UGC ने फीस, स्काॅलरशिप और रैंकिंग को लेकर जारी किए निर्देश- यूनिवर्सिटीज और काॅलेजों को वेबसाइट पर देनी होगी डिटेल्स

1 minute read
300 universities me Four-year undergraduate programme launch kiya jayega

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फीस और रैंकिंग आदि को लेकर निर्देश जारी किए हैं। अब यूनिवर्सिटी और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स को फीस, रिफंड पाॅलिसी, हाॅस्टल सुविधाओं, स्कॉलरशिप्स, रैंकिंग और मान्यता आदि की डिटेल्स अपनी वेबसाइट पर देनी होगी। हायर एजुकेशन रेगुलेटर की ओर से इस पर ध्यान देने के बाद यह कदम उठाया गया है। 

UGC के अध्यक्ष एम जगदेश कुमार ने कहा कि जब हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तीसरे वर्ष का जश्न मना रहे हैं तो यूनिवर्सिटीज से उनकी वेबसाइट पर उनकी जानकारी देना जरूरी है और हमने जानकारी देने वाली सूचनाओं की एक चेक लिस्ट तैयार की है।

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा जारी चेकलिस्ट में पेटेंट, विदेशी और उद्योग सहयोग (foreign and industry collaborations), इंटर्नल क्वालिटी ऐश्योरेंस सेल, इंटर्नल कंप्लेंट कमिटी, हेल्पलाइन नंबर के साथ ही एंटी-रैगिंग सेल की जानकारी भी शामिल है।

यह भी पढ़ें- UGC का बड़ा फैसला, डिग्री और सर्टिफिकेट्स पर स्टूडेंट्स का आधार नंबर प्रिंट न करें यूनिवर्सिटीज

स्टूडेंट्स के लिए रहेगी पारदर्शिता

यूनिवर्सिटीज की वेबसाइटों पर डिटेल्स आने के बाद एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट्स के लिए पारदर्शिता रहेगी और वह पहले से ही काॅलेजों और यूनिवर्सिटीज के बारे में जान सकेंगे और वहां की पाॅलिसीज समझ सकेंगे। कैंडिडेट्स को फीस व अन्य जानकारी के लिए परेशान नहीं होना होगा और वह काॅलेज या यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर सभी जानकारी पा सकेंगे।

UGC ne Colleges-universities ko apni websites par details dene ke liye nirdesh diye hain

कई काॅलेज और यूनिवर्सिटी पहले से ही सक्रिय

UGC के निर्देश आने से पहले ही कई काॅलेज और यूनिवर्सिटीज ने अपनी डिटेल्स वेबसाइट पर डाल रखी हैं और इनमें प्राइवेट और गवर्मेंट यूनिवर्सिटी और काॅलेज शामिल हैं। हालांकि यह भी देखा गया है कि जिन यूनिवर्सिटीज ने वेबसाइट पर डिटेल्स दी हैं लेकिन वह अधूरी हैं। अब UGC के निर्देशों के बाद से यूनिवर्सिटीज को अपनी सभी जानकारी देनी होगी।

UGC के बारे में

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और विश्वविद्यालय में शिक्षा, परीक्षा और रिसर्च के रेगुलेशंस के समन्वय और रखरखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा भारत सरकार की काॅंस्टिट्यूशनल बाॅडी बन गया। यह यूनिवर्सिटी और काॅलेजों को ग्रांट देता है।

इसी और अन्य प्रकार की Leverage Edu न्यूज़ अपडेट्स के साथ बने रहिए।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*