संधि, हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
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Neeraj ka Sandhi Viched क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि नीरज का संधि विच्छेद क्या होगा। तो आईये आपको बताते हैं कि नीरज का संधि विच्छेद होगा ‘निः + रज‘। नीरज शब्द में विसर्ग स्वर संधि लागू होती है।
विसर्ग संधि क्या है?
जब विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन आ जाए तब जो परिवर्तन होता है ,वह विसर्ग संधि कहलाता है।
उदाहरण
- मन: + अनुकूल = मनोनुकूल
- नि: + पाप =निष्पाप
नीरज से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
नीरज से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- नीरज बहुत पढ़ाई करता है।
- आज नीरज काम करने नहीं गया।
- नीरज का पर्यायवाची क्या है?
- नीरज अपने माता-पिता का आज्ञाकारी बेटा है।
- नीरज ने हाल ही में सरकारी नौकरी हासिल की है।
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