31 जुलाई 1880 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के लमही गांव में जन्में धनपत राय जिन्हें हम मुंशी प्रेमचंद्र के नाम से भी जानते हैं। उन्होंने भारतीय समाज की समस्याओं और जनजीवन की सच्चाइयों को जीवंत रूप में अपने लेखन में प्रस्तुत किया है। प्रेमचंद जी ने अपने साहित्यिक जीवन में लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास और लगभग तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। इनका लिखा पहला उपन्यास – सेवासदन हो या वरदान ये आज भी हिंदी साहित्य के प्रेमियों में अपनी अलग ही छाप छोड़ते हैं। इनके उपन्यासों के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग Premchand Upanyas List (प्रेमचंद उपन्यास लिस्ट) को अंत तक पढ़ें।
मुंशी प्रेमचंद्र उपन्यास लिस्ट
मुंशी प्रेमचंद जी ने एक दर्जन से अधिक उपन्यासों की रचना की थी। जिसमें सन 1918 में प्रकाशित उनका पहला उपन्यास ‘सेवासदन’ और अंतिम उपन्यास सन 1936 में प्रकाशित ‘गोदान’ था। वहीं ‘गोदान’ को हिंदी साहित्य की अमर कृति भी माना जाता है। यहाँ मुंशी जी के सभी उपन्यासों की सूची दी जा रही है। जिसे आप नीचे दी गयी टेबल में देख सकते हैं:-
उपन्यास का नाम | प्रकाशन |
सेवासदन | सन 1918 |
वरदान | सन 1920 |
प्रेमाश्रम | सन 1922 |
रंगभूमि | सन 1925 |
कायाकल्प | सन 1926 |
निर्मला | सन 1927 |
गबन | सन 1931 |
कर्मभूमि | सन 1933 |
गोदान | सन 1936 |
मंगलसूत्र | सन 1944 (अधूरा) |
रूठी रानी | (मुंशी प्रेमचंद का एकमात्र ऐतिहासिक उपन्यास) |
प्रतिज्ञा | – |
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सेवासदन
सेवासदन प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है, जो सन् 1916 में उर्दू भाषा में लिखा था। बाद में सन 1918 में इसका हिंदी में प्रकाशन हुआ। सेवासदन में नारी जीवन की समस्याओं के साथ-साथ समाज के धर्माचार्यों, धनपतियों, सुधारकों के आडंबर, ढोंग, पाखंड, चरित्रहीनता, दहेज-प्रथा, बेमेल विवाह, पुलिस की घूसखोरी, मनुष्य के दोहरे चरित्र, साम्प्रदायिक द्वेष आदि सामाजिक विकृतियों का विवरण दिया गया है।
वरदान
सन 1920 में प्रकाशित वरदान प्रेमचंद द्वारा लिखी एक प्रेम कथा है। प्रेमचंद ने अपने इस उपन्यास में दो प्रेमियों के माध्यम से प्रेम की सही परिभाषा को जाहिर किया है। साथ ही प्रेम के हर पहलू को अपने इस कथा के पात्रों के माध्यम से समझाने का प्रयत्न किया है।
रंगभूमि
रंगभूमि, हिंदी के प्रसिद्ध लेखक प्रेमचंद द्वारा लिखा गया एक प्रमुख उपन्यास है। यह उपन्यास पहली बार सन 1925 में प्रकाशित हुआ था। इसके माध्यम से प्रेमचंद ने भारतीय समाज की जटिलताओं और समस्याओं को उजागर किया है। उपन्यास के मुख्य पात्र है सूरदास, जो एक प्रसिद्ध नाटककार बनने का सपना देखते हैं। उनकी इस यात्रा के दौरान उपन्यास समाज के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि सामाजिक असमानता, जातिवाद, और भ्रष्टाचार, की आलोचना करता है।
कायाकल्प
सन 1926 में प्रकाशित कायाकल्प की कहानी भारत के ग्रामीण जीवन की गहराइयों और जटिलताओं को दर्शाती है। इसमें एक प्रमुख पात्र हरिदास है, जो एक साधू और त्यागी व्यक्ति है। उसकी कहानी उसकी आत्म-खोज और सामाजिक सुधार की यात्रा को दर्शाती है। हरिदास के माध्यम से, प्रेमचंद ने उस समय के भारतीय समाज की सामाजिक समस्याओं, परंपराओं और नैतिकता पर विचार किया है।
निर्मला
निर्मला मुंशी प्रेमचन्द द्वारा रचित प्रसिद्ध हिन्दी उपन्यास है। इसका प्रकाशन सन 1927 में हुआ था। सन 1926 में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह (किशोरी लड़कियों का विवाह वृद्ध पुरुषों से कर दिया जाता है) के आधार पर यह उपन्यास लिखा गया था।
गबन
गबन एक हिंदी उपन्यास है, जिसे मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है। इसे पहली बार सन 1931 में प्रकाशित किया गया था। यह उपन्यास भारतीय समाज की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं पर आधारित है।
कर्मभूमि
प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास कर्मभूमि 1930 में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास में विभिन्न राजनीतिक समस्याओं के बारे में बताया गया है।
गोदान
गोदान मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया ग्रामीण पृष्ठभूमि का एक उपन्यास है। यह उपन्यास सन 1936 में प्रकाशित हुआ था, जो किसानों की दूर्व्यवस्था पर आधारित है। ये बड़े-बड़े जमीदारों द्वारा किसानों के शोषण पर केंद्रित है।
रूठी रानी
रूठी रानी प्रेमचंद्र द्वारा लिखित एक ऐतिहासिक उपन्यास है, जिसमें राजाओं की वीरता और देश भक्ति के बारे में बताया गया है।
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FAQs
उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गांव में हुआ था।
मुंशी प्रेमचंद का मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।
मुंशी प्रेमचंद हिंदी और उर्दू फिक्शन के महान साहित्यकार थे। प्रेमचंद ने अपने जीवन में करीब 300 शॉर्ट स्टोरी और दो दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे थे।
उनके पहले उपन्यास का नाम सेवासदन था जिसका प्रकाशन वर्ष 1918 में हुआ था।
दो बैलों की कथा, पंच परमेश्वर, ईदगाह, ठाकुर का कुआं, पूस की रात, बड़े घर की बेटी, नमक का दरोगा और कफ़न उनकी प्रसिद्ध कहानियाँ हैं।
उनके पिता का नाम ‘अजायब राय’ और माता का नाम ‘आनंदी देवी’ था।
उनकी पत्नी का नाम शिवरानी देवी था।
08 अक्टूबर, 1936 को 56 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Premchand Upanyas List (प्रेमचंद उपन्यास लिस्ट) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।