1901 मे मशहूर कवी रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक ब्रह्मचर्य आश्रम की स्थापना की और बाद में उन्होंने इसका नाम शान्तिनिकेतन रखा। अपने अलग अंदाज, शांति और अपूर्व शिक्षा पद्धति को लेकर पहचान बनाने वाले शांतिनिकेतन ने यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में एक प्रतिष्ठित स्थान अर्जित किया है। इसकी घोषणा 18 सितम्बर 2023 को सऊदी अरब के रियाद में विश्व धरोहर समिति के 45वे सत्र में की गयी थी। इसी तरह के अन्य रोचक तथ्य हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे। तो आईये सबसे पहले बताते हैं शांतिनिकेतन क्या है?
शांतिनिकेतन क्या है?
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित शांतिनिकेतन भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। शांतिनिकेतन एक अलग ही दुनिया है, यहाँ आपको चारों तरफ रविन्द्रनाथ टैगोर की झलक दिखाई देगी। यहाँ आपको इतना सुकून मिलेगा कि आपका यहाँ से वापस जाने का मन नहीं करेगा। आज यह जगह विश्वभारती के नाम से प्रसिद्ध है जहां अब ह्यूमैनिटी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, लिबरल आर्ट, संगीत, प्रदर्शन कला, शिक्षा, कृषि विज्ञान और ग्रामीण पुनर्निर्माण सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला में डिग्री कोर्स प्रदान की जाती है।
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