सबकी मति भ्रष्ट होना मुहावरे का अर्थ (Sabki Mati Bhrasht Hona Muhavare Ka Arth) होता है। जब कोई व्यक्ति बुद्धि से काम न लेकर काम करता है, तो उसके लिए सबकी मति भ्रष्ट होना मुहावरे का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से सबकी मति भ्रष्ट होना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
सबकी मति भ्रष्ट होना मुहावरे का अर्थ क्या है?
सबकी मति भ्रष्ट होना मुहावरे का अर्थ (Sabki Mati Bhrasht Hona Muhavare Ka Arth) होता है- बुद्धि से काम न लेना, कुछ समझ में न आना, बुद्धि भ्रष्ट होना। आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है, पैसे को देख कर लोगों की मति भ्रष्ट हो गई, उनको अपने आगे कुछ नहीं दिखता है।
सबकी मति भ्रष्ट होना पर व्याख्या
“सबकी मति भ्रष्ट होना” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है-बुद्धि से काम न लेना, कुछ समझ में न आना, बुद्धि भ्रष्ट होना। इस मुहावरे के माध्यम से ऐसी स्थिति को परिभाषित करना आसान हो जाता है, जब लोग अपनी बुद्धि या समझ का उपयोग करना बंद कर देते हैं और तार्किक या मूर्खतापूर्ण व्यवहार करने लगते हैं।
सबकी मति भ्रष्ट होना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
सबकी मति भ्रष्ट होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- दिनेश और महेश के बीच युद्ध छिड़ गया, ऐसा लगता है सबकी मति भ्रष्ट हो गई है।
- अफवाहों के फैलने से लोगों की मति भ्रष्ट हो गई और वे बिना सोचे समझे हर बात पर विश्वास करने लगे।
- झूठे बाबा की बातों में आकर जनता की मति भ्रष्ट हो गई।
- जादूगर ने लोगों की मति भ्रष्ट कर दी और वे सच्चाई को नहीं समझ पा रहे थे।
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आशा है कि सबकी मति भ्रष्ट होना मुहावरे का अर्थ (Sabki Mati Bhrasht Hona Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।