शिक्षक समाज की वह रीढ़ होते हैं, जो न केवल ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को सही दिशा देने का कार्य भी करते हैं। भारत में गुरु-शिष्य परंपरा अत्यंत प्राचीन रही है, जहां शिक्षक को माता-पिता के समान आदरणीय स्थान प्राप्त है। मेरे जीवन में भी एक ऐसे ही शिक्षक हैं, जिन्होंने न सिर्फ मुझे प्रेरित किया, बल्कि मार्गदर्शन देकर जीवन की सही राह दिखाई। यह विषय निबंध लेखन में भी अक्सर शामिल होता है, इसलिए इस लेख में ‘मेरे प्रिय शिक्षक’ पर कुछ निबंध सैंपल दिए गए हैं, जो स्कूली परीक्षा में आपकी सहायता कर सकते हैं।
This Blog Includes:
मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 100 शब्दों में
स्कूल या कॉलेज में शिक्षक हमें न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देते हैं। मेरी एक प्रिय शिक्षिका हैं, जिनका नाम शीतल शाह है वे कक्षा 10 में हमें कला विषय के साथ अन्य विषय भी पढ़ाती थीं। वह हमेशा मेरी परेशानियों का समाधान करने में मेरी मदद करती थीं और यदि मुझे कोई बात समझ नहीं आती थी, तो वह मुझे बार-बार समझाती थीं, बिना कभी गुस्सा हुए। उनकी मिलनसारिता और आदर्श व्यवहार ने उन्हें मेरे लिए एक प्रेरणा बना दिया। उनका पढ़ाने का तरीका अन्य शिक्षकों से बहुत अलग और प्रभावी है। वह कक्षा में हर छात्र पर पूरा ध्यान देती हैं और रचनात्मक तरीके से पढ़ाती हैं, जिससे पढ़ाई आसान और मजेदार लगती है। यही कारण है कि वह मेरी प्रिय शिक्षिका हैं।
मेरे प्रिय शिक्षक पर 150 शब्दों में निबंध
मेरे जीवन में मेरे प्रिय शिक्षक का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। वह हमारे स्कूल के गणित शिक्षक हैं और उनका नाम श्रीमान कुमार है। उनकी शिक्षण शैली बहुत दिलचस्प और प्रभावी है। वह हमें गणित के कठिन विषयों को सरल और रोचक तरीके से समझाते हैं। उनका प्रत्येक पाठ हमें न केवल गणित की समझ देता है, बल्कि जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण मूल्य सिखाता है। जब भी मुझे किसी विषय में समस्या होती है, वह मुझे धैर्यपूर्वक समझाते हैं और कभी भी निराश नहीं करते। उनका तरीका हमें केवल विषय के बारे में ही नहीं, बल्कि सकारात्मक सोच और मेहनत की महत्ता भी सिखाता है। वह कक्षा में हमेशा विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देते हैं, जिससे हम अपने डर को खत्म कर पाते हैं। उनके मार्गदर्शन से मैं हमेशा प्रेरित रहती हूं और उन्हें अपना आदर्श मानती हूं। वह मेरे प्रिय शिक्षक हैं क्योंकि उन्होंने मुझे आत्मविश्वास और सफलता की दिशा दिखाई है।
यह भी पढ़ें – भारतीय संस्कृति पर निबंध
मेरे प्रिय शिक्षक पर 200 शब्दों में निबंध
हम सभी के जीवन में एक प्रिय शिक्षक होता है, जिनके संपर्क में रहकर हम आज भी उनके द्वारा सिखाई गई बातों को अपनी ज़िन्दगी में अपनाते हैं। स्कूल हो या कॉलेज, हर किसी का एक ऐसा टीचर होता है, जिसकी कक्षा में विद्यार्थी उत्सुकता से पढ़ते हैं और जिनकी कक्षा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। वे कभी अपनी कक्षा छोड़ने का मन नहीं करते। हर शिक्षक एक जैसा नहीं होता, लेकिन जो ज्ञान और मार्गदर्शन हम स्कूल में प्राप्त करते हैं, वह जीवनभर हमारे काम आता है।
मेरी प्रिय शिक्षिका, श्रीमती राज किशोरी, बहुत समझदारी से छात्रों को पढ़ाती थीं और सीखने की गतिविधियों को भी बढ़ावा देती थीं। उनका पढ़ाने का तरीका उन्हें कई छात्रों के बीच प्रिय बनाता है। वह न केवल मेरी शिक्षिका हैं, बल्कि मैं उन्हें अपना आदर्श भी मानती हूं। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिनसे आप किसी भी विषय या समस्या पर बात कर सकते हैं। उनकी विनम्रता और कार्य के प्रति समर्पण ने उन्हें मेरे दिल में विशेष स्थान दिया है।
वह हमेशा हमें कड़ी मेहनत करने और अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं। जब भी मुझे किसी विषय में संदेह होता, वह उसे सुलझाने में मेरी मदद करती थीं। उन्होंने गणित को एक रोचक और आकर्षक विषय बना दिया। उनकी शिक्षाओं ने मुझे जीवन में सही दिशा और लक्ष्य को पहचानने में मदद की।
यह भी पढ़ें – आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
मेरे प्रिय शिक्षक पर 500 शब्दों में निबंध
प्रस्तावना
हम सभी के जीवन में कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं जो न केवल हमें पढ़ाते हैं, बल्कि हमारे जीवन को बेहतर दिशा भी दिखाते हैं। एक अच्छा शिक्षक सिर्फ पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहता, बल्कि वह अपने विद्यार्थियों के मानसिक और भावनात्मक विकास में भी मदद करता है। मेरी प्रिय शिक्षिका श्रीमती राज किशोरी हैं, जिनकी शिक्षाएं आज भी मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने न सिर्फ हमें पढ़ाई में मदद की, बल्कि हमें जीवन के महत्व को भी समझाया।
वह मेरी पसंदीदा शिक्षक क्यों हैं?
श्रीमती राज किशोरी का पढ़ाने का तरीका न केवल प्रभावी था, बल्कि वह हमें हर विषय को एक नए दृष्टिकोण से समझाने की कोशिश करती थीं। उनका मानना था कि पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक विकास भी जरूरी है। परीक्षा के बाद, जब हम तनावग्रस्त होते थे, वह हमें अक्सर स्कूल टूर पर ले जातीं। वहां हम न केवल खेल-कूद का आनंद लेते, बल्कि उन खेलों के माध्यम से जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य भी सीखते। उनका कहना था कि पढ़ाई के साथ-साथ मज़ेदार गतिविधियाँ भी जरूरी हैं ताकि हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
उनका पढ़ाने का तरीका विद्यार्थियों के लिए बहुत सरल और सुलभ था। वह हमेशा हमारी परेशानियों को समझती और उन्हें हल करने के लिए हमें प्रेरित करतीं। उनके द्वारा बताई गई उदाहरणों और उनके दिए गए टिप्स से हम कभी भी किसी भी विषय में झिझक महसूस नहीं करते थे। उनकी कक्षा हमेशा ज्ञान और उत्साह से भरी रहती थी।
परीक्षा से पहले देती थीं एक्स्ट्रा क्लास
हमारे एग्जाम के पहले वह हमेशा हमें अतिरिक्त कक्षाएं देती थीं। उन कक्षाओं में अगर किसी छात्र को किसी विषय में कोई समस्या होती, तो वह पूरी निष्ठा से उसे हल करने में मदद करती थीं। उनका तरीका बहुत प्रभावी था, वे विषय को समझाने के लिए केवल थ्योरी नहीं, बल्कि व्यावहारिक उदाहरण भी देती थीं। इससे हमें किसी भी कठिनाई को छोटे-छोटे कदमों में हल करना बहुत आसान लगता था। उनकी अतिरिक्त कक्षाओं ने हमारी परीक्षा की तैयारी को और भी मजबूत किया।
स्टूडेंट को करती थीं मोटिवेट
उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि जब कोई छात्र निराश या हतोत्साहित महसूस करता, तो वह उसे आत्मविश्वास से भरी सलाह देतीं। वे हमेशा हमें यह समझातीं कि डर सिर्फ एक मानसिक स्थिति है और हमें उसे पार करना चाहिए। उनका विश्वास था कि मेहनत और लगन से हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उनके शब्दों में एक गहरी प्रेरणा थी, “अगर लक्ष्य तय कर लिया है, तो उसे पाने के लिए हर मुश्किल को पार करो। मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती।” उनका यह दृष्टिकोण न केवल शिक्षा में, बल्कि जीवन में भी हमें सफलता की ओर मार्गदर्शन करता है।
उपसंहार
श्रीमती राज किशोरी का शिक्षण हमारे जीवन का अमूल्य हिस्सा है। मैं अपने आप को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे उनके जैसा मार्गदर्शक मिला। उन्होंने हमें न केवल पढ़ाई के बारे में सिखाया, बल्कि जीवन के हर पहलू में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी। हम सभी को अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि उनकी दी हुई शिक्षाएं जीवन भर हमारे साथ रहती हैं। उनकी शिक्षा के माध्यम से हमें मेहनत, आत्मविश्वास, और कठिनाईयों से निपटने की क्षमता मिली। मैं हमेशा कोशिश करूंगी कि उनके बताए मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाऊं और दूसरों को भी प्रेरित करूं।
यह भी पढ़ें – विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध
FAQs
प्रिय शिक्षक पर निबंध में आप उनका नाम, विषय, पढ़ाने का तरीका, उनका स्वभाव, और उनसे मिली सीख- ये सब लिख सकते हैं।
हाँ, लेकिन संतुलन बनाए रखें। भावनाओं के साथ तथ्य भी लिखें।
आशा है कि आपको इस लेख में दिए गए मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध के सैंपल पसंद आए होंगे। अन्य निबंध के लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
-
This is very nice article. I like the article so much.
-
श्रेयश्री जी, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।
-
One app for all your study abroad needs






60,000+ students trusted us with their dreams. Take the first step today!

2 comments
This is very nice article. I like the article so much.
श्रेयश्री जी, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।