नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) क्या होती है?
नीली अर्थव्यवस्था का तात्पर्य आर्थिक विकास और बेहतर आजीविका हेतु समुद्री संसाधनों के उपयोग और सागरीय एवं पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य सम्बन्धी संरक्षण से है।
- भारत में नीली अर्थव्यवस्था के अंतर्गत नौ परिवहन, पर्यटन, मछली पालन और तटीय गैस एवं तेल आदि शामिल हैं।
- विश्व का 80 प्रतिशत व्यापार समुद्र के माध्यम से किया जाता है। विश्व की 40 % जनसँख्या तटीय इलाके में निवास करती है।
- दुनिया के तीन बिलियन से ज्यादा लोग रोजगार के लिए समुद्र पर निर्भर हैं।
भारत के सन्दर्भ में नीली अर्थव्ययवस्था का महत्व
- भारत के नौ तटीय राज्यों में से 7500 की तटीय रेखा आती है जिसके द्वारा तटीय आर्थिक गतिविधियों के कारण GDP में 4 % का सहयोग मिलता है।
- भारत शिपिंग उद्योग की दृष्टि से एक उभरता हुआ देश माना जा रहा है और आने वाले समय में इसमें बहुत सी संभावनाएं हैं।
- भारत में अपतटीय पवन और सौर ऊर्जा विकसित होने की बहुत ही संभावना है। इससे देश की बढ़ती हुई विद्युत आपूर्ति को पूरा किया जा सकता है।
- नीली अर्थव्ययवस्था के कारण एक्वाकल्चर और समुद्री जैव प्रौद्योगिकी को बहुत ही सहयोग मिलता है। इससे खाद्य समस्या को हल करने में भी बहुत मदद मिलेगी।
- सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में नीली अर्थव्ययवस्था एक बड़ी भूमिका निभाती है।
भारत के सन्दर्भ में नीली अर्थव्ययवस्था के सन्दर्भ में चुनौतियां
इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी : देश के कई तटीय इलाकों में बंदरगाहों, हवाई अड्डों और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। इसके कारण इन क्षेत्रों में विकास को सहयोग नहीं मिल पाता है।
ओवेरफिशिंग : भारत में ओवेरफिशिंग भी एक बड़ी समस्या है क्योंकि इसके कारण मछली भण्डार में भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है।
समुद्री प्रदूषण : सागर में बढ़ते प्रदूषण जैसे प्लास्टिक के कचरों, औद्योगिक अवशेषों आदि के कारण सागर के पारिस्थितिक तंत्र को हानि पहुँचती है और इसका नकारात्मक प्रभाव नीली अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है।
जलवायु परिवर्तन : जलवायु परिवर्तन समुद्री क्षेत्रों के लिए जोखिम पैदा करते हैं जिसका नकारात्मक प्रभाव नीली अर्थव्यवस्था (Blue economy) पर भी पड़ता है।
भारत श्रीलंका समुद्री सीमा विवाद : भारत और श्रीलंका की समुद्री सीमाएं ठीक से तय नहीं हुई हैं, जिस कारण से भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों को लेकर विवाद होता रहता है। इसका कारण से मत्स्य उद्योग को नुकसान होता है जिसका नकारात्मक प्रभाव नीली अर्थव्यवथा (Blue Economy) पर भी पड़ता है।
नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) के उत्थान हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन का विकास किया जाना।
- राष्ट्रीय मत्स्य नीति का बनाया जाना।
- सागरमाला परियोजना
- O smart परियोजना
- सतत विकास के लिए नीली अर्थव्यवस्था पर भारत नॉर्वे वर्कफोर्स
- डीप ओपन मिशन
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