PM Modi 74th Birthday : इस तरह पढ़ें ‘भारत के प्रधानमंत्री’ नरेंद्र मोदी पर कविता तो तालियों से बंध जाएगा समां

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नरेंद्र मोदी पर कविता

PM Modi 74th Birthday : आज प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का 74वां जन्मदिन है, और यह एक ऐसा अवसर है जब हम उनके जीवन और उपलब्धियों का सम्मान कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी, भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नाम, जिन्होंने अपने अद्वितीय नेतृत्व और दृष्टिकोण से देश को नई दिशा दी है। उनका जीवन, संघर्ष, और कार्यशैली न केवल प्रेरणादायक हैं बल्कि कवियों के लिए भी एक अमूल्य विषय हैं। इस ब्लॉग में दी गईं नरेंद्र मोदी पर कविता उनके संघर्ष, सामाजिक योजनाओं, और राष्ट्रीय दृष्टि को सरल और सुंदर शब्दों में बयां करती हैं। इन कविताओं के माध्यम से आप जानेंगे कि कैसे नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, स्वच्छता और आत्मनिर्भरता के महत्व को समझाया, और कैसे उनकी नीतियां और निर्णय देश के हर कोने में प्रभावी हो रहे हैं। आज उनके 74वें जन्मदिन के अवसर पर, हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और उनके अद्वितीय योगदान को सलाम करते हैं।

नरेंद्र मोदी पर कविता : जीवन, नेतृत्व की झलक

यहाँ नरेंद्र मोदी के जीवन, नेतृत्व, और भारत के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाते हुए नरेंद्र मोदी पर कविता दी गई है –

1. संघर्ष से स्वर्णिम शिखर तक

कभी थड़ी पर चाय बेचता, एक साधारण सा बालक,
गुजरात की माटी से निकला, कर्मपथ पर चला नायक।
संघर्षों की राहें कठिन थीं, पर मन में था अडिग विश्वास,
नरेंद्र ने न थामा कभी, हार का कोई अहसास।

गुजरात के मानचित्र पर, विकास की नई छवि उभरी,
नदियों के संगम में उसने, प्रगति की नई धारा उतरी।
अब भारत के नायक बनकर, स्वर्णिम इतिहास गढ़ता है,
जनता का सेवक है वो, जो हर दिल में धड़कता है।

2. स्वच्छ भारत का सपना

स्वच्छता का संकल्प लिया, हर गली, हर मोहल्ले में,
झाड़ू उठाकर खुद निकले, बदलाव की मशाल जलाने में।
मोदी ने दिखलाया हमें, स्वच्छ भारत का जो सपना,
हर घर, हर आंगन को बनाया, स्वच्छता का नया अपना।

गांव से लेकर शहरों तक, स्वच्छता का गीत गूंजा,
सबको सिखाया मिल-जुलकर, साफ़-सफाई का मंत्र अनूठा।
नरेंद्र के इस प्रयास से, देश का स्वरूप बदल गया,
जन-जन के मन में मोदी का, स्वच्छता संग नाता जुड़ गया।

3. आत्मनिर्भर भारत की आह्वान

वह दिन था जब मोदी ने, एक आवाज़ बुलंद की,
आत्मनिर्भर भारत का सपना, हर दिल में प्रखर की।
स्वदेशी को अपनाकर, हम सबने नया पथ दिखाया,
जनता के साथ चलकर, देश का मान बढ़ाया।

कर्मवीर का संदेश था, मेहनत से आगे बढ़ो,
नये भारत की नींव रखो, सपनों को साकार करो।
हर हाथ को काम मिले, हर देशवासी सम्मानित हो,
मोदी के सपनों में बसा, एक नया आत्मनिर्भर हो।

4. एक सशक्त नेता का उदय

मंच पर जब खड़ा हुआ, तो हर नजर में चमक आई,
एक सशक्त नेता की, जो युगों-युगों तक याद रहे।
उसकी वाणी में थी शक्ति, उसकी आंखों में था प्रेम,
जनता ने देखा उसमें, एक सच्चे नेता का हृदय।

मोदी ने दिखलाया हमें, कैसे हो नेतृत्व का गुण,
हर वर्ग के दिल में बैठा, वह नाम बना भारत का रत्न।
विश्व मंच पर गर्व से बोले, भारत का जो नया स्वर,
उसकी गूंज में छिपा था, हर भारतीय का सत्कार।

5. डिजिटल भारत का निर्माण

मोदी ने दी नई दिशा, डिजिटल क्रांति का आगाज,
हर गांव-गांव में इंटरनेट, हर हाथ में मोबाइल की बात।
आधुनिकता के युग में कदम रखा, डिजिटल सेतु बंधा,
आर्थिक, सामाजिक प्रगति में, नये आयाम खुला।

चाहे बैंक हो या व्यापार, डिजिटल का असर बढ़ा,
हर लेन-देन आसान हुआ, नये युग में भारत चढ़ा।
नरेंद्र के इस प्रयास से, जुड़ा हर वर्ग, हर प्रांत,
डिजिटल भारत का सपना, अब हुआ है साकार।

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6. विश्व गुरु बनने का मार्ग

सपने थे उसकी आंखों में, विश्व गुरु बने ये भारत,
संस्कृति का हो हर जगह सम्मान, विश्व पटल पर हो आदर।
नरेंद्र ने उठाया ध्वज, हर मंच पर दिया संदेश,
भारत की पुरातन धरोहर, आज भी है विशेष।

वेद, योग, आयुर्वेद का, उसने फैलाया ज्ञान,
हर कोने में पहुंचाया, भारत का ये अमूल्य सामान।
विश्व ने माना उसकी बात, उसकी दृष्टि थी महान,
मोदी का यह प्रयास बना, भारत का बड़ा सम्मान।

7. आर्थिक सुधारों का युग

नोटबंदी का निर्णय लिया, सुधारों की राह पर चला,
आर्थिक संतुलन साधकर, नया इतिहास रचा।
जीएसटी का संगम लाया, व्यापार में बदलाव किया,
नये कानूनों के संग-संग, व्यापार को सरल किया।

मोदी के इस युग में आई, आर्थिक क्रांति की बयार,
हर वर्ग, हर व्यापारी को, मिला नया रोजगार।
विकास के इस पथ पर चले, भारत ने ऊँचाई पाई,
मोदी के नेतृत्व में देखो, सबने नई राह बनाई।

8. नारी शक्ति का सम्मान

नरेंद्र ने दिया सम्मान, हर नारी को, हर बेटी को,
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का, नारा दिया हृदय से जो।
नारी को शिक्षा का अधिकार, उसके सम्मान का सपना,
मोदी ने हर घर में बोया, समानता का वो बीज अपना।

महिलाओं के अधिकारों की, रक्षा का प्रण लिया,
स्वास्थ्य, सुरक्षा में सुधार कर, नारी शक्ति का मान किया।
मोदी ने दिखलाया, नारी सशक्त हो जब खड़ी,
देश की प्रगति का मार्ग तब, उज्जवल हो गया सही।

9. सौगंध मातृभूमि की : वचन और संकल्प

सौगंध इस मातृभूमि की, कसम मैंने ली है,
देश का सिर न झुकेगा, यह संकल्प मेरी गीता है। 

धरती मेरी मुझसे पूछे, कब उसका ऋण चुकाऊँ,
आसमान मुझसे कहे, कब अपना फर्ज निभाऊँ।

वचन मेरा है भारत मां से, तेरा सिर न झुकेगा,
सौगंध इस मिट्टी की, देश लुटने न दूंगा।
उनके हाथों में सपने लुटते, चैन से कैसे सो पाऊँ,
वे भारत को बेचते, खामोशी से कैसे रह जाऊँ।

कसम मैंने खाई है, देश को न बिकने दूंगा,
सौगंध इस भूमि की, सिर झुकने न दूंगा।
अंधेरों की जो बात करेंगे, मैं उजाले लाऊंगा,
रात की जो तिश्नगी बढ़ाएंगे, सूरज को मैं उगाऊंगा।

फरेब की आंधियों में, दीप जलते रहेंगे,
सौगंध इस मिट्टी की, देश को न झुकने दूंगा।
वे चाहते हैं अंधेरा छा जाए, रात की व्यापार बढ़े,
नशा बंटे और देश बीमार पड़े, पर भारत जागेगा।

माँ-बहनों की अस्मत पर गिद्धों की नजरें हैं,
इंसान डर के मारे दिल में खौफ छिपाए बैठे हैं।
अब धरती पर दर्द को नहीं उठने दूंगा,
देश को नहीं रुकने दूंगा, देश को नहीं झुकने दूंगा।

अब फैसला करने का वक्त आया है,
संकल्प हमने लिया है, खुद को याद दिलाना है,
भटकना नहीं, अटकना नहीं।
इस बार, हर हाल में, देश को न मिटने दूंगा,
मैं देश को नहीं मिटने दूंगा, यही मेरा वादा है।

10. सबका साथ, सबका विकास

सबका साथ, सबका विकास”, ये मंत्र था उसका प्यारा,
हर वर्ग को साथ लेकर, उसने देश को गढ़ा निराला।
गरीब से लेकर अमीर तक, सबको उसने गले लगाया,
जाति, धर्म, भाषा से ऊपर, एकता का संदेश सुनाया।

मोदी ने देश को जोड़ा, हर दिशा में प्रगति लाई,
गरीबों के कल्याण के लिए, योजनाएं अनगिनत बनाई।
हर गांव, हर शहर में, मोदी का संदेश है खास,
जनता के दिल में बसा है, “सबका साथ, सबका विकास।

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नरेंद्र मोदी के योगदान पर कविता

नरेंद्र मोदी की विभिन्न प्रकार की नेतृत्व और योगदान को दिखाती ‘नरेंद्र मोदी पर कविता’ नीचे दी गई हैं, जो उनके जीवन और भारत के प्रति उनके नजरिए का एक खास पहलू पेश करती है।

1. राष्ट्र का सेवक

सेवक बनकर आया वो, जन-जन का मसीहा,
नरेंद्र के हर कदम में, देशप्रेम की थी बूँदें सजीव।
हर आंसू को पोछने चला, हर दर्द को अपनाया,
उसने अपने भारत को, नया रास्ता दिखाया।

ना रुका, ना झुका, सच्चाई से हर कदम बढ़ाया,
देश को बुलंदी पर ले गया, हर सपना साकार बनाया।
सेवा की भावना से वो चलता, दिल में सच्चा विश्वास,
भारत का जो सेवक बना, वो है नरेंद्र का खास।

2. युवाओं का प्रेरणास्रोत

नरेंद्र की बातों में था, युवा दिलों का संदेश,
हर नायक को दिखाया उसने, संघर्ष से होता है देश।
मेहनत के रंगों से रंगी, उसकी हर योजना नई,
युवाओं को सशक्त बनाने की, उसमें थी पूरी लगन सही।

शिक्षा, रोजगार, और सम्मान, मोदी ने दिया हर युवक को,
उसने दिखलाया पथ प्रगति का, नवनिर्माण का पथ अमोल।
अब हर युवा आँखों में सपना, देश को ऊँचाई पर ले जाए,
मोदी की प्रेरणा से हर दिल, कर्म की राह पर बढ़ता जाए।

3. सबको दिया जो साथ

धर्म, जाति से ऊपर उठकर, नरेंद्र ने दिया जो साथ,
हर दिल में जलाया दीप, एकता का बना जो पथ।
विभाजन की दीवारों को तोड़कर, उसने जो नारा बुलंद किया,
“सबका साथ, सबका विकास”, इसमें हर दिल का सम्मान किया।

मुस्कान थी उसकी बातों में, विश्वास था उसकी नज़रों में,
नफ़रत के अंधेरों में भी, उम्मीद की रौशनी दी बंधनों में।
अब एक ही ध्वज तले सब, राष्ट्र की एकता के गीत गाते,
नरेंद्र की दृष्टि में बसा, भारत का स्वर्णिम सपना।

4. विदेश में भी जो गूंजा नाम

दुनिया के मंच पर, भारत का जो नाम चमका,
नरेंद्र की वाणी में था, वो गर्व जो हर दिल में समाया।
दूर देशों में जाकर भी, भारत की माटी का दिया संदेश,
संस्कृति, सभ्यता का मान बढ़ाया, विश्व में दिया विशेष।

हर राष्ट्र ने माना उसका हौसला, उसका दृढ़ विश्वास,
विकास की गाथा में नरेंद्र का नाम, बन गया अंतरराष्ट्रीय खास।
अब भारत का जो मान बढ़ा, विश्व गुरु बनने की राह पर,
मोदी ने इस दिशा में गढ़ा, हर सपने का एक नया स्वर।

5. गरीबों का मसीहा

वो था गरीबों का साथी, जो उनके दुखों को जानता था,
हर गांव, हर झोपड़ी में, उसका वादा सजीव सा था।
गरीबों की भूख मिटाने का, उसने जब प्रण लिया,
जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, जैसे सपने हकीकत किया।

उसके हर शब्द में था अपनापन, हर वादे में सच्चाई,
गरीबों के जीवन को उसने, नई रोशनी से सजाया।
नरेंद्र के इस कर्मपथ पर, हर गरीब का मिला साथ,
अब हर दिल में है उसकी छवि, गरीबों का जो सच्चा मसीहा।

6. स्वदेशी का संकल्प

देशप्रेम की भावना लेकर, नरेंद्र ने स्वदेशी का जो संकल्प लिया,
विदेशी वस्त्रों को त्यागकर, भारत को आत्मनिर्भर किया।
माटी की सुगंध में ढूंढा, विकास का जो पथ अनमोल,
देश के हर कारीगर ने पाया, नरेंद्र का हाथ हर कण में गोल।

स्वदेशी के इस मंत्र से, बढ़ी आत्मनिर्भरता की आस,
हर किसान, हर व्यापारी ने महसूस किया, नया विश्वास।
अब हर घर में गूंज रहा है, स्वदेशी का संगीत,
नरेंद्र के इस संकल्प से, भारत बना विश्व में अद्वितीय।

7. किसान का हक़दार

किसानों के हक की बात, नरेंद्र ने जोर से की,
हर खेत में लहराए फसलें, उसकी नीति में गूंजी।
किसान सम्मान निधि से, उसने नया भविष्य दिखलाया,
आधुनिक कृषि की राह पर, देश का नाम चमकाया।

सिंचाई के नए साधन, नई तकनीक का ज्ञान दिया,
किसानों के संघर्षों को उसने, सच्चे दिल से सम्मान दिया।
अब हर किसान के हाथ में है, उसके हक का अधिकार,
नरेंद्र का ये सपना बना, भारत के विकास का आधार।

8. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कविता

भारत की धड़कन, वीरता की छवि,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उज्ज्वल भविष्य की दिशा।
धरा पर आया एक नेतृत्व का सितारा,
सपनों की ओर बढ़ता, देश का प्यारा।

गंगा की तरह बहती, संकल्प की धारा,
मोदी जी के नेतृत्व में चमक रहा उजियारा।
सपने साकार हों, विकास की गगनचुंबी ऊँचाई,
हर हिंदुस्तानी की बुनियादी आकांक्षा, वो साकार कर पाई।

गांव की गलियों से लेकर, शहरी आकाश तक,
उनके नेतृत्व में, नयी ऊंचाइयों की ओर कदम बढ़ा।
संघर्ष की राह पर, अनगिनत चट्टानें तोड़ी,
हर चुनौती को स्वीकार किया, और सविधान को सीधा किया।

साधारण से असाधारण बने, संघर्ष का वो प्रतीक,
आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना, मोदी जी की अपार शक्ति।
रोजगार के अवसर, हर घर में खुशहाली,
उनके नेतृत्व में देश की रफ्तार, एक नई दिशा पाई।

आत्मसमर्पण और निष्ठा की मिसाल बने,
हर भारतवासी का हृदय, मोदी जी से जुड़ा रहे।
आओ हम भी उनकी राह पर चलें,
देश की सेवा में, अपना हर सपना पूरा करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश की सच्ची प्रेरणा,
सपनों की ऊँचाइयों पर चढ़े, भारत की निर्मित एक नई तस्वीर।
देश की बुलंदियों को छूते, उन्होंने सबको दिखाया,
मोदी जी का नेतृत्व, हर दिल में बसाया।

9. वाणी में थी शक्ति

नरेंद्र की वाणी में, थी जो एक अद्भुत शक्ति,
उसके हर शब्द से जुड़ी, जनता की थी भक्ति।
वो जब बोलता था, हर दिल में नई उम्मीद जगती,
देश की दिशा को मोड़ने का, था उसमें अद्वितीय क्षमता।

उसने दिखलाया हमें, भाषण से कैसे दिलों को जीतो,
वाणी की शक्ति से, हर मन में आशा की ज्योति दीतो।
अब हर मंच पर नरेंद्र का नाम, गर्व से लिया जाता,
उसकी वाणी में बसा है, भारत का स्वाभिमान।

10. योग का विश्वदूत

योग का विश्वदूत बना, नरेंद्र ने दिया संदेश,
भारतीय संस्कृति की इस धारा को, विश्व में फैलाया विशेष।
21 जून को बना दिया, योग दिवस का जो पर्व,
हर देश ने माना उसकी शक्ति, हर मन ने किया गर्व।

योग के इस अभियान से, स्वास्थ्य का नया द्वार खुला,
नरेंद्र ने विश्व को सिखाया, कैसे हो तन-मन मिला।
अब हर कोने में गूंज रहा, योग का पावन गीत,
मोदी का ये प्रयास बना, विश्व में भारत का अद्वितीय मीत।

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