UPSC 2023: UPSC मेंस एग्जाम के लिए भक्ति आंदोलन (Bhakti Movement) टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स

1 minute read
Bhakti movement upsc in Hindi

प्रमुख सुर्खियां  

  • मुस्लिम शासकों के बर्बर और अत्याचारपूर्ण शासन से परेशान होकर लोगों ने भगवान की शरण में  खुद को अधिक सुरक्षित समझते थे इसलिए उन्होंने भक्ति मार्ग का सहारा लिया।  
  • मुस्लिम शासकों द्वारा मूर्तियों को नष्ट करने की वजह से ईश्वर के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा और वे भक्ति मार्ग की ओर बढ़े। 
  • उस समय की वर्ण व्यवस्था की शोषणकारी नीतियों से परेशान  होकर लोग संतों द्वारा दिए गए सौहार्द और सद्भाव से लोग प्रभावित हुए।  

अन्य महत्वपूर्ण बातें 

  • मध्यकाल में भक्ति आंदोलन की शुरुआत सबसे पहले अलवार एवं नयनार संतों द्वारा की गई थी।  
  • 12वीं सदी में इस आंदोलन को दक्षिण भारत से उत्तर भारत में लाने का श्रेय संत रामानन्द को जाता है।  
  • इस आंदोलन में चैतन्य महाप्रभु, नामदेव, जयदेव और संत तुकाराम ने इस आंदोलन को और मजबूत किया।  

भक्ति आंदोलन के महत्व 

  • भक्ति आंदोलन ने लोगों को धार्मिक कर्मकांडों से दूर रखा 
  • भक्ति आंदोलन ने जातिवाद के प्रभाव को कम किया और एकता एवं सौहार्द का सन्देश दिया।  
  • भक्ति आंदोलन से क्षेत्रीय भाषा के साहित्य को भी बहुत प्रोत्साहन मिला।  हिंदी, उर्दू और पंजाबी एवं तमिल, तेलगु जैसी क्षेत्रीय भाषाओ में संतों ने रचनाएं की। 
  • भक्ति आंदोलन में सूफी संतों के भाग लेने के कारण  हिन्दू मुस्लिम एकता को बढ़ावा मिलता है।  

यह भी पढ़ें : 26 जून का इतिहास (26 June Ka Itihas) – 1945 में आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को किया गया था स्वीकार

 ऐसे ही अन्य इंडियन एग्ज़ाम अपडेट्स के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।  

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*