प्रेमचंद का पहला उपन्यास कौनसा था?

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प्रेमचंद का अंतिम उपन्यास

प्रसिद्द भारतीय लेखक और साहित्यकार धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ़ मुंशी प्रेमचंद ने अपनी कला से पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त की थी। उनके लिए उपन्यास पूरी दुनिया में छाहे रहते थे। मुंशी जी ने कई उपन्यास लिखे थे, जो काफी लोकप्रिय थे। इनके उपन्यास काफी गहरे थे। क्या आपको पता है कि मुंशी प्रेमचंद का पहला उपन्यास कौनसा था? चलिए इस ब्लॉग में आपको विस्तार से बताते हैं कि प्रेमचंद का पहला उपन्यास कौनसा था?

मुंशी प्रेमचंद के बारे में

मुंशी जी का जन्म ब्रिटिश इंडिया के बनारस में 31 जुलाई 1880 को हुआ था। मुंशी जी हिंदी और उर्दू फिक्शन के महान साहित्यकार थे। प्रेमचंद ने अपने जीवन में करीब 300 शॉर्ट स्टोरी और 14 उपन्यास लिखे थे। मुंशी जी का देहांत 8 अक्टूबर 1936 को ब्रिटिश इंडिया के बनारस में हुआ था।

प्रेमचंद के पहला उपन्यास का क्या नाम था?

प्रेमचंद के पहले उपन्यास का नाम सेवासदन था। सेवासदन 1918 में प्रकाशित हुआ था। यह उपन्यास मूल रूप से ‘बाजारे-हुस्‍न’ नाम से पहले उर्दू में लिखा गया लेकिन इसका हिन्दी रूप ‘सेवासदन’ पहले प्रकाशित हुआ।

क्या कहानी थी इस पहले उपन्यास की?

सेवासदन में नारी जीवन की समस्याओं के साथ-साथ समाज के धर्माचार्यों, मठाधीशों, धनपतियों, सुधारकों के आडंबर, दंभ, ढोंग, पाखंड, चरित्रहीनता, दहेज-प्रथा, बेमेल विवाह आदि मुद्दों पर दृष्टि दी गई थी।

FAQs

मुंशी प्रेमचंद कौन थे?

मुंशी जी हिंदी और उर्दू फिक्शन के महान साहित्यकार थे। प्रेमचंद ने अपने जीवन में करीब 300 शॉर्ट स्टोरी और 14 उपन्यास लिखे थे।

प्रेमचंद के पहला उपन्यास का क्या नाम था?

प्रेमचंद के पहले उपन्यास का नाम सेवासदन था। सेवासदन 1918 में प्रकाशित हुआ था।

सेवासदन सबसे पहले किस भाषा में प्रकाशित हुआ था?

यह उपन्यास मूल रूप से ‘बाजारे-हुस्‍न’ नाम से पहले उर्दू में लिखा गया।

सेवासदन की क्या कहानी थी?

सेवासदन में नारी जीवन की समस्याओं के साथ-साथ समाज के धर्माचार्यों, मठाधीशों, धनपतियों, सुधारकों के आडंबर, दंभ, ढोंग, पाखंड, चरित्रहीनता, दहेज-प्रथा, बेमेल विवाह आदि मुद्दों पर दृष्टि दी गई थी।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको प्रेमचंद का पहला उपन्यास के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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