मुहावरे जिनका प्रयोग हम लगभग प्रतिदिन करते हैं, मुहावरे हमारी बातों को कम शब्दों में बेहतर तरह से प्रस्तुत करने में मदद करते हैं। कई बार ऐसा होता है कि हम मुहावरों का सही अर्थ जानें बिना ही उनका प्रयोग कर देते हैं, जिससे अर्थ का अनर्थ हो जाता है। ऐसे में आइए समझते हैं ‘पगड़ी उतारकर रखना मुहावरे का अर्थ’ (Pagdi Utar Kar Rakhna Muhavare Ka Arth) और उसका वाक्य प्रयोग।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
पगड़ी उतारकर रखना मुहावरे का अर्थ क्या है?
पगड़ी उतारकर रखना मुहावरे का अर्थ (Pagdi Utar Kar Rakhna Muhavare Ka Arth) होता है अपमान करना। इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी का अपमान या बेज्जती करता है, तो उसके लिए ‘पगड़ी उतारकर रखना’ मुहावरे का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप पगड़ी उतारकर रखना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
पगड़ी उतारकर रखना पर व्याख्या
“पगड़ी उतारकर रखना” आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग कुछ इस तरह किया जाता है जैसे – मोहित ने पूरे परिवार वालों के सामने अपने माता पिता की बात न सुनकर सबके सामने उनकी पगड़ी उतार दी।
पगड़ी उतारकर रखना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
पगड़ी उतारकर रखना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है :
- राकेश ने क्रिकेट के फाइनल मैच में हारकर अपने दोस्तों की पगड़ी उतार दी।
- सुमन के ससुराल वालो द्वारा दहेज मांगने पर उसने पगड़ी उतारकर रख दी और अपने घर चली गई।
- साक्षी जब भी अपने रिश्तेदार के घर से वापिस आती है तो उनकी पगड़ी उतारकर ही आती है, इसलिए उसे कोई पसंद नहीं करता है।
- किरन ने अपने घर वालो की बात न सुनकर पूरे परिवार के बीच उनकी पगड़ी उतारकर रख दी।
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आशा है कि पगड़ी उतारकर रखना मुहावरे का अर्थ (Pagdi Utar Kar Rakhna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।