Sawai Jai Singh: जानिए क्या है आमेर के महाराजा सवाई जयसिंह का इतिहास 

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सवाई जयसिंह

भारतीय इतिहास में कई ऐसे शक्तिशाली राजवंशों का शासन रहा है, जिनका नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से दर्ज है। उन्हीं राजवंशों में से एक वंश ‘कछवाहा’ का भी था, जिसमें सवाई जयसिंह जैसे प्रसिद्ध और बहादुर राजा का जन्म हुआ। इस लेख के माध्यम से आपको इस वंश के महान शासक ‘सवाई जयसिंह’ (Sawai Jai Singh) के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाएगी इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। 

सवाई जयसिंह का जीवन परिचय 

सवाई जयसिंह (Sawai Jai Singh) या जय सिंह द्वितीय का जन्म 3 नवंबर 1668 ई. को आमेर में हुआ था। उनकी माँ रानी ‘इन्द्रकँवर’ और पिता आमरे के राजा ‘बिशन सिंह’ थे। वहीं ‘पंडित जगन्नाथ’ को उनका गुरू व सलाहकार माना जाता था। सवाई जयसिंह को खगोल विद्या का ज्ञान उनके गुरु पंडित जगन्नाथ से ही प्राप्त हुआ था। इसके अलावा राजा जयसिंह को संगीत एवं कला में भी बहुत रुचि थी। वे बहुत ही कूटनीतिज्ञ और कछवाहा वंश के एक कुशल शासक थे, जो मात्र 11 वर्ष की अल्प आयु में अपने पिता की मृत्यु के बाद आमेर राज्य की राजगद्दी पर बैठे। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि मुगल सम्राट औरंगज़ेब ने उन्हें ‘सवाई’ की उपाधि प्रदान की थी।

सवाई जयसिंह का शासनकाल

कुछ इतिहासकारों के मुताबिक सवाई जयसिंह (Sawai Jai Singh) का शासनकाल सन 1701 से लेकर 1743 तक माना गया है। वह आमेर के एक राजपूत शासक थे, जिनका मूल नाम ‘विजय सिंह’ था। वह अपने पिता, आमेर के राजा बिशन सिंह के आकस्मिक निधन के बाद मात्र 11 वर्ष की आयु में राजा बने थे। उसके बाद जब कम उम्र में ही उन्होंने मराठों के ‘विशालगढ़ किले’ पर कब्जा कर लिया तब औरंगज़ेब ने इनका नाम विजय सिंह से बदल कर ‘जयसिंह’ रख दिया और ‘सवाई’ की उपाधि से सम्मानित किया। बता दें कि उन्होंने 1727 ई. में अपने शासनकाल के दौरान राज्य की राजधानी को आमेर से नव-स्थापित शहर जयपुर में स्थानांतरित कर दिया था। 

सवाई जयसिंह की वेधशाला

महाराजा सवाई जयसिंह (जयसिंह II) (Sawai Jai Singh) की स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना ‘जंतर मंतर’ के निर्माण के लिए जाना जाता है। उनके द्वारा भारत में कई स्थानों पर जंतर मंतर नामक वेधशाला का निर्माण कराया गया। बता दें कि उन्होंने भारत में कुल 5 जंतर मंतर का निर्माण करवाया है, जिनमें सबसे बड़ी वेधशाला जयपुर में है। यहाँ दुनिया की सबसे बड़ी सूर्यघड़ी भी है। जयपुर के अतिरिक्त यह वेधशाला उज्जैन, मथुरा, दिल्ली और वाराणसी में भी है। आपको बता दें कि पहली वेधशाला का निर्माण 1725 ई. में दिल्ली में हुआ और इसके बाद 1734 ई. में जयपुर में जंतर मंतर का निर्माण करवाया गया।

जंतर मंतर का संक्षिप्त इतिहास और रहस्य

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित जंतर मंतर को कौन नहीं जानता। यह भारत के खूबसूरत ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है, जिसका निर्माण सवाई जयसिंह II द्वारा 1724 ई. से 1734 ई. के बीच किया गया था। उन्होंने इस विशाल वेधशाला का निर्माण अंतरिक्ष और समय के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और उसका अध्ययन करने के लिए किया था। क्या आप जानते हैं कि जयपुर में स्थित इस वेधशाला को साल 2010 में यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया गया था।

यह भी पढ़े : क्या आप जानते हैं जयपुर के जंतर मंतर का यह रहस्य?

सवाई जयसिंह की उपलब्धियां

इस लेख में हम आपको सवाई जयसिंह (Sawai Jai Singh) की उपलब्धियों से अवगत करा रहे है, जो कि निम्नलिखित है:- 

  • दुनिया में ‘पिंकसिटी’ के नाम से प्रसिद्ध जयपुर शहर की स्थापना 18 नवंबर 1727 ई. को महाराजा ‘सवाई जयसिंह द्वितीय’ (Maharaja Sawai Jai Singh II) द्वारा की गई थी। 
  • जयसिंह द्वितीय एक राजा होने के साथ साथ खगोलशास्त्री और वास्तुशास्त्री भी थे। उन्होंने 1727 ई. में गुलाबी नगर जयपुर की स्थापना की और उसे अपनी राजधानी बनाया।
  • जयपुर शहर का निर्माण उन्होंने ब्रह्मांड के नौ मंडलों के अनुरूप नौ आयताकार क्षेत्रों को मिलकर किया। इस तरह इस शहर में चौड़ी सड़कें, चौड़ी गालियां, सुंदर और अनुपम इमारतें, सड़कों पर छायादार पेड़ सभी व्यवस्थित ढंग से है। 

राजा जयसिंह की मृत्यु

बता दें कि 21 सितंबर 1743 में महाराजा सवाई जयसिंह की मृत्यु हो गयी। उनकी मृत्यु वृद्धावस्था और बीमार रहने के कारण हुई थी। इतिहासकारों के मुताबिक सवाई जयसिंह द्वितीय की लगभग 27 रानियाँ थी, जिनमें से 3 रानी राजा जयसिंह की चिता के साथ ही सती हो गई। वहीं 1743 ई. में राजा जयसिंह की मृत्यु के बाद उनका बड़ा बेटा ‘ईश्वरी सिंह’ जयपुर की गद्दी पर आसीन हुआ।

FAQs

सवाई जयसिंह का मूल नाम क्या था?

सवाई जयसिंह का मूल नाम कुंवर विजयसिंह था। ऐसा कहा जाता है कि जब विजयसिंह मात्र आठ वर्ष के थे तब उन्हें औरंगजेब से मिलवाया गया था।

सवाई जयसिंह का जन्म कब हुआ था ?

सवाई राजा जय सिंह द्वितीय का जन्म 3 नवंबर 1688 को आमेर के महल में हुआ था।

सवाई जयसिंह के पिता का नाम क्या था?

सवाई जयसिंह के पिता का नाम राजा बिशन सिंह था। 

सवाई जयसिंह की मृत्यु कब हुई?

सवाई जयसिंह की मृत्यु 21 सितंबर 1743 में हुई थी। 

जयपुर की स्थापना का श्रेय किसे जाता है?

जयपुर की स्थापना का श्रेय सवाई जयसिंह को दिया जाता है। 

आशा है कि आपको महाराजा सवाई जयसिंह  (Sawai Jai Singh) के जीवन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही इतिहास से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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