भारतीय इतिहास अनेक ऐसे महापुरुषों से भरा हुआ है जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक सुधार और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित कर दिया। इनमें से एक अग्रणी नाम है राजा राममोहन राय का भी है, जिन्होंने 19वीं शताब्दी में सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाकर समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाए। वे 19वीं सदी के एक प्रभावशाली नेता थे जिन्हें भारतीय पुनर्जागरण का मसीहा भी कहा जाता है। राजा राममोहन राय के बारे में अधिक जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़ें। इस ब्लॉग में आपको राजा राममोहन राय का जीवन परिचय संक्षिप्त में बताया जाएगा।
राजा राममोहन राय का जन्म कब हुआ था?
आधुनिक भारत के निर्माता राजा राम मोहन राय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के हूगली जिले के में राधानगर गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामकंतो रॉय और माता का नाम तैरिनी था। राम मोहन का परिवार वैष्णव था, जो कि धर्म सम्बन्धित मामलो में बहुत कट्टर था। मात्र 9 वर्ष की उम्र में ही उनकी शादी होगयी थी। लेकिन कुछ समय बाद ही उनकी पत्नी का देहांत हो गया। इसके बाद 10 वर्ष की उम्र में उनकी दूसरी शादी हुई जिसे उनके 2 पुत्र हुए लेकिन 1826 में उस पत्नी का भी देहांत हो गया और इसके बाद उनकी तीसरी शादी हुई लेकिन तीसरी पत्नी भी ज्यादा समय जीवित नहीं रह सकी।
राजा राममोहन राय की मृत्यु कब हुई?
वर्ष 1830 में राजा राम मोहन राय अपनी पेंशन और भत्ते के लिए मुगल सम्राट अकबर द्वितीय के राजदूत बनकर यूनाइटेड किंग्डम गए थे। 27 सितंबर 1833 को ब्रिस्टल के पास सटापलेटोन में मैनिजाइटिस के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी।
राजा राम मोहन राय के बारे में कुछ रोचक तथ्य
राजा राम मोहन राय के बारे में कुछ रोचक तथ्य निम्नलिखित है :
- राजा राम मोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे।
- केवल 15 साल की उम्र में ही उन्हें संस्कृत बंगाली अरबी और फारसी का ज्ञान हो गया था।
- राजा राम मोहन राय मूर्ति पूजा के विरोधी भी थे।
- राजा राम मोहन राय ने ही ब्रह्म समाज की शुरुआत की थी।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको राजा राममोहन राय का जन्म कब हुआ था? इसके बारे में जानकारी मिल गयी होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।