आज के समय में सरकारी ऑफिसों, कोर्ट, मंत्रालयों और कॉर्पोरेट सेक्टर में स्टेनोग्राफर की भूमिका बेहद अहम हो गई है। मीटिंग में कही गई बातें तुरंत रिकॉर्ड करना, अधिकारियों के निर्देशों को सही शब्दों में लिखना, टाइपिंग और शॉर्टहैंड की मदद से तेज़ी से डॉक्यूमेंट तैयार करना, ये सब स्टेनोग्राफर ही संभालते हैं। उनकी तेज़ गति, सटीक लेखन और गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखने की क्षमता किसी भी संगठन के सुचारू संचालन के लिए बहुत जरूरी है। अगर आपको लिखने में रुचि है, फास्ट टाइपिंग पसंद है और सरकारी नौकरी का सपना है, तो यह लेख आपके लिए है। इस लेख में आप जानेंगे कि स्टेनोग्राफर बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए, कौन-से कोर्स मदद करते हैं, परीक्षा प्रक्रिया कैसी होती है, करियर स्कोप और सैलरी क्या रहती है, और सरकारी व प्राइवेट दोनों सेक्टर में कौन-कौन से अवसर मिलते हैं। इस लेख के अंत तक आपको पूरा रोडमैप मिल जाएगा कि स्टेनोग्राफर कैसे बनें और शुरुआत कहाँ से करें।
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स्टेनोग्राफर कौन होता है?
स्टेनोग्राफर वह व्यक्ति होता है जो तेज़ शॉर्टहैंड और टाइपिंग की मदद से कही गई बातों को तुरंत लिख लेता है। उसका काम मीटिंग, भाषण, अदालत या दफ्तर में होने वाली बातचीत को ठीक उसी तरह नोट करना होता है, ताकि बाद में उसे रिकॉर्ड या रिपोर्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
स्टेनोग्राफर बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं
स्टेनोग्राफर बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं इस प्रकार हैं:-
- शैक्षणिक योग्यता: कैंडिडेट का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 12वीं पास होना आवश्यक है।
- स्टेनोग्राफी कोर्स: 12वीं पास उम्मीदवार स्टेनोग्राफर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्टेनोग्राफी कोर्स डिप्लोमा या सर्टिफिकेट के रूप में किया जा सकता है, जो शॉर्टहैंड और टाइपिंग स्किल मजबूत करने में मदद करता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
- हिंदी स्टेनोग्राफर के लिए गति:
टाइपिंग स्पीड: न्यूनतम 25 शब्द प्रति मिनट
शॉर्टहैंड स्पीड: न्यूनतम 80 शब्द प्रति मिनट - अंग्रेज़ी स्टेनोग्राफर के लिए गति:
टाइपिंग स्पीड: न्यूनतम 30 शब्द प्रति मिनट
शॉर्टहैंड स्पीड: न्यूनतम 100 शब्द प्रति मिनट - भाषा और व्याकरण ज्ञान: कैंडिडेट को हिंदी, अंग्रेज़ी या क्षेत्रीय भाषा की व्याकरणिक समझ और लेखन क्षमता होनी चाहिए।
- कंप्यूटर दक्षता: कैंडिडेट को कंप्यूटर और डिजिटल डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट में कार्य करने की प्रोफिशिएंसी होनी चाहिए।
- आयु सीमा: SSC स्टेनोग्राफर ग्रेड C के लिए 18 से 30 वर्ष और ग्रेड D के लिए 18 से 27 वर्ष की आयु सीमा होती है। जबकि आरक्षित वर्गों को सरकारी नियमों के अनुसार छूट मिलती है।
- विभागीय आवश्यकताएं: कुछ विभागों में ग्रेजुएशन या अतिरिक्त योग्यताएं भी मांगी जा सकती हैं, इसलिए सरकारी रिक्रूटमेंट नोटिफिकेशन ध्यानपूर्वक पढ़नी चाहिए।
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स्टेनोग्राफी का कोर्स कैसे करें?
स्टेनोग्राफर बनने के लिए छात्र विभिन्न डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और ITI कोर्स कर सकते हैं। कई पॉलिटेक्निक कॉलेज ‘मॉडर्न ऑफिस मैनेजमेंट’ जैसे कोर्स संचालित करते हैं, जो स्टेनोग्राफी से संबंधित होते हैं। ITI संस्थानों में भी टाइपिंग और शॉर्टहैंड आधारित कोर्स उपलब्ध हैं। इन कोर्सों की अवधि सामान्यतः 6 महीने से 1 वर्ष तक होती है और फीस संबंधित संस्थान पर निर्भर करती है। कुछ प्रमुख संस्थान, जैसे केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान (CHTI) एडमिशन के लिए टेस्ट आयोजित करते हैं। छात्र यह कोर्स ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन माध्यमों से कर सकते हैं।
सरकारी स्टेनोग्राफर बनने की प्रक्रिया
स्टेनोग्राफर बनने की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है: लिखित परीक्षा और स्किल टेस्ट। सबसे पहले उम्मीदवारों को कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBE) में शामिल होना होता है, जिसमें जनरल नॉलेज, इंग्लिश, हिंदी, गणित और रीजनिंग जैसे विषयों से कुल 200 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा की अवधि 2 घंटे होती है। इस परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को स्किल टेस्ट के लिए बुलाया जाता है, जिसमें डिक्टेशन, ट्रांसक्रिप्शन और टाइपिंग स्किल की जांच की जाती है।
स्किल टेस्ट में ग्रेड C के लिए 10 मिनट तक 100 शब्द प्रति मिनट और Grade D के लिए 10 मिनट तक 80 शब्द प्रति मिनट की गति से डिक्टेशन दिया जाता है। ट्रांसक्रिप्शन के लिए ग्रेड C: इंग्लिश 40 मिनट, हिंदी 55 मिनट; ग्रेड D: इंग्लिश 50 मिनट, हिंदी 65 मिनट का समय दिया जाता है। उम्मीदवार को समय में शॉर्टहैंड नोट्स सही तरीके से कंप्यूटर पर टाइप करने होते हैं।
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स्टेनोग्राफर की परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
स्टेनोग्राफर परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को SSC Stenographer (Grade C & D) और राज्य स्तरीय परीक्षाओं के सिलेबस को ध्यान में रखकर अध्ययन करना चाहिए। जनरल इंग्लिश, जनरल अवेयरनेस, रीजनिंग और कंप्यूटर नॉलेज जैसे विषयों पर विशेष फोकस करें। इसके अलावा तैयारी के लिए उपयुक्त स्टडी मैटेरियल और विश्वसनीय किताबों का चयन करें। नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें। शॉर्टहैंड और टाइपिंग का निरंतर अभ्यास करें, जिससे स्किल टेस्ट में सफलता पाई जा सके।
रोजगार के अवसर
स्टेनोग्राफर एक ऐसा पेशा है जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। कर्मचारी चयन आयोग (SSC), संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) जैसे प्रमुख भर्ती बोर्डों के माध्यम से समय-समय पर मंत्रालयों, सचिवालयों, न्यायालयों, रेलवे, सैन्य मुख्यालयों, विदेश सेवा कार्यालयों, निर्वाचन आयोग, बैंकों और निगम कार्यालयों में स्टेनोग्राफरों की नियुक्ति की जाती है।
इसके अलावा कई सरकारी विभाग सीधे भी स्टेनोग्राफर पद के लिए आवेदन आमंत्रित करते हैं। न्यायिक संस्थानों में भी इनकी अहम भूमिका होती है। साथ ही निजी कंपनियों, कॉर्पोरेट सेक्टर और बहुराष्ट्रीय संस्थानों में भी टाइपिंग और शॉर्टहैंड में दक्ष व्यक्तियों की नियमित मांग रहती है। यदि छात्र स्टेनोग्राफी में कुशल हैं और कंप्यूटर पर काम करने में प्रोफिशिएंसी रखते हैं, तो वे इन क्षेत्रों में अच्छी और परमानेंट नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
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वेतन और प्रमोशन की संभावनाएं
स्टेनोग्राफर पद पर नियुक्ति के बाद, SSC स्टेनोग्राफर ग्रेड D के लिए शुरुआती वेतन लगभग 36,000 से 38,000 रुपये और ग्रेड C के लिए 50,000 से 52,000 रुपये/माह होता है। हालांकि विभिन्न विभागों और पदों के अनुसार वेतन में अंतर हो सकता है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, कर्मचारी को प्रमोशन के साथ उच्च ग्रेड पे और पद प्राप्त होते हैं। स्टेनोग्राफर से वरिष्ठ स्टेनोग्राफर, निजी सचिव और फिर वरिष्ठ निजी सचिव तक प्रमोशन की संभावना होती है। समय-समय पर विभागीय परीक्षाओं और प्रदर्शन के आधार पर ग्रोथ मिलती है।
FAQs
स्टेनोग्राफर बनने के लिए स्टेनोग्राफी (शॉर्टहैंड + टाइपिंग) सीखना जरूरी होता है, लेकिन इसके लिए किसी खास कोर्स की अनिवार्यता नहीं है। आप चाहें तो किसी इंस्टिट्यूट से स्टेनोग्राफी कोर्स कर सकते हैं, या खुद अभ्यास करके भी कौशल सीख सकते हैं।
इंग्लिश और हिंदी दोनों ही विकल्प अच्छे हैं और स्कोरिंग आपके कौशल पर निर्भर करता है। अगर आपकी अंग्रेज़ी मजबूत है और स्पीड अच्छी है, तो इंग्लिश स्टेनो बेहतर रहेगा। वहीं, अगर आपकी पकड़ हिंदी पर ज्यादा है और आप देवनागरी में तेजी से लिखते हैं, तो हिंदी स्टेनो आपके लिए सही विकल्प है। सही भाषा का चुनाव आपकी सुविधा और अभ्यास के आधार पर करना चाहिए।
स्टेनोग्राफर का रोज़मर्रा का काम मीटिंग, कॉन्फ्रेंस या अधिकारियों द्वारा बोले गए कंटेंट को शॉर्टहैंड में लिखना और बाद में उसे साफ-सुथरे टाइप किए हुए डॉक्यूमेंट में बदलना होता है। इसके अलावा वे लेटर ड्राफ्टिंग, नोट्स तैयार करना, फाइलें मैनेज करना, ऑफिस रिकॉर्ड अपडेट करना और जरूरी संदेशों को लिखित रूप में तैयार करने जैसे काम भी करते हैं। कुल मिलाकर स्टेनोग्राफर ऑफिस की लिखित और टाइपिंग से जुड़ी ज़रूरी जिम्मेदारियाँ संभालता है।
स्टेनोग्राफी सीखने में ज्यादा समय नहीं लगता। आमतौर पर 4 से 6 महीने की नियमित प्रैक्टिस से अच्छी स्पीड आ जाती है। अगर आप रोज़ अभ्यास करते हैं, तो शॉर्टहैंड और टाइपिंग दोनों में कम समय में पकड़ बन सकती है। कुल मिलाकर, समय आपकी प्रैक्टिस और निरंतरता पर निर्भर करता है।
हाँ, स्टेनोग्राफी बिना कोचिंग के भी सीखी जा सकती है। अगर आपके पास अच्छा स्टडी मटेरियल, शॉर्टहैंड बुक और नियमित अभ्यास की आदत है, तो आप घर पर ही टाइपिंग और शॉर्टहैंड दोनों में पकड़ बना सकते हैं। कोचिंग सिर्फ गाइडेंस और स्पीड बढ़ाने में मदद करती है, पर सीखने के लिए यह अनिवार्य नहीं है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख में आपको स्टेनोग्राफर कैसे बनें इसका उत्तर मिल गया है। अन्य करियर से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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