जानिए MSME kya hota hai और इसके लिए रजिस्टर करने के लाभ क्या-क्या हैं?

1 minute read
msme kya hota hai

MSME में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय आते हैं। MSME का प्रबंधन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) द्वारा किया जाता है। MSME सेक्टर का भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। MSME को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी भी कहा जाता है। MSME kya hota hai इसके बारे में इस ब्लॉग में विस्तार से बताया जा रहा है। 

MSME kya hota hai?  

MSME यानी माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज। इसका हिंदी अर्थ है सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग। इसके अंतर्गत वे उद्योग आते हैं जो बहुत ही छोटे-छोटे या बीच के स्तर के हैं। ये उद्योग स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर शुरू किए जाते हैं। इन उद्योगों को शुरू करने के लिए बहुत अधिक लोगों की या श्रमिकों की आवश्यकता नहीं होती है।  

MSME की परिभाषा (2006)

2006 के MSME अधिनियम के अनुसार MSME की परिभाषा इस प्रकार है: 

मैन्यूफैक्चरिंग उद्योगों के लिए परिभाषा : 

  • सूक्ष्म उद्योग: जिन उद्योगों में 25 लाख रूपए तक की कीमत वाली मशीनें लगी होती थीं, उन्हें सूक्ष्म उद्योग वाली श्रेणी में रखा जाता था।  
  • लघु उद्योग : जिन उद्योगों में 25 लाख से 5 करोड़ की कीमत के बीच की मशीनें लगी होती थीं, उन्हें 2006 MSME अधिनियम के तहत लघु उद्योग या स्मॉल इंडस्ट्री के अंतर्गत रखा जाता था।  
  • मध्यम उद्योग: जिन उद्योगों में 5 करोड़ से लेकर 50 करोड़ तक की कीमत वाली मशीनें लगी होती हैं उन्हें माध्यम श्रेणी के उद्योगों में रखा जाता था।  

सर्विस सेक्टर के लिए परिभाषा : 

  • सूक्ष्म उद्योग की परिभाषा : 25 लाख तक के टर्नओवर वाली सर्विस सेक्टर की कंपनियां सूक्ष्म उद्योग के अंतर्गत आती थीं। 
  • लघु उद्योग की परिभाषा : जिन सर्विस सेक्टर उद्योगों के सेटअप में 50 लाख तक का निवेश किया गया हो, उसे लघु उद्योग के अंतर्गत रखा जाता है।  
  • मध्यम उद्योग : जिन सर्विस उद्योगों में कुल 5 करोड़ रूपए तक का निवेश किया गया हो, उन्हें मध्यम उद्योग कहा जाता था।  

MSME के प्रकार 

MSME के दो प्रकार होते हैं जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है: 

  • मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग : मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग में नई चीज़ों को बनाने का काम किया जाता है। इसके अंतर्गत नै वस्तुएं जैसे कोई दैनिक कार्य की वस्तु, किताबें, बच्चों के  खिलौने आदि कोई भी सामान हो सकता है।  
  • सर्विस सेक्टर: सर्विस सेक्टर के अंतर्गत सेवा प्रदान की जाती है। इसका सीधा अर्थ यह है कि जब कोई कंपनी किसी सेवा को उपलब्ध कराने के बदले में मूल्य वसूल करती है तो उसे सर्विस बिजनेस कहते हैं। उदाहरण के लिए आप जोमैटो से खाना मंगाते हैं तो जोमैटो कंपनी इसके लिए आपसे पैसे चार्ज करती है।

MSME की नई परिभषा (2020) 

MSME की 2020 के अनुसार नई परिभाषा नीचे दी गई है:

  • सूक्ष्म उद्योग :  जिन उद्योगों में 1 करोड़ तक का निवेश और 5 करोड़ तक का टर्नओवर होता है उन्हें सूक्ष्म उद्योगों के अंतर्गत रखा जाता है।  
  • लघु उद्योग : इसके अंतर्गत 10 करोड़ तक के निवेश और 50 करोड़ रूपए तक के टर्नओवर वाले उद्योग आते हैं।  
  • मध्यम उद्योग : 30 करोड़ रूपए तक का निवेश और 100 करोड़ तक के टर्नओवर वाले उद्योगों को मध्यम उद्योगों के अंतर्गत रखा गया है।  

MSME के कोर्स और कॉलेज 

MSME के कॉलेज और कोर्स इस प्रकार हैं: 

  • आईआईएम, अहमदाबाद 
  • आईआईटी, दिल्ली 
  • आईएमटी, गाजियाबाद 
  • एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई 
  • सिम्बायोसिस संस्थान, पुणे 
  • जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली  

कोर्स

  • एंटरप्रेन्योरशिप डेवलेपमेंट प्रोग्राम 
  • एंटरप्रेन्योरशिप अवेयरनेस प्रोग्राम 
  • स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम 
  • मैनेजमेंट डेवलेपमेंट प्रोग्राम 
  • सर्टिफिकेट कोर्स इन एंटरप्रेन्योरशिप मैनेजमेंट 
  • सर्टिफिकेट कोर्स इन एमएसएमई बिजनेस मैनेजमेंट 

MSME कोर्स करने के बाद करियर स्कोप 

MSME कोर्स करने के बाद करियर स्कोप इस प्रकार हैं : 

  • अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना
  • ऑपरेटर, मैनेजर या बिजनेसमैन के रूप में काम करना
  • सरकारी संगठनों जैसे खाद्य एवं दस्तावेजों के लिए निगम (एफसीडीसी), एमएसएमई विभाग आदि में काम करना
  • बैंकों या वित्तीय संस्थाओं काम करना 

MSME में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?

MSME में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं इसके लिए नीचे बताया गया है: 

  • MSME में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको MSME की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। 
  • इसके बाद आपको वह श्रेणी चुननी होती है, जिसमें आप अपने बिजनेस को रजिस्टर कराना चाहते हैं। 
  • इसके बाद आप मांगे गए सभी ज़रूरी दस्तवेज़ों की पीडीएफ वेबसाइट पर अपलोड करें। 
  • फॉर्म सबमिट कर दें 
  • इसके अलावा आप चाहें तो किसी कॉर्परेटिव वकील या सीए की मदद से भी एमएसएमई फॉर्म भर सकते हैं।  

MSME में रजिस्टर कराने से मिलने वाले लाभ 

MSME में रजिस्टर कराने से मिलने वाले लाभ नीचे बताए गए हैं:

  • बैंक से बॉन्ड फ्री लोन की सुविधा 
  • पेमेंट प्रोटेक्शन 
  • तकनीक और क्वालिटी में वृद्धि 
  • प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए सरकार की ओर से समर्थन 
  • ओवरड्राफ्ट पर ब्याजदर में छूट 
  • लाइसेंस रजिस्ट्रेशन में छूट 

देश की अर्थव्यवस्था में MSME का योगदान

देश की अर्थव्यवस्था में MSME का बहुत योगदान रहा है : 

  • MSME भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। इन उद्यमों के माध्यम से अर्थव्यवस्था के सबसे छोटे इकाइयों में से एक का समर्थन किया जाता है। ये उद्यम समूह भारत की वित्तीय आधार विकास के लिए अहम हैं जिससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है।
  • इन उद्यमों के माध्यम से न केवल अधिक रोजगार उत्पन्न होता है, बल्कि इनसे वैश्विक बाजार में बढ़ती दर के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को वृद्धि भी मिलती है। MSME उद्यमों के माध्यम से भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में इन्हें विकसित करने के लिए सरकार भी निरंतर प्रयास कर रही है।
  • इन उद्यमों के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत सारे विभिन्न क्षेत्रों में नए और विशिष्ट विकास के अवसर प्राप्त होते हैं। MSME के उद्यम नॉलेज और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करते हैं जो नए और नवाचारी उत्पादों के विकास एवं विशिष्ट विपण्ण रणनीतियों के संदर्भ में मदद करते हैं।
  • MSME कोर्स करने वाले छात्रों को अधिकत्तर संबंधित क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर मिलते हैं और वे अपने व्यवसाय को खुद शुरू करने में भी सक्षम होते हैं। कुछ उदाहरण शामिल हैं: सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, वेब डिजाइन, फैशन डिजाइनिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वेलरी डिजाइनिंग, टेक्सटाइल डिजाइनिंग, वित्तीय प्रबंधन, पेशेवर अकाउंटिंग, मार्केटिंग और नवाचारी व्यवसाय आदि।

FAQs 

MSME kya hota hai?

यह एक तरह की स्कीम है, जिसकी शुरुआत छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने लिए की गई थी. इसके तहत सरकार छोटे उद्योगों को अनेक प्रकार से फ़ायदे पहुँचाने का प्रयास करती है. इस स्कीम के अंतर्गत छोटे उद्योगों को 3 भागों में बांटा गया है – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग 

MSME से मुझे कितना लोन मिल सकता है?

सूक्ष्म उद्यमों को प्रदान किया गया 5 लाख, एमएसई के लिए 80% स्वामित्व / महिलाओं द्वारा संचालित और एनईआर को सभी ऋण) रुपये से ऊपर के क्रेडिट जोखिम के 50% पर एक समान गारंटी के साथ। 50 लाख और रुपये तक। 100 लाख। स्वीकृत क्रेडिट सुविधा का 1.0% की समग्र वार्षिक गारंटी शुल्क (रुपये तक की क्रेडिट सुविधा के लिए 0.75%)।

MSME को कौन नियंत्रित करता है?

MSME को विकास आयुक्त कार्यालय नियंत्रित करता है।  

MSME के वर्तमान अध्यक्ष कौन है?

MSME के वर्तमान अध्यक्ष सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे हैं।

किस भारतीय राज्य में सबसे ज्यादा एमएसएमई हैं? 

भारत में महाराष्ट्र राज्य में सबसे अधिक एमएसएमई हैं। महाराष्ट्र में कुल 96,805 सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर के उद्योग हैं।  

उम्मीद है इस ब्लॉग को पढ़ने के के बाद आपको msme kya hota hai इस बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया हो तो यह ब्लॉग अपने परिवार और दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें। ऐसे ही अन्य ज्ञानवर्धक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*