना कठिन होता जाता है। वर्नियर पैमाना इस कठिनाई को कुछ हद तक दूर करता है।
अल्पतम माप का सूत्र
अगर गणित में आपकी रुचि हो तो आप सूत्र से भी पता कर सकते हैं कि दिए गए Vernier Caliper in Hindi में वर्नियर पैमाने का अल्पतम नाप क्या है; या फिर सूत्र से ही खोज सकते हैं कि किसी विशेष अल्पतम नाप का वर्नियर स्केल कैसा बनेगा। मुख्य पैमाने के अल्पतम माप (मानो s) को जितने गुना कम करना हो, (मानो n गुना कम करना है) उतने भाग वर्नियर पर समान दूरियों पर हों तथा ये भाग मुख्य पैमाने के (n-1) भाग के बराबर हों, तो वर्नियर की सहायता से (S/n) तक नाप ली जा सकती है।
इस प्रकार वर्नियर के n भाग = मुख्य पैमाने के (n-1) भाग
अतः वर्नियर के 1 भाग का मान = [(n-1)/n] x S
=(n-1) s/n
वर्नियर का अल्पतम माप = मुख्य पैमाने के 1 भाग का मान – वर्नियर के 1 भाग का मान
= s – (n-1)s/n
= s – ns/n + s/n = s/n
= (मुख्य पैमाने के 1 भाग का मान )/(वर्नियर पर अंकित कुल भाग )
वर्नियर का अल्पतम माप = (मुख्य पैमाने पर अल्पतम माप )/(वर्नियर पर अंकित कुल भाग )
इस तरह यह बात साफ हो जाती है कि इन दोनों तरीकों से वर्नियर के अल्पतम माप का सिद्धांत समझा जा सकता है।
इस प्रकार 1 मिली के दसवें हिस्से का पाठ आसानी से लिया जा सकता है
अल्पतम माप कैसे निकालें?
उदाहरणार्थ यदि किसी वस्तु का आकार 4.55 सेंटीमीटर है और उसे वर्नियर कैलिपर्स के जबड़ों के बीच फंसाया जाता है तो वर्नियर का शून्य मुख्य पैमाने के 4.5 व 4.6 सेमी के बीच आएगा; और वर्नियर का 5वां चिन्ह मुख्य पैमाने के किसी निशान की सीध में मिलेगा। (इस स्थिति में वह 5 सेमी के चिन्ह से संपाती होगा)। यहां ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि वर्नियर का कौन-सा चिन्ह मुख्य पैमाने के किसी भी निशान की एकदम सीध में आता है, यही महत्वपूर्ण है। यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है कि वह मुख्य पैमाने के कौन-से चिन्ह की सीध में है।इस प्रकार वर्नियर पैमाना लगाने पर पैमाने का प्रभावी अल्पतम माप = मुख्य पैमाने के 1 भाग का मान – वर्नियर के 1 भाग का मान
= .1मिमी-0.9 मिमी.= 0.1 मिमी.
इसी तरह अगर हमें एक ऐसा वर्नियर पैमाना बनाना हो जिससे (0.05 मिलीमीटर तक की दूरी नापी जा सके तो वर्नियर पैमाने को इस तरह बनाना होगा कि उसका प्रत्येक खंड मुख्य पैमाने के एक खंड से 0.05 मिलीमीटर कम हो। ऐसा तभी संभव है जब वर्नियर पैमाने के 20 खंड मुख्य पैमाने के 19 खंड के एकदम बराबर हों क्योंकि अगर वर्नियर पैमाने का प्रत्येक खंड 0.05 मिलीमीटर छोटा है तो वर्नियर पैमाने के 20 खंड मुख्य पैमाने से 0.05 x 20 = 1 मिलीमीटर कम होंगे।
FAQs
0.10 mm
0.01 मिमी
अल्पतमांक
0.001 सेमी.
वर्ष 1631
0.09 मिमी
एक माइक्रोमीटर सामान्य मामलों में 0.01 मिमी तक के अंतर को मापने में सक्षम है। वर्नियर कैलिपर में केवल चरम मामलों में 0.05 के रूप में छोटे अंतर को मापने की क्षमता है।
मुख्य स्केल के एक भाग का मान है तो वर्नियर का अल्पतमांक मिमी तथा वर्नियर स्केल के कुल खानों की संख्या मिमी = 0.1 मिमी = 0.01 सेमी होगा। करते हैं अर्थात् 4 x 0.01 = 0.04 सेमी यह वर्नियर स्केल पाठ है। = 2.3 + 0.04 = 2.34 सेमी इस प्रकार दी गई वस्तु को व्यास 2.34 सेमी है।
आशा है कि आपको इस ब्लॉग में वर्नियर कैलिपर क्या है (Vernier Caliper in Hindi) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और इंडियन एग्जाम से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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Good
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Good