ओम थानवी आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं। वे साहित्य, कला, सिनेमा, रंगमंच, पुरातत्त्व, नृतत्त्वशास्त्र, समाजविज्ञान, इतिहास और पर्यावरण में गहरी रुचि रखते हैं। अनेक विषयों पर लिखने के साथ ही उन्होंने संपादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। वे एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया के महासचिव व दैनिक ‘जनसत्ता’ के कार्यकारी संपादक रह चुके हैं।
हिंदी पत्रकारिता में योगदान के लिए ओम थानवी को वर्ष 2003 में भारत के 11वें राष्ट्रपति ‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम’ द्वारा ‘गणेशशंकर विद्यार्थी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। वहीं सिंधु घाटी सभ्यता के महान केंद्र मोहनजोदड़ो पर लिखी उनकी पुस्तक ‘मुअनजोदड़ो’ को प्रतिष्ठित ‘सार्क साहित्य सम्मान’ और केके बिड़ला फाउंडेशन की ओर से वर्ष 2014 के ‘बिहारी पुरस्कार’ से नवाजा गया था। इस लेख में ओम थानवी का जीवन परिचय और उनकी प्रमुख रचनाओं की जानकारी दी गई है।
| नाम | ओम थानवी |
| जन्म | 01 अगस्त, 1957 |
| जन्म स्थान | फलोदी कस्बा, जोधपुर, राजस्थान |
| शिक्षा | एम कॉम (व्यावसायिक प्रशासन) |
| पेशा | संपादक, लेखक, प्राध्यापक |
| भाषा | हिंदी |
| विधाएँ | यात्रा संस्मरण, संकलन, संपादन |
| संपादन | राजस्थान पत्रिका, इतवारी पत्रिका व जनसत्ता |
| पुरस्कार एवं सम्मान | ‘गणेशशंकर विद्यार्थी पुरस्कार’, ‘सार्क साहित्य सम्मान’, ‘बिहारी पुरस्कार’, ‘शमशेर सम्मान’ आदि |
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राजस्थान के जोधपुर में हुआ में हुआ था जन्म
प्रख्यात लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी का जन्म 01 अगस्त, 1957 को राजस्थान के जोधपुर में फलोदी नामक कस्बे में हुआ था। बताया जाता है कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर शहर में हुई थी। इसके बाद उन्होंने ‘राजस्थान विश्वविद्यालय’ से व्यावसायिक प्रशासन में एम.कॉम की डिग्री हासिल की थी।
पत्रकारिता की शुरुआत
उच्च शिक्षा के उपरांत ओम थानवी वर्ष 1980 से 1989 तक जयपुर में ‘राजस्थान पत्रिका’ से जुड़े रहे। फिर वे कुछ समय तक साप्ताहिक ‘इतवारी पत्रिका’ का संपादन करने लगे। इसके बाद वर्ष 1989 में इंडियन एक्सप्रेस समूह से जुड़ते हुए दैनिक ‘जनसत्ता’ के स्थानीय संपादक बने और 10 वर्षों के बाद कार्यकारी संपादक के रूप में जनसत्ता के संपूर्ण संपादन की जिम्मेदारी संभाली। किंतु साहित्य, कला, इतिहास और राजनीति के प्रति गहरी होने के कारण वे वर्ष 2015 में समाचार पत्र से सेवानिवृत हो गए।
बताया जाता है कि कुछ समय के लिए उन्होंने विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय’ के मीडिया अध्ययन केंद्र में पत्रकारिता का अध्यापन किया था। इसके साथ ही देश और विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थाओं में पत्रकारिता, इतिहास, भाषा, पर्यावरण व अन्य विषयों पर व्याख्यान दिए। वे मीडिया प्रतिनिधि और कला प्रेमी होने के नाते दुनिया के लगभग सभी महाद्वीपों में गए हैं।
ओम थानवी की साहित्यिक रचनाएं
ओम थानवी की प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के महान केंद्र मोहनजोदड़ो पर लिखी पुस्तक ‘मुअनजोदड़ो’ को आलोचकों और पाठकों द्वारा बहुत सराहा गया है। वहीं प्रयोगवाद के प्रवर्तक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की जन्मशती पर उन्होंने ‘अपने-अपने अज्ञेय’ नाम से दो स्मृति ग्रंथों का संपादन किया हैं। साथ ही समकालीन मुद्दों पर ‘अनंतर’ तथा कला और सिनेमा पर ‘रूप-अरूप’ उनके प्रकाश्य निबंध-संग्रह हैं।
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पुरस्कार एवं सम्मान
ओम थानवी को पत्रकारिता, साहित्य, कला और इतिहास के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- गणेशशंकर विद्यार्थी पुरस्कार
- सार्क साहित्य सम्मान
- शमशेर सम्मान
- बिहारी पुरस्कार
- हल्दीघाटी सम्मान
- माधवराव सप्रे राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार
- हिंदी अकादमी पुरस्कार
FAQs
ओम थानवी का जन्म 1 अगस्त 1957 को राजस्थान के जोधपुर जिले के फलोदी कस्बे में हुआ था।
उन्होंने ‘राजस्थान पत्रिका’ और ‘इतवारी पत्रिका’ का संपादन किया था।
‘मुअनजोदड़ो’ ओम थानवी की लोकप्रिय रचना मानी जाती है।
हिंदी पत्रकारिता में योगदान के लिए उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा गणेशशंकर विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आशा है कि आपको प्रख्यात लेखक ओम थानवी का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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