अल्लूरी सीताराम राजू एक भारतीय स्वतंत्रता सैनानी और क्रांतिकारी थे। वे भारत दक्षिणी प्रान्त आंध्र प्रदेश से सबंध रखते थे। उनका नाम भारत के महान क्रांतिकारियों में होती है। उन्होंने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों से अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। उन्हें उनकी वीरता के कारण से लोगों ने उन्हें प्यार से मान्यम विरुदु बुलाना शुरू कर दिया था जिसका अर्थ होता है जंगल का वीर। यहाँ अल्लूरी सीताराम राजू कौन थे के साथ साथ उनके क्रांतिकारी कार्यों और भारत की स्वतंत्रता में उनके योगदान के बारे में बताया जा रहा है।
अल्लूरी सीताराम राजू कौन थे?
अल्लूरी सीताराम राजू का जन्म 4 जुलाई 1897 में हुआ था। उनका जन्म दक्षिण भारत के प्रान्त आंध्र प्रदेश के विजयनगर जिले के एक गांव में हुआ था। वे भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सैनानी थे। उन्हें मान्यम विरुदु (जंगल का वीर) के नाम से भी जाना जाता है।
अल्लूरी सीताराम राजू के द्वारा किए गए क्रांतिकारी कार्य
अल्लूरी सीताराम राजू कौन थे में अब जानिए उनके क्रांतिकारी कार्य :
- वर्ष 1922 में उन्होंने अंग्रजों के खिलाफ एक विद्रोह शुरू किया जिसे रामपा विद्रोह के नाम से जाना जाता है।
- उन्होने गुरिल्ला युद्ध करते हुए अंग्रेजों को धूल चटा दी थी।
- 7 मई 1924 को उन्होंने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।
अल्लूरी सीताराम राजू का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
अल्लूरी सीताराम राजू कौन थे में अब जानिए उनका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान :
- अल्लूरी सीताराम राजू को भारत के सबसे वीर स्वतंत्रता सैनानियों में से एक माने जाते हैं।
- उन्होंने अंग्रेजों के द्वारा जंगलों की भूमि पर लगाए जा रहे अत्याचारी टैक्स का विरोध किया और उनके खिलाफ आंदोलन खड़ा कर दिया।
- उन्होंने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
- उनकी शहादत के बाद भी उनके द्वारा चलाया गया आंदोलन रुका नहीं बल्कि और तेज़ हो गया।
- उनकी कुर्बानी ने लाखों युवाओं को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया था।
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