रक्तदान पर निबंध छात्र ऐसे लिख सकते हैं आसान भाषा में

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रक्तदान पर निबंध

रक्तदान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोग अपना रक्त अन्य लोगों के भले के लिए दान करते हैं। लोगों के द्वारा रक्तदान करके स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने वालों और अन्य मरीजों की मदद की जा सकती है। रक्त मानव शरीर के अंदर उपलब्ध सबसे आवश्यक तरल पदार्थों में से एक है। यह मानव शरीर के प्रत्येक कोने तक ऑक्सीजन को पहुंचाकर शरीर के सुचारू संचालन में मदद करता है। यदि व्यक्ति को किसी कारण से रक्त की कमी है तो इससे उसकी मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए रक्तदान करना आवश्यक है ताकि जरूरत के समय लोगों को रक्त उपलब्ध करवाया जा सके। यह मानवता का भी प्रतीक है जो जाति, पंथ, धर्म और बहुत कुछ के बावजूद लोगों को एकजुट करता है। छात्रों को कई बार कक्षाओं और परीक्षाओं में रक्तदान पर निबंध लिखने को दिया जाता है। इस ब्लॉग में आपकी मदद के लिए कुछ सैंपल दिए गए हैं।

रक्तदान पर 100 शब्दों में निबंध

किसी भी बीमारी या दुर्घटना के कारण व्यक्ति के शरीर में रक्त की कमी आ सकती है, इस रक्त की कमी को पूरा करने के लिए तुरंत नए रक्त की आवश्यकता होती है। इस रक्त को उपलब्ध करवाने के लिए लोगों को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। जो भी व्यक्ति रक्तदान करता है वह किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद कर सकता है। रक्तदान करने से रक्तदाता की स्वास्थ्य स्थिति भी बेहतर होती है। साथ ही हम हम रक्तदान करके समाज में एक जिम्मेदार व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं। बड़ी संख्या में लोगों के नियमित रूप से रक्तदान करने से आपातकाल के समय रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है। कई बार देखा जाता है कि ब्लड बैंक मैं तुलना से अधिक रक्त मांग होती है। रक्त की इस मांग को पूरा करने के लिए लोगों को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए।

रक्तदान पर 200 शब्दों में निबंध

रक्त हमारे शरीर में उपलब्ध लाल रंग का तरल पदार्थ है यह हमारे शरीर के प्रत्येक कोने तक नसों द्वारा ऑक्सीजन को पहुंचाता है। रक्त किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत अधिक आवश्यक होता है। कई परिस्थितियों में देखा जाता है कि किसी दुर्घटना के कारण व्यक्ति के शरीर में रक्त की अचानक से कमी आ जाती है। रक्त की उस कमी को पूरा करने के लिए व्यक्ति को बाहरी स्रोत से रक्त देने की आवश्यकता होती है। इन परिस्थितियों में रक्तदान एक एक प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की रक्त की कमी को पूरा कर सकती है। जब आप रक्तदान करते हैं तो यह ब्लड- बैंक में इसे व्यवस्थित रूप से रखा जाता है तथा जरूरत के समय किसी भी व्यक्ति को आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता है। रक्तदान करके आप बीमार व्यक्तियों की आसानी से मदद कर सकते हैं। रक्तदान की प्रक्रिया में व्यक्ति के शरीर से रक्त लिया जाता है तथा उसे या तो किसी व्यक्ति चढ़ाया जाता है या फिर अन्य ब्लड-बैंक में स्टोर करके रखा जाता है। 

लोगों के जीवन को बचाने के लिए रक्तदान बहुत अधिक आवश्यक है। आपको किसी भी व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए रक्तदान करने के लिए बिना सोचे रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान मानवता की निशानी है। रक्तदान के कई सारे लाभ भी होते हैं इससे आपकी कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य भी बढ़ता है। नियमित रूप से रक्तदान करने से कैंसर होने का खतरा भी काम होता है। रक्तदान करने से शरीर में कैलोरीज भी बर्न होती हैं। रक्तदान करने से आपका मुफ्त में रक्त का विश्लेषण भी हो जाता है कि आप रक्त देने योग्य है या नहीं। रक्तदान करने से व्यक्ति के मन में गर्व की भावना भी उत्पन्न होती है। 

रक्तदान पर 500 शब्दों में निबंध

रक्तदान पर 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है –

प्रस्तावना 

किसी भी व्यक्ति को रक्त की कमी से मृत्यु से बचाने के लिए उसे तुरंत रक्त देने की आवश्यकता होती है। कई बार दुर्घटना, रक्तस्राव, प्रसवकाल या ऑपरेशन जैसे कारणों की वजह से किसी व्यक्ति के शरीर में रक्त की कमी आ जाती है। रक्त किस कमी को पूरा करने के लिए उसे तुरंत रक्त चढ़ाया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में रक्त उपलब्ध कराने के लिए रक्तदान की आवश्यकता होती है। 

रक्तदान का महत्व

थैलेसीमिया, ल्यूकेमिया, हीमोफीलिया जैसी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को बार-बार रक्त की आवश्यकता होती है। ऐसी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में बार-बार रक्त की कमी होती है जिससे उन्हें नियमित रूप से रक्त की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में उन्हें रक्त उपलब्ध कराना अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। कई बार दुर्घटनाओं से पीड़ित व्यक्तियों को तुरंत रक्त उपलब्ध कराने के लिए भी रक्तदान महत्वपूर्ण है क्योंकि चोट लगने के कारण उनके शरीर से अत्यधिक रक्तस्राव हो जाता है। ऐसी स्थिति में रक्तदान एक जीवन रक्षक भूमिका निभाता है। स्वस्थ लोगों द्वारा रक्तदान करके उस रक्त से जरूरतमंद व्यक्तियों को खून चढ़ाकर उनके जीवन को बचाया जा सकता है। डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों में भी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है। इन सब परिस्थितियों में रक्त उपलब्ध कराने के लिए एकमात्र उपाय रक्तदान ही है इसलिए यह महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए रक्तदान एक जीवन रक्षक की भूमिका निभाता है। 

रक्तदान की प्रक्रिया

नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति अपने शरीर से 350- 450 मिली लीटर तक रक्त दे सकता है। इस रक्त का उपयोग ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए किया जाता है। रक्तदान करने की पूरी प्रक्रिया में 40 से 50 मिनट लग सकते हैं। रक्तदान करने वाले व्यक्ति की उम्र कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए और वजन 50 किलोग्राम तक होना चाहिए। रक्तदाता का स्वास्थ्य उचित होना चाहिए। रक्त लेने से पहले रक्तदाता की धड़कन, ब्लड प्रेशर और शरीर के तापमान की भी जांच की जाती है। उनके शरीर में रक्त की मात्रा कम ना हो इसलिए रक्त के एक नमूने की जांच भी की जाती है। रक्तदाता से उनके स्वास्थ्य से जुड़े सवाल भी पूछे जाते हैं। आमतौर पर उन व्यक्तियों से रक्त नहीं लिया जाता जिनके स्वास्थ्य को खतरा हो या जिनके रक्त से किसी अन्य व्यक्ति को बीमारी ट्रांसमिट हो जाए। व्यक्ति से रक्त लेकर उसे रक्त बैंकों में स्टोर करके रखा जाता है यह रक्त वहां पर एक निश्चित अवधि के लिए रखा जाता है। इसके बाद किसी भी आपातकाल की स्थिति में यह रखते व्यक्ति को चढ़ाया जा सकता है। 

रक्तदान के लाभ

रक्तदान करने से रक्त देने वाले तथा रक्त प्राप्त करने वाले सभी व्यक्तियों को लाभ होता है। रक्तदाता के व्यक्ति में उसके हृदय संबंधी स्वास्थ्य में सुधार होता है। जब रक्त में आयरन का स्तर बढ़ जाता है तो इससे हृदय रोगों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। जब व्यक्ति नियमित रूप से रक्तदान करता है तो रक्त में आयरन की मात्रा को कम करने में उसे मदद मिलती है इस प्रकार से दिल की दूरी की संभावना 88% तक काम हो जाती है। नियमित रक्तदान के करने से स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी घटना का खतरा भी 33% कम हो जाता है। मानना है कि एक बार रक्तदान करने से शरीर में 650 कैलोरी भी जलती हैं। बुजुर्ग व्यक्तियों को भी इसे तुरंत स्वास्थ्य लाभ होता है। जब व्यक्ति लगातार रक्तदान करता है तो उसके लीवर फेफड़े कलम पेट और गले के कैंसर के खतरे कम हो जाते हैं। रक्तदान करने से ही जरूरतमंद व्यक्तियों उन्हें तुरंत रक्त देकर उनके जीवन को बचाया जा सकता है। दुर्घटना, रक्तस्राव, प्रसवकाल और ऑपरेशन जैसी परिस्थितियों के समय उस व्यक्ति को रक्त देकर उसकी जान बचाई जा सकती है।

रक्तदान के मिथक और सच्चाई

रक्तदान को लेकर लोगों के बीच में कई सारी भ्रांतियां होती है जिस वजह से रक्तदान नहीं करते हैं। सबसे पहले भ्रांति यह है कि रक्तदान में बहुत अधिक समय लगता है जबकि शुरुआत से लेकर अंत तक रक्तदान की पूरी प्रक्रिया में सिर्फ एक घंटा लगता है। दूसरी भ्रांति है कि रक्तदान के समय बहुत दर्द होता है, रक्तदान में सिर्फ आपको सुई लगाते वक्त थोड़ा सा दर्द रहता है इसके अलावा रक्तदान की पूरी प्रक्रिया बिना किसी दर्द के पूर्ण हो जाती है। एक और भ्रांति है की रियल ब्लड टाइप न होने की वजह से यह इतना आवश्यक नहीं है। चाहे आपका ब्लड ग्रुप कोई भी हो किसी की जान बचाने के लिए रक्तदान हमेशा आवश्यक और मूल्यवान होता है।

एक और अन्य भ्रांति है कि रक्तदान शरीर में रक्त की कमी कर देता है। जबकि एक औसत व्यक्ति के भीतर रक्त की मात्रा 24 घंटे में फिर से सामान्य हो जाती है। एक और अन्य भ्रांति है कि अधिक आयु वाले लोग रक्तदान नहीं कर सकते लेकिन ऐसा नहीं है रक्तदान करने की कम से कम उम्र 17 वर्ष है लेकिन अधिकतम के लिए कोई आयु सीमा नहीं है। कई लोगों को यह लगता है कि टैटू और अन्य छेदन वाले लोग रक्तदान नहीं कर सकते जबकि ऐसा नहीं है। सिर्फ कुछ विशेष परिस्थितियों में ही 12 महीने के लिए टैटू वाले व्यक्ति को रुकना पड़ता है सामान्य स्थिति में कोई भी व्यक्ति टैटू के साथ भी रक्तदान कर सकता है। अन्य भ्रांति है कि दवाई लेने वाले व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकते जबकि ऐसा नहीं है सामान्य परिस्थितियों में दवाई लेने वाले व्यक्ति आराम से रक्तदान कर सकते हैं। 

रक्तदान के लिए प्रेरणा और जागरूकता

रक्तदान के प्रति लोगों में प्रेरणा और जागरूकता बढ़ाने के लिए रक्त दान करने के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए इवेंट्स के आयोजन किए जाते हैं। लोग मिलकर सामाजिक संस्थाओं में रक्तदान करते हैं। समय-समय पर समुदाय द्वारा विशेष परिस्थितियों के समय पर रक्तदान शिविर आयोजित करते हैं। रक्तदान को बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष भारत में एक अक्टूबर के दिन राष्ट्रीय सुरक्षित रक्तदान दिवस को भी मनाया जाता है। इसे सबसे पहले 1 अक्टूबर 1950 को इंडियन सोसाइटी ऑफ़ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड बायोलॉजी के द्वारा शुरू किया गया था ताकि रक्तदान के लिए जागरूकता बढ़ाई जा सके। जागरूकता को बढ़ाने के लिए ब्लड बैंक को तथा जिला के अन्य स्वास्थ्य प्राधिकरणों द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। रक्तदान करने के लिए कई प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने भी विचार दिए हैं, विराट कोहली का कहना है कि रक्तदान न केवल दूसरों की मदद करता है बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। अमिताभ बच्चन का कहना है कि रक्तदान एक ऐसा काम है जो बिना किसी खर्च के किया जा सकता है, लेकिन यह अमूल्य है।

रक्तदान की चुनौतियाँ और समाधान

रक्तदान के सामने चुनौतियों को तुलना में इसके प्रतिकूल प्रभाव अधिक होते हैं, लेकिन कुछ अस्थाई प्रतिक्रियाएं शरीर में हो सकती हैं। रक्तदान के समय कुछ समय तक कमजोरी होना, चक्कर आना, बेहोशी जैसा महसूस करना, सर चकराना जैसी कुछ सामान्य समस्याएं होती है। यह समस्या है कुछ घंटों के भीतर खत्म हो जाती है। इन समस्याओं को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए आपको अधिकतर द्रव्य पदार्थ लेने चाहिए और संतुलित भोजन करना चाहिए। रक्तदान के बाद भोजन में आपको लाल मांस, पालक और आयरन-कंटेनिंग जूस और अनाज लेने की सलाह दी जाती है। कुछ दुर्लभ परिस्थितियों में व्यक्ति को रक्तदान के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। इन प्रतिकूल प्रभाव में लोअर ब्लड प्रेशर, मांसपेशियों में संकुचन, सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी, उल्टी और ऐंठन जैसी समस्याएं होती है। ये प्रभाव अधिकतर युवा दाताओं में देखे जाते हैं जिनमें कम वजन वाले लोगों और पहली बार दान करने वाले व्यक्तियों को प्रभावित करने की अधिक संभावना है। 

रक्तदान के लिए वैश्विक दृष्टिकोण

प्रतिवर्ष 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार एक यूनिट ब्लड डोनेट करने से लगभग तीन व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार प्रति हजार व्यक्तियों के में, 31.5 ब्लड डोनेशन रेट हाई इनकम देशों में होती है, 16.4 डोनेशन अप्पर मिडल इनकम देशों में होती है 6.6 डोनेशन लोअर मिडल देशों में होती है और 5.0 डोनेशन लो इनकम देशों में होती है। 171 रिपोर्टिंग देशों में से केवल 56 देश ही रिपोर्टिंग देशों में एकत्रित प्लाज्मा के विभाजन के माध्यम से प्लाज्मा-व्युत्पन्न औषधीय उत्पाद (पीडीएमपी) का उत्पादन करते हैं। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार कुल 91 देशों ने बताया कि सभी पीडीएमपी आयात किए जाते हैं, 16 देशों ने बताया कि रिपोर्टिंग अवधि के दौरान किसी भी पीडीएमपी का उपयोग नहीं किया गया, और 8 देशों ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया।

रक्तदान में व्यक्तिगत योगदान

रक्तदान में प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तिगत योगदान की अत्यधिक आवश्यकता होती है। प्रत्येक व्यक्ति रक्तदान करके किसी अन्य व्यक्ति की जान बचा सकता है। रक्तदान के कई सारे लाभ होते हैं जो एक रक्तदाता के जीवन को भी बेहतर बनाते हैं। हमें आम जनता को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना चाहिए और उसके फायदे भी बताने चाहिए। उसके साथ उन्हें एक जीवन बचाने वाले व्यक्ति के रूप में भी प्रेरणा देनी चाहिए जिससे वह रक्तदान के प्रति प्रोत्साहित हो सके। हमारे देश में रक्त के उत्पादों की निरंतर आवश्यकता होती है इसलिए रक्तदान करने के लिए प्रेरक व्यक्ति को प्रेरित करना आवश्यक है। 

उपसंहार 

जैसा कि आप जान चुके हैं कि रक्तदान करने से बहुत सारे लाभ होते हैं यह आपके दिल को स्वस्थ रखता है। आप एक बड़े रक्तदाता समुदाय का भी हिस्सा बनते हैं। इसके साथ ही रक्तदान करने से एक व्यक्ति में कैंसर के खतरा की भी बहुत कम आशंका होती है। कई बार लोग समय की पाबंदी के कारण रक्तदान के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं लेकिन एक बार किया गया रक्तदान कम से कम तीन लोगों की जान बचा सकता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए और इसके महत्व को समझना चाहिए। 

10 लाइन में रक्तदान पर निबंध

10 लाइन में रक्तदान पर निबंध नीचे दिया गया है –

  • रक्तदान को जीवन दान भी कहा जाता है।  
  • रक्तदान करने से रक्तदाता को भी कई लाभ प्राप्त होते हैं। 
  • समाज में रक्त की कमी को पूरा करने के लिए नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। 
  • मानव जीवन को बचाने के लिए रक्तदान एक अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
  • विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को मनाया जाता है। 
  • रक्तदान के बाद रक्तदाता का शरीर के बाद पुनर्जीवित हो जाता है शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। 
  • रक्तदाता की उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा वजन 45 किलो से अधिक होना चाहिए। 
  • प्रत्येक व्यक्ति 3 महीने की अवधि के बाद दोबारा रक्तदान कर सकता है। 
  • एक व्यक्ति के शरीर से 350 मिली लीटर रक्तदान दिया जा सकता है। 
  • रक्तदान करके आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को नया जीवन प्रदान करते हैं। 

FAQs

रक्तदान के बारे में आप क्या जानते हैं?

रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं।

रक्तदान कौन कर सकता है?

आपकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच है। कुछ देशों में राष्ट्रीय कानून 16-17 वर्ष के बच्चों को रक्तदान की अनुमति देता है, बशर्ते कि वे आवश्यक शारीरिक और रक्त संबंधी मानदंडों को पूरा करते हों और उचित सहमति प्राप्त हो। कुछ देशों में, 65 वर्ष से अधिक आयु के नियमित दाताओं को जिम्मेदार चिकित्सक के विवेक पर स्वीकार किया जा सकता है।

ब्लड डोनेट करने से क्या लाभ होता है?

इसके अलावा रक्तदान करने से हार्ट से जुड़ी गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम हो सकता है। आपको बता दें कि रक्तदान करते रहने से नए ब्लड सेल्स का निर्माण तेजी से होता है। ब्लड डोनेशन आपकी ओवरऑल हेल्थ को इम्प्रूव करने में कारगर साबित हो सकता है।

रक्त का निर्माण कहाँ होता है?

लाल रक्त कोशिकाएं, अधिकांश श्वेत रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स, बोन मैरो में बनती हैं। हालांकि, 2 प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं—T कोशिकाएं और B कोशिकाएं (लिम्फ़ोसाइट्स)—लसीका ग्रंथि और स्प्लीन में भी बनती हैं। T कोशिकाएं थाइमस ग्लैंड में भी बनती और परिपक्व होती हैं।

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