भारत पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। भारत के कई राज्यों घूमने के लिए प्रसिद्ध जगह हैं और कुछ राज्यों को आस्था का प्रतीक भी माना जाता है जहां बड़े-बड़े मंदिर हैं। अगर उत्तराखंड की बात की जाए तो यहां पिथौरागढ़ का नाम भी काफी ऊपर आता है और यह शहर अपनी अलग पहचान के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और यहां की प्रसिद्ध जगहों के बारे में कई बार परीक्षाओं में पूछा जाता है, इसलिए इस ब्लाॅग में आप पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानेंगे।
This Blog Includes:
- पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में
- पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन से हैं?
- पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में
- गंगोलीहाट का महाकाली मंदिर
- पाताल भुवनेश्वर मंदिर
- मोस्टामानु मंदिर
- उल्कादेवी मंदिर
- जयंती मंदिर धवज
- अर्जुनेश्वर मंदिर
- घुनसेरा देवी मंदिर
- पिथौरागढ़ में होते हैं ये प्रसिद्ध मेले
- पिथौरागढ़ जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
- पिथौरागढ़ की प्रसिद्ध नदियाँ
पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में
उत्तराखंड में पर्यटन के लिए प्रसिद्ध जिले पिथौरागढ़ में कई मंदिर हैं और पवित्र तीर्थस्थलों की वजह से ही इसे कुछ लोग ‘भगवान की भूमि’ भी कहते हैं। पर्यटक जब मुनस्यारी हिल स्टेशन की ओर रूख करते हैं तो पिथौरागढ़ जाना खुद ही हो जाता है। पिथौरागढ़ में छोटे-बड़े कई मंदिर हैं, लेकिन यहां हम पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर गंगोलीहाट का महाकाली मंदिर, मोस्टामानु मंदिर, उल्कादेवी मंदिर, अर्जुनेश्वर मंदिर, जयंती मंदिर धवज, पाताल भुवनेश्वर मंदिर और उल्कादेवी मंदिर आदि देख रहे हैं।
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पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन से हैं?
पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में यहां बताया जा रहा हैः
- गंगोलीहाट का महाकाली मंदिर
- पाताल भुवनेश्वर मंदिर
- मोस्टामानु मंदिर
- उल्कादेवी मंदिर
- जयंती मंदिर धवज
- अर्जुनेश्वर मंदिर
- कोटगारी देवी मंदिर
- घुनसेरा देवी मंदिर आदि।
पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में
पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर जिनके बारे में हम आपको यहां पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, तो चलिए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में कुछ अहम तथ्य-
गंगोलीहाट का महाकाली मंदिर
पिथौरागढ़ के गंगोलहाट में स्थित आस्था का केंद्र महाकाली मंदिर कई रहस्यमयी कथाओं और चमत्कारों को अपने अंदर समेटे हुये है। गंगोलीहाट का महाकाली मंदिर जो तहसील और ब्लॉक गंगोलीहट, पिथौरागढ़ से 77 किलोमीटर दूर स्थित है। जोकि भारतीय संगीत, लोक संस्कृति और धार्मिक ट्रडिशन्स में समृद्ध है कहा जाता है की इसे शंकराचार्य द्वारा महाकाली शाक्तिपीठ की स्थापना के लिए चुना गया था। यह शक्ति मंदिर पाइन के पेड़ो के बीच में स्थित है। कहते हैं की इस मंदिर में जो व्यक्ति आराधना के फूल अर्पित करते हैं उसके रोग, शोक, दरिद्रता एवं महान विपदाएं दूर हो जाती है।
पाताल भुवनेश्वर मंदिर
भारत की पवित्र धरती पर ऐसे बहुत से जगह हैं जो अपने प्राचीन इतिहास और प्राकृतिक की सुंदरता को संजोए हुए हैं। इन्हीं में से एक है अद्बुध मंदिर है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर। गंगोलीहट के 16 किमी उत्तर-पूर्व तथा बरिनाग के 20 किमी दूर दक्षिण में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर है। समुद्र के 90 फिट नीचे मंदिर के अंदर जाने से बहुत ही सकरे रास्तों से होकर जाना पड़ता है। अगर आप रेलवे के रास्ते हैं यहां आना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे करीब टनकपुर रेलवे स्टेशन पड़ेगा। आप चाहें तो काठगोदाम रेलवे स्टेशन से भी यहां सकते हैं। अगर आप एयरवेज के रास्ते से यहां आना चाहते हैं तो पंतनगर एयरपोर्ट यहां से 226 किलोमीटर दूर है।
मोस्टामानु मंदिर
मोस्टामानु मंदिर जोकि पिथौरागढ़ शहर के सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगहों में से एक है। मोस्टा देवता का मंदिर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से लगभग 6 किमी चंडाक में स्तिथ है। प्रत्येक वर्ष भादो के माह में मोस्टामानू मंदिर में 3 दिन का मेले का आयोजन होता है। इस मेले में बड़ी संख्या में भक्त, यात्री, पर्यटक आदि इस मेले में शामिल होते हैं। यह मंदिर भारत के सौन्दरता को दर्शाता है, जिसमें शहर और उच्च घाटी का एक अद्भुद दृश्य देखने को मिलते है।
उल्कादेवी मंदिर
उल्का देवी माता का मंदिर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है यह स्थान धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण मना जाता है, यह मंदिर पिथौरागढ़ से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोग इस पिथौरागढ़ शहर को सूर के नाम से भी जानते हैं। यही कारण हैं, जब उल्का देवी को सूर की भगवती के नाम से भी हम जानते हैं। इस मंदिर की स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी। माना जाता है की नेपाल के गोरखो द्वारा कुलदेवी के स्वरूप में मां उल्का देवी की स्थापना पिथौरागढ़ शहर के ऊंची पहाड़ी पर की गई थी। नवरात्रि के समय यहां के इस मंदिर में एक अद्भद शक्ति देखने को मिलती है। लोग दूर देश से इस मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
जयंती मंदिर धवज
पिथौरागढ़ से डीडीहाट रोड पर 18 किलोमीटर की दुरी पर टोटानौला नामक एक जगह है, वहां से 3 किमी लंबी खड़ी और कठिन चढ़ाई चढ़ने के बाद ही भक्त गण जयंती मंदिर तक पहुंच पाते हैं। मंदिर के लगभग 200 फुट नीचे भगवान शिव का गुफा मंदिर स्थित है। इस चढ़ाई को करते हुए जयंती मंदिर की पहाड़ी की चोटी से पंचा चुली और हिमालय की नंदादेवी चोटियों की भव्यता को अच्छे से देखा जा सकता है। यह मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों के लिए जाना जाता है, यहां लोग आकर अपनी परेशानियों को भूल जाते हैं।
अर्जुनेश्वर मंदिर
पिथौरागढ़ शहर के वेस्ट (West) में 10 किलोमीटर दूरी पर करीब 6000 फीट की ऊंचे पहाड़ों की चोटी पर एक विशाल शिव मंदिर स्थित है, जिसे अर्जुनेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। माना जाता हैं की इस मंदिर का निर्माण महान योद्धा धनुर्धर अर्जुन के द्वारा किया गया। लोगो का मानना है की सालों पहले खुदाई में निकला भुईफुट महादेव अर्जुनेश्वर धाम में भक्तों की लाइन सदैव लगी रहती है, यहां पूजा अर्चना को लेकर दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। लोग यहाँ अपनी मन्नत पूर्ण होने पर मंदिर परिसर पहुंचकर पीतल का घंटा दान करते हैं और उनका कहना है की यहां पर दर्शन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
घुनसेरा देवी मंदिर
उत्तराखंड में प्राचीन काल से यहाँ के प्रत्येक गांव के अलग देवी-देवता होते हैं, और उनकी भव्यता पूरे भारत देश में फैली हुई है। उनमें से एक मंदिर है घुनसेरा देवी का वहां के लोगों का कहना है की माँ के आशीर्वाद से पूरे ग्रामीण लोगों के कष्ट दूर होते है। कोटवी देवी का मंदिर जहां मौजूद गुफा में पौराणिक मूर्तियां और पवित्र जलकुंड भी है। यहां के लोगों की मान्यता है कि इस पवित्र जलकुंड के जल में स्नान के करने से शरीर की सभी बीमारियां दूर होती हैं। इस जल को ले जाने के लिए दूर-दूर से लोग इस घुनसेरा गांव आते हैं।
पिथौरागढ़ में होते हैं ये प्रसिद्ध मेले
इस राज्य की संस्कृति को जीवित रखने और पूरे भारत देश में इसकी भव्यता बनाएं रखने के लिए जिलें के लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार के कई मेलें आयोजित किये जाते है। पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख मेलें इस प्रकार हैं –
- गंगोलीहाट का मेला
- थल मेला
- जौलजीबी का मेला
- गबला देव मेला
- कनरा का मेला आदि।
पिथौरागढ़ जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
पिथौरागढ़ उत्तराखंड का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जोकि प्रकृति की सुंदर वादियों के बीच में बसा हुआ है। जोकि प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पिथौरागढ़ में पर्यटकों को मंदिर, जंगल ट्रेकिंग, प्राकृतिक सुंदरता और वन्य विहार का अपना अलग स्वरूप देखने को मिलता है। पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जोकि निम्न प्रकार है-
- पाताल भुवनेश्वर
- नारायण आश्रम
- अस्कोट अभयारण्य
- लन्दन फोर्ट
- थल केदार
- चण्डाक आदि।
पिथौरागढ़ की प्रसिद्ध नदियाँ
पिथौरागढ़ जिले में पहाड़ो की सुंदरता है प्रतीक माना जाता है, बल्कि यह नदियां का भी उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है। पिथौरागढ़ की प्रसिद्ध नदियाँ इस प्रकार हैं –
- गोरी नदी
- कुतियांग्टी
- सरजू नदी
- राम गंगा नदी
- धौली नदी
- गर्थि नदी
- काली नदी
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के माइथोलॉजी से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।