UGC warning Fake Courses: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने कमीशन द्वारा मान्यता प्राप्त प्रोग्राम्स में धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों और संगठनों द्वारा उपयोग किए जाने वाले भ्रामक फर्जी ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम्स के खिलाफ एक सार्वजनिक वार्निंग नोटिस जारी किया है।
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UGC के इस नोटिस का उद्देश्य क्या है?
गौरतलब है कि UGC ने फर्जी ऑनलाइन डिग्रियों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए एक वार्निंग नोटिस जारी किया है। इस नोटिस का उद्देश्य ऑनलाइन डिग्रियों में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकना और उसकी निष्पक्ष जाँच करना है, जिससे समाज में इसके प्रति जागरूकता को फैलाया जा सके। इस नोटिस के माध्यम से स्टेकहोल्डर्स को सलाह दी गयी है कि वे deb.ugc.in पर एनरॉल करने से पहले ऑनलाइन प्रोग्राम को पेश करने वाले मान्यता प्राप्त HEI की सूची की जांच कर लें।
सार्वजानिक नोटिस में क्या कहा गया है?
सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है, “कुछ व्यक्ति/संगठन हायर एजुकेशन सिस्टम के मान्यता प्राप्त डिग्री प्रोग्राम्स के समान ऑनलाइन प्रोग्राम्स/कोर्सेज को पेश कर रहे हैं।
सचिव प्रोफेसर मनीष आर. जोशी ने नोटिस में आगे उल्लेख किया है कि कमीशन केंद्र सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद ही आधिकारिक राजपत्र में एक औपचारिक अधिसूचना के माध्यम से डिग्री नामकरण, अवधि और प्रवेश योग्यता स्थापित करता है। केवल केंद्रीय, प्रांतीय या राज्य अधिनियमों के तहत मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी, डीम्ड यूनिवर्सिटी और संसद अधिनियम द्वारा सशक्त यूनिवर्सिटी ही इन डिग्रियों को प्रदान करने का अधिकार रखती हैं।
इसी नोटिस के माध्यम से उन्होंने यह भी कहा, “हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस को UGC नियमों के अनुसार किसी भी ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम की पेशकश करने के लिए UGC से अप्रूवल प्राप्त करना आवश्यक है।
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