संधि, हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
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Narendra ka Sandhi Viched क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि नरेंद्र का संधि विच्छेद क्या होगा। तो आईये आपको बताते हैं कि नरेंद्र का संधि विच्छेद होगा ‘नर + इन्द्र।‘। नरेंद्र शब्द में गुण संधि लागू होती है।
गुण संधि क्या है?
यदि ‘अ’ या ‘आ’ के साथ इ/ई आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ बनता है। इस प्रकार से बनने वाले शब्दों को गुण संधि कहा जाता है।
गुण संधि के सूत्र
गुण संधि के सूत्र निम्नलिखित है-
जब अ,आ के साथ इ, ई हो तो “ए” बनता है।
जब अ,आ के साथ उ,ऊ हो तो “ओ” बनता है।
जब अ,आ के साथ ऋ हो तो” अर” बनता है।
उदाहरण
- प्र + ईक्षा = प्रेक्षा
- यथा + इच्छा = यथेच्छा
- अतिशय + उक्ति = अतिश्योक्ति
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आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको Narendra ka Sandhi Viched पता चल गया होगा। संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।