अगर आप पढ़ाई में बेहतर परफॉर्म करना चाहते हैं तो आपको एक ऑर्गनाइज़्ड Topper study time table की ज़रूरत है। टॉपर बनने के लिए आपको अपने जीवन में प्लानिंग और अनुशासन की ज़रूरत पड़ेगी जो आपको एक टाइम टेबल से मिल सकता है। इसलिए आज हम आपको सिखाएँगे कि यह Topper study time table बनाने की टिप्स और ट्रिक्स।
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टाइम टेबल क्या है?
इससे पहले हम जानें कि टॉपर बनने के लिए Topper study time table कैसे बनाएँ, यह जान लेना ज़रूरी है की एक टाइम टेबल क्या होता है? टाइम टेबल एक इफेक्टिव टूल है जिससे आप अपने काम प्लान करते हैं। सरल शब्दों में टाइम टेबल वह प्लानिंग स्ट्रेटेजी है जिससे हम यह प्लान करते हैं किस समय क्या पढ़ना है और कितना पढ़ना है। टाइम टेबल एक तरह की स्टडी टास्क लिस्ट है जिसमें टाइम ड्यूरेशन भी शामिल होती है।
टाइम टेबल क्यों बनाएं?
Topper study time table बनाने के कुछ कारण नीचे दिए गए हैं –
- अनुशासन के लिए
- टॉपर बनने के लिए
- टाइम और एनर्जी की बचत
- टाइम डिस्ट्रीब्यूशन होता है
- अच्छी आदतें डालने का काम करता है
- लक्ष्य हासिल करने में मदद
- आप कम समय में और आसानी से अपने गोल्स हासिल कर सकते हैं
- आप सोशल लाइफ, फिजिकल लाइफ और स्टडी लाइफ सबको टाइम दे सकते हैं
- पढ़ाई करने के तरीके में इम्प्रूवमेंट होगी
- समय की अहमियत समझ एक बेहतर इंसान बन सकेंगे
- एक बेहतर स्टूडेंट बन सकेंगे
टाइम टेबल क्यों हैं ज़रूरी?
टाइम टेबल ज़रूरी होने के कुछ कारण नीचे दिए गए हैं –
रूटीन
एक Topper study time table के होने से और उसे समय अनुसार फॉलो करने से आपकी दिनचर्या का एक रूटीन स्थापित हो जाता है। रूटीन का होना बहुत ज़रूरी है। रूटीन नियमित रूप से कुछ करने के तरीके को कहते हैं।
समय की बचत
एक और वजह जिससे Topper study time table बहुत ज़रूरी साबित होता है वह है समय की बचत। इससे समय की बर्बादी नहीं होती। चूंकि Topper study time table से समय अनुसार टास्क्स का डिस्ट्रीब्यूशन हो जाता है, इससे अनिश्चितता में समय खर्च नहीं होता। इससे टाइम मैनेजमेंट स्किल्स बेहतर होती हैं।
एनर्जी की बचत
समय की बचत के साथ- साथ Topper study time table से एनर्जी की बचत भी होती है। इससे मेन्टल स्ट्रेस भी कम होता है। कभी- कभी हम कुछ काम करना भूल भी जाते हैं, Topper study time table से ऐसा होना भी रोका जा सकता है।
टाइम मैनेजमेंट
Topper study time table की एक बड़ी विशेषता यह है कि इससे निर्धारित काम निर्धारित समय पर किया जा सकता है। इससे आपका टाइम मैनेज होता है। आप सब्जेक्ट्स की इम्पोर्टेंस के अनुसार उनको टाइम दे सकते हैं।
कॉन्फिडेंस बूस्ट
जब आप Topper study time table के अनुसार अपने काम समय पर पूरे कर लेते हैं तो उससे आपका कॉन्फिडेंस बूस्ट होता है। इससे आगे के लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रेरणा मिलती है।
टाइम टेबल कैसे बनाएँ
Topper study time table बनाने की स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी गई है –
अपनी ज़िम्मेदारियों की लिस्ट बनाएँ
आपको दिन भर में जितने भी काम करने हैं, उनकी एक लिस्ट बना लें। जो काम सबसे पहले निपटाना है उसे सबसे ऊपर लिखें। इससे आप कोई भी टास्क नहीं भूलेंगे।
पढ़ने के लिए अच्छा समय चुनें
पढ़ाई करने के लिए सोच समझकर समय चुनें। ऐसा समय जब आपको कोई डिस्टर्ब न कर सके और आप थके भी न हों। पढ़ाई में कंसंट्रेशन तभी बन पाता है जब आपका दिमाग और आस पास का वातावरण शांत हों।
स्टडी मटेरियल इक्कठा कर लें
Topper study time table बनाते समय आप सब्जेक्ट – टॉपिक के अनुसार उसका स्टडी मटेरियल इकट्ठा करके रख लें। इससे किसी टॉपिक से रिलेटेड कोई फाइल/ असाइनमेंट ढूंढ़ने में टाइम बर्बाद नहीं होगा।
फॉर्मेट चुनें
आप अपना Topper study time table काग़ज़ पर बना सकते हैं या स्प्रेडशीट जैसे डिजिटल फ़ॉर्मेट में, या आप अपने फोन पर किसी ऐप में बना सकते हैं।
ग्रिड बनाएँ
सभी Topper study time table चार्ट/ टेबल फॉर्म में ही होते हैं, जिसमें दिन, समय और टास्क का कॉलम बदलते रहते हैं। आवश्यकता अनुसार इन्हें बदलते रहें।
टाइम टेबल भरें
Topper study time table में अलग- अलग ब्लॉक्स बनाकर उन्हें भरें। आप अलग अलग टाइम फ्रेम्स- स्लॉट्स से यह ब्लॉक्स भर सकते हैं।
टाइम ड्यूरेशन के कॉलम बनाएँ
किस समय आपको क्या पढ़ना है, उसके कॉलम बनाएँ।
टास्क लिस्ट बनाएँ
आपको जो भी, जितने भी काम करने हैं, उनकी लिस्ट बना लें। छोटे से छोटा काम या टॉपिक भी हो तो उसे नोट डाउन करें।
ब्रेक के लिए भी समय निकालें
टाइम टेबल में बीच- बीच में ब्रेक्स भी शामिल करें। लगातार लम्बे समय तक पढ़ाई करने से मस्तिष्क थक जाता है। इसलिए टाइम टेबल में खुद को आराम देने के लिए भी समय निकालें।
टाइम टेबल को फॉलो करें
सिर्फ Topper study time table बना लेने से आप टॉपर नहीं बन सकते। एक टॉपर बनने के लिए आपको टाइम टेबल फॉलो भी करना चाहिए।
टाइम टेबल के प्रकार
टाइम ड्यूरेशन के आधार पर टाइम टेबल तीन प्रकार के होते हैं। आप कब तक क्या अचीव करना चाहते हैं, यह उस पर डिपेंड करता है। यह डे- टू- डे, साप्ताहिक और मासिक हो सकता है। आईये विस्तार से जानें की Topper study time table के तीन प्रकार होते क्या हैं?
डेली टाइम टेबल
डेली स्टडी Topper study time table आपका दिनभर की टास्क लिस्ट होती है। यह घंटो के हिसाब से बनाया जा सकता है। इसमें आप आप दिन के समय क्या पढ़ेंगे, उसकी डिटेल्स होती हैं। इसके लिए आप यह सुनिश्चित कर लें की आपको दिनभर में कितने सब्जेक्ट्स- टॉपिक्स कवर करने हैं, फिर उन्हें टाइम स्लॉट्स देकर अपना Topper study time table बनाएं।
वीकली टाइम टेबल
यह आपके पूरे हफ़्ते का लेखा जोखा है की आपको एक सप्ताह में कितने और कौनसे टॉपिक्स- चैप्टर्स पढ़ने हैं। यह डेली Topper study time table की तरह घंटो के हिसाब से नहीं बनाया जाता, इसमें आपको दिनों के हिसाब से ब्लॉक्स बनाने होते हैं की आपको एक दिन में कितनी पढ़ाई कर लेनी है।
मंथली टाइम टेबल
मंथली (मासिक) Topper study time table एक पूरे महीने का टाइम टेबल होता है। यह पूरे महीने की प्लानिंग होती है की एक पर्टिकुलर महीने में आपको क्या- क्या ऐकडेमिक गोल्स अचीव करने हैं।
टाइम टेबल बनाकर कैसे बनें टॉपर?
जब आप अपने बनाये गए Topper study time table को फॉलो करेंगे तब ज़ाहिर है आपकी अकादमिक परफॉरमेंस बढ़ेगी। एक बार जब आप टाइम टेबल फॉलो करने में रेगुलर बन जाएँ, तब धीरे- धीरे आप अपने टास्कस बढ़ाएं। इससे आपकी स्पीड और एफिशिएंसी बढ़ेगी। धीरे- धीरे यह आदत आपकी टॉपर बनने की दिशा में पहला कदम साबित होगा।
Topper study time table कक्षा 7
क्लास 7 में टॉपर बनने के लिए नीचे दिए गए टाइम टेबल को फॉलो करें –
एक्टिविटी | टाइम |
सुबह उठना | 5 AM |
मॉर्निंग रूटीन | 5- 5.30 AM |
फिजिकल एक्सरसाइज | 5.30 – 5.45 AM |
नहाना | 5.45- 6.00 AM |
स्किनकेयर | 6.00- 6.15 AM |
रिविज़न (पिछले दिन जो पढ़ाया गया) | 6.15- 7.00 AM |
नाश्ता – स्कूल जाने की तैयारी | 7.00 AM से |
सेल्फ स्टफी टाइम टेबल कक्षा 12
क्लास 12 में टॉपर बनने के लिए सेल्फ- स्टडी टाइम टेबल कुछ इस प्रकार है –
टाइम | एक्टिविटी |
5.00 AM | सुबह उठना |
5.15- 5.30 AM | योग अभ्यास/ बॉडी स्ट्रेचिंग/ किसी भी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी |
5.30- 6.45 AM | पिछले दिन का पढ़ा हुआ रिवाइज़ करें |
6.45- 7.00 AM | नाश्ता |
4.00- 6.00 PM | टूशन/ कोचिंग क्लास |
6.00-7.00 PM | स्पोर्ट्स/ एक्टिविटी |
7.00- 9.00 PM | सेल्फ स्टडी |
9.00- 9.30 PM | डिनर/ ब्रेक |
9.30- 10.30 PM | रिविज़न (दिन में जो पढ़ा) |
10.30 PM | सो जाएं (कोशिश करें इस समय फ़ोन न चलाएं) |
8 घंटे स्टडी टाइम टेबल
8 घंटे का स्टडी टाइम टेबल कुछ इस प्रकार है-
टाइम | एक्टिविटी |
5.00 AM | सुबह उठना |
5.15- 5.30 AM | योग अभ्यास/ बॉडी स्ट्रेचिंग/ किसी भी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी |
5.30- 6.30 AM | पिछले दिन का पढ़ा हुआ रिवाइज़ करें |
6.30- 7.30 AM | टॉपिक 1 पढ़ें |
7.30- 8.30 AM | टॉपिक 2 पढ़ें |
8.30- 9.30 AM | टॉपिक 3 पढ़ें |
9.30- 12.00 Noon | ब्रेक-लंच |
12.00- 1.00 PM | टॉपिक 4 पढ़ें |
1.00- 5.00 PM | पढ़ें |
5.00- 6.00 PM | ब्रेक |
6.00- 7.00 PM | पूरे दिन का पढ़ा हुआ रिवाइज़ करें |
7.00- 8.00 PM | डिनर |
8.00- 9.00 PM | रिवाइज़ |
10.00 PM | सो जाएं |
FAQs
एक विस्तृत रिवीजन टाइम टेबल तैयार करें, जिसमें नोट्स भी शामिल हों जिन्हें आपको देखने की जरूरत होगी। जितना हो सके इस पर टिके रहें। प्रभावी रिवीजन का मतलब निरंतर रिवीजन करते रहना नहीं है। रिवीजन के दौरान ब्रेक लेने से मस्तिष्क को यह याद रखने का अधिक मौका मिलता है कि आपने क्या पढ़ा है।
बिना कोचिंग के ऐसे पढ़ सकते हैं: मानसिक सेहत पर विशेष ध्यान दें, अपने विचार किसी दूसरों को बताने का प्रयास करें, समय सारणी बनाकर रखें, प्रैक्टिस सेट हल करने का प्रयास करें, अपने स्टडी में समाचार पत्र शामिल करें और Topper study time table बनाकर उसे फॉलो करें।
आपको अपने समय का मान रखते हुए अपना एक टाइम टेबल बनाना होगा। जरुरी नहीं की आप को पेपर पर ही बनाना होगा। आपके पास ध्यान दीजिये इतना फालतू का समय नहीं है , जो आप अपने लिए Topper study time table पर बनाये , आपको हमेसा अपने मन में ही ये बात सोच लेना है , की कब आपको पढ़ना है , कब आपको खेलना है। और कब आपको और भी काम करना है।
90 परसेंट से ज्यादा मार्क्स लानेवाले 80 परसेंट स्टूडेंट्स ने कहा कि वे हर दिन 3 से 4 घंटे पढ़ाई करते हैं। बेहतर रिजल्ट के लिए परीक्षा के दौरान 10 से 12 घंटे पढ़ने से अच्छा है कि हर दिन 3-4 घंटे रेगुलर स्टडी करें।
आशा करते हैं कि आपको Topper study time table का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।