राजस्थान भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रांत है। यह अपने अंदर अनेक विविधताएं समेटे हुए है। एक तरफ यहाँ थार जैसा विशाल रेगिस्तान है तो दूसरी तरफ यहां कई विशाल नदियाँ भी मौजूद हैं। इसके अलावा यहाँ बहुत सी झीलें भी मौजूद हैं। राजस्थान में मीठे और खारे पानी, दोनों तरह की झीलें पाई जाती हैं। यहाँ राजस्थान की प्रमुख खारे पानी की झीलों के बारे में बताया जा रहा है।
राजस्थान की प्रमुख खारे पानी की झीलें
राजस्थान में प्रमुख रूप से तीन खारे पानी की झीलें पाईं जाती हैं :
- साम्भर झील : साम्भर झील राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है। इसका निर्माण वासुदेव चौहान ने कराया था। यह राजस्थान की सबसे बड़ी खारे की झील है। इसके अलावा यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील भी है। यह झील 3.2 किलोमीटर लंबी व 3-12 किलोमीटर चौड़ी है।
- पचदरा झील : पचदरा झील राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। यह राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है। इस झील से राजस्थान में सर्वाधिक नमक का उतपादन किया जाता है।
- डीडवाना झील : डीडवाना झील राजस्थान के नागौर जिले में स्थित है। इस झील से जिस नमक का उत्पादन किया जाता है वह काफी ख़राब गुणवत्ता वाला होता है। इसलिए उसका प्रयोग खाने में नहीं किया जाता है। इस झील से उत्पादित नमक को जूता फैक्ट्री तथा कागज़ उद्योग में प्रयोग किया जाता है।
राजस्थान की खारे पानी की अन्य झीलें
यहाँ राजस्थान की खारे पानी की अन्य झीलों के नाम तथा उनके नगरों के नाम दिए गए हैं :
झील | नगर |
लूणकरणसर झील | नागौर |
कुचामन झील | सीकर |
पीथमपुरी झील | जैसलमेर |
फलौदी झील | सीकर |
रेवासा झील | सीकर |
कावोद झील | जैसलमेर |
तालछापर झील | चूरू |
कोछौर झील | सीकर |
नावां झील | नागौर |
बाप झील | जोधपुर |
उम्मीद है कि इस ब्लॉग में आपको राजस्थान की खारे पानी की झील के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही अन्य रोचक और महत्वपूर्ण ब्लॉग पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ बने रहिए।