बैसाखी पंजाब के लोगों का प्रमुख त्यौहार है। बैसाखी फसल के मौसम का स्वागत करने के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बैसाखी को सिख नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। बैसाखी सुख और समृद्धि का प्रतीक है। अक्सर स्टूडेंट्स को स्कूल या कॉलेजों में बैसाखी पर स्पीच देने के लिए कह दिया जाता है। यहाँ Speech on Baisakhi in Hindi 100, 200 और 500 शब्दों में दी गई है।
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बैसाखी के बारे में
बैसाखी पंजाब और सिख समाज का एक प्रमुख उत्सव है। इसे फसल के मौसम के स्वागत के रूप में देखा जाता है। वर्ष 1699 में गुरु गोविंद सिंह साहब ने खलसा की स्थापना के लिए इस त्यौहार को चुना था। यह बपतिस्मा लेने वाले सिखों के लिए एक सामूहिक नाम है। संगीत भी बैसाखी का एक ख़ास अंग है।
बैसाखी कैसे मनाई जाती है?
वैसाखी मनाने के लिए सिख गुरुद्वारे नामक पूजा स्थल पर जाते हैं। इस दिन गुरुद्वारे विशेष रूप से सजाए जाते हैं। बहुत से लोग सड़कों पर परेड और विशेष जुलूसों का आनंद लेते हैं नगर कीर्तन के रूप में जाना जाता है। इस दिन उत्सवों में पारम्परिक रूप से गायन और संगीत के साथ साथ ज़ोर जोर से धर्मग्रन्थ पढ़ना और भजन कीर्तन शामिल है। पंजाब के किसान भी वैसाखी का उपयोग भरपूर फसल के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं और प्रार्थना करते हैं।
बैसाखी पर 100 शब्दों में स्पीच
यहाँ 100 शब्दों में Speech on Baisakhi in Hindi दी गई है-
आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षक एवं मेरे प्रिय साथियों,
आज हम बैसाखी का त्यौहार मना रहे हैं। यह न केवल सिखों के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह त्यौहार कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
सबसे पहले तो यह सिखों के लिए नए साल का प्रतीक है। यह दिन 1699 में गुरु गोविंद द्वारा खालसा पंथ का प्रतीक माना गया था। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि बैसाखी फसलों की कटाई का भी त्यौहार है। यह किसानों के कठोर परिश्रम और त्याग का उत्सव है। तीसरी बात यह कि बैसाखी सामाजिक समरसता और भाईचारे का भी त्यौहार है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम सब एक है और हमें मिलकर रहना चाहिए।
आओ हम सब मिलकर इस त्यौहार को खुशी और उत्साह के साथ मनाएं और ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे सभी को सुखी और समृद्धवान बनाकर रखें। धन्यवाद !
बैसाखी पर 200 शब्दों में स्पीच
यहाँ 200 शब्दों में Speech on Baisakhi in Hindi दी गई है-
आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षक एवं मेरे प्रिय साथियों,
आज हम बैसाखी का त्यौहार मना रहे हैं। यह न केवल सिखों के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह त्यौहार कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
हर साल बैसाखी का त्यौहार अप्रैल महीने में मनाया जाता है। बैसाखी प्रमुख रूप से सिख धर्म के लोगों का त्यौहार है लेकिन पंजाब में रहने वाले मुस्लिम और हिन्दू धर्म के लोग भी इस उत्सव में भाग लेते हैं। इस तरह से यह त्यौहार भाईचारे का भी प्रतीक है। बैसाखी केवल सिखों के नए साल का प्रतीक नहीं है बल्कि यह 1699 में गुरु गोविंद सिंह द्वारा आयोजित खालसा परंपरा का भी प्रतीक है।
बैसाखी समारोह की कुछ पवित्र परम्पराओं में गुरु को अर्पित किए जाने के बाद भक्तों के बीच कराह प्रसाद और लंगर का विवरण किया जाता है। वैसाखी पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है। पंजाबी ढोल की धूम के साथ भांगड़ा और गिद्दा नाच त्यौहार के जश्न को और भी मज़ेदार बना देता है।
अगर बैसाखी के ऐतिहासिक महत्व की बात करें तो यह ऐतिहासिक रूप से भी सिख धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बैसाखी का महत्व वर्ष 1699 से है, जब दसवें सिख धर्मगुरु गुरु गोविंद सिंह ने बपतिस्मा प्राप्त सिखों के एक समुदाय के रूप में खालसा पंत की स्थापना की थी। इस घटना ने बैसाखी को सिखों के लिए एक पवन दिवस बना दिया। आज यह उनकी त्याग की भावना का प्रतीक बन चुका है।
बैसाखी पर 500 शब्दों में स्पीच
यहाँ 500 शब्दों में Speech on Baisakhi in Hindi दी गई है-
आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षक एवं मेरे प्रिय साथियों,
आज हम बैसाखी का त्यौहार मना रहे हैं। यह न केवल सिखों के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह त्यौहार कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
बैसाखी का त्यौहार केवल सिखों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। सबसे पहले तो बैसाखी सिखों के नए साल का प्रतीक है। इस दिन गुरु जी ने पांच प्यारों को अमृतपान कराकर खालसा पंथ की स्थापना की थी। खालसा पंथ सिख धर्म की एक प्रमुख शाखा है। इसके अलावा बैसाखी फसलों की कटाई का भी त्यौहार है। यह किसानों की कड़ी मेहनत और समर्पण का उत्सव है। इस दिन किसान भगवान से उन्हें अच्छी फसल देने के लिए उनका शुक्रिया करते हैं और अपने मंगल के लिए प्रार्थना करते हैं।
बैसाखी सामाजिक समरसता और भाईचारे का भी त्यौहार है। इस दिन किसान भगवान से सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे के घर जाकर उन्हें मिठाइयां बांटते हैं और खुशियां मनाते हैं। इसके अलावा बैसाखी वीरता और बलिदान का भी त्यौहार है। यह दिन उन वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। इस दिन लोग उन वीरों को नमन करते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि बैसाखी का त्योहार भारत के अलावा इंग्लैण्ड, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। इन देशों में पंजाबी और भारत के अन्य क्षेत्रों के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। इस कारण से वे बड़े जोश के साथ इन देशों में बैसाखी का त्योहार मनाते हैं। इस तरह से हम कह सकते हैं कि बैसाखी विदेशों में भी भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार का एक जरिया बनता जा रहा है।
कुछ लोग नशा करके इतने पवित्र त्योहार में रंग में भंग डालने का प्रयास करते हैं। हमें ऐसा करने से बचना चाहिए। त्योहार अच्छी आदतों को अपनाने का एक जरिया होते हैं न कि गलत आदतों को चुनने का एक बहाना। हमें गर्व है कि हमारे देश में बैसाखी जैसा एक पवित्र और जोशीला त्योहार मनाया जाता है। बैसाखी लोगों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का भी एक मौका प्रदान करता है। बैसाखी के मौके पर औरतें अच्छे अच्छे लोकगीत गाती हैं। इसके अलावा युवा पुरुष और लड़कियां भी बैसाखी के अवसर पर गिद्दा और भांगड़ा पाती हैं।
बैसाखी का त्यौहार हमें कई महत्वपूर्ण सन्देश देता है। यह हमें सिखाता है कि हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए। सामजिक समरसता बनाए रखनी चाहिए और देश के लिए अपना बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके अलावा यह दिन हमें बताता है कि हम सभी को आपस में मिलजुलकर रहना चाहिए। यह दिन हमें देश के प्रति बलिदान देना भी सिखाता है।
आइए हम इस त्यौहार को खुशी और उत्साह के साथ मनाएं और इसके महत्वपूर्ण सन्देश को अपने जीवन में उतारें। आशा करते हैं यह बैसाखी हमारे लिए खुशहाली, समृद्धि और शान्ति लेकर आए। सभी लोगों को बैसाखी की ढेर सारी शुभकामनाएं।
धन्यवाद!
बैसाखी के बारे में 10 लाइन्स
यहाँ बैसाखी के बारे में 10 लाइन्स दी गई हैं-
- बैसाखी पंजाब प्रांत का मुख्य त्योहार है।
- बैसाखी सिख धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है।
- बैसाखी को हर साल 13 अप्रैल के दिन मनाया जाता है।
- बैसाखी के दिन सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
- बैसाखी को फसलों का त्योहार भी माना जाता है।
- बैसाखी के दिन लोग रंग बिरंगे कपड़े पहनते हैं।
- बैसाखी के दिन लोग गुरूद्वारे में माथा टेकने जाते हैं।
- भांगड़ा और गिद्दा नृत्य इस त्योहार के मुख्य आकर्षण हैं।
- बैसाखी लोगों को एकजुट होकर रहने का सन्देश देता है।
- बैसाखी भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है।
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FAQs
13 अप्रैल 1699 को सिख पंथ के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। बैसाखी के पर्व की शुरुआत तभी से मानी जाती है।
बैसाखी पंजाब का त्यौहार है।
वैसाखी को सिख धर्म के लोग नए साल के रूप में मानते हैं। 13 अप्रैल 1699 को सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंत की शुरुआत की थी। तब से इस दिन को हर साल 13 अप्रैल के दिन बैसाखी के रूप में मनाया जाता है।
आशा है कि आपको Speech on Baisakhi in Hindi की जानकारी मिली होगी जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।