भारत में कई उपन्यासकार ऐसे हुए हैं जिनकी रचनाओं ने भारतीय समाज की चेतना का काम किया है, इन्हीं में एक आर के नारायण भी थे, जिनका सारा जीवन साहित्य के आँगन में बीता। यूँ तो उन्होंने कई उपन्यासों की रचना की, आर के नारायण की किताबें आपको उनके कुशल लेखन से परिचित कराएंगी, RK Narayan Books in Hindi के माध्यम से आप उन किताबों के बारे में जान पाएंगे। जिसमें गरीबी, सामाजिक विभाजन और सपने के पीछे प्रायसरत रहने की विभिन्न भावनाओं को प्रस्तुत किया गया है।
कौन थे आर के नारायण?
RK Narayan Books in Hindi के बारे में जानने से पहले आपको आर के नारायण के बारे में पता होना चाहिए। आर के नारायण अंग्रेजी भाषा के महान साहित्यकारों की सूची में आते हैं, आर के नारायण का जन्म 10 अक्टूबर 1906 को तमिलनाडु के मद्रास यानि कि आज के चेन्नई में हुआ था। आर के नारायण का पूरा नाम राशीपुरम कृष्ण स्वामीनारायण था, कई लोग उनको, उनकी पारिवारिक उपाधि ‘अय्यर’ के नाम के साथ राशीपुरम कृष्ण अय्यर स्वामीनारायण के नाम से भी जानते हैं।
आर के नारायण के पिता एक तमिल अध्यापक थे, जिनका अधिकांश समय मैसूर के शांत शहर में बीता था। आर के नारायण को भारतीय अंग्रेजी साहित्य के उन तीन महान साहित्यकारों के जितना सम्मान प्राप्त था, जिन्होंने अंग्रेजी साहित्य में भी अपनी एक अलग भारतीय छाप छोड़ी थी। आर के नारायण द्वारा रचित लोकप्रिय रचना “गाइड” के लिए आर के नारायण को सन् 1960 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आर के नारायण ने अपने साहित्य में एक काल्पनिक शहर मालगुड़ी पर अनेको रचनाएं की। उनकी प्रमुख रचनाओं में द इंग्लिश टीचर, वेटिंग फ़ॉर द महात्मा, द मैन ईटर आफ़ मालगुडी आदि हैं तो वहीं उनकी प्रमुख कहानियों में लॉली रोड एंड अदर स्टोरीज, ए हॉर्स एंड टू गोट्स, अंडर द बैनियन ट्री एण्ड अद स्टोरीज़ आदि बेहद प्रसिद्ध हैं।
आर के नारायण को अपने जीवन में विभिन्न सम्मान जैसे: साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, बेन्सन मेडल आदि से सम्मानित किया गया। सदी के एक महान साहित्यकार ने 13 मई 2001 को चेन्नई में अंतिम सांस ली और इस दिन एक महान साहित्यकार सदा के लिए पंचतत्व में विलीन हुए।
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RK Narayan Books in Hindi
RK Narayan Books in Hindi आपको आर के नारायण के लेखन से परिचित कराएंगी, इन किताबों की सहायता से आप शब्दों और भावनाओं के बेहतर समागम को जान पाओगे। आर के नारायण जी की कुछ प्रसिद्ध किताबें निम्नलिखित हैं;
आर के नारायण की किताबें | प्रकाशन का समय |
स्वामी एंड फ्रेंड्स | वर्ष 1935 |
द बैचलर ऑफ आर्ट्स | वर्ष 1937 |
द डार्क रूम | वर्ष 1938 |
द इंग्लिश टीचर | वर्ष 1945 |
मिस्टर संपथ | वर्ष 1947 |
द फ़ाइनेंशियल एक्सपर्ट | वर्ष 1952 |
वेटिंग फ़ॉर द महात्मा | वर्ष 1955 |
द गाइड | वर्ष 1958 |
द मैन इटर ऑफ़ मालगुडी | वर्ष 1961 |
द वेंडर ऑफ़ स्वीट्स | वर्ष 1967 |
द पेंटर ऑफ़ साइंस | वर्ष 1976 |
टाल्केटिव मेन | वर्ष 1976 |
ए टाइगर फॉर मालगुडी | वर्ष 1983 |
द वर्ल्ड ऑफ़ नागराज | वर्ष 1990 |
ग्रेन्डमदर्स टेल | वर्ष 1992 |
मालगुडी डेज | वर्ष 1942 |
एन एस्ट्रोलॉजर्स डे एंड अदर स्टोरीज | वर्ष 1947 |
लॉली रोड एंड अदर स्टोरीज | वर्ष 1956 |
अ हॉर्स एण्ड गोट्स एण्ड अदर स्टोरीज़ | वर्ष 1970 |
अंडर द बैनियन ट्री एंड अदर स्टोरीज़ | वर्ष 1985 |
उपरोक्त सूची में उल्लेखित रचनाओं अथवा किताबों को पढ़कर आप, अंग्रेजी साहित्य में खुद को समर्पित करने वाले आर के नारायण के जीवन को समझ सकते हैं। आर के नारायण का कुशल लेखन आप में अंग्रेजी साहित्य के प्रति जागरूकता को बढ़ाएगा। आप इस पोस्ट के माध्यम से अंग्रेजी साहित्य में अपना जीवन खपाने वाले, आर के नारायण द्वारा रचित RK Narayan Books in Hindi के बारे में जान पाएंगे।
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FAQs
आर के नारायण का पहला उपन्यास स्वामी एंड फ्रेंड्स है।
आरके नारायण ने दो सौ से अधिक लघु कथाएं लिखीं।
आर के नारायण को साहित्य अकादमी अवार्ड वर्ष 1960 में मिला।
आर के नारायण का फुल फॉर्म “रासीपुरम कृष्णस्वामी अय्यर नारायणस्वामी” है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको RK Narayan Books in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।