मध्य प्रदेश कैबिनेट ने 23 जनवरी 2024 को चिकित्सा शिक्षा विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस विलय के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग’ के रूप में पुनर्गठन किया गया है।
विलय के लाभ
दोनों विभागों के विलय के बाद कार्य करने की क्षमता में बढ़ावा मिलेगा। अभी तक मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के मध्य समन्वय की स्थिति नहीं रहती थी, परंतु इस विलय के बाद अब वह आसान हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि इस विलय के बाद प्रदेश में रहने वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही अब लोगों को दो विभागों में नहीं जाना होगा। इस फैसले के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार मेडिकल रूटीन चिकित्सा सेवाओं के साथ ही शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर की प्रभावी निगरानी, अति गंभीर मरीज के साथ ही मेडिकल एजुकेशन पर कार्य कर पाएंगी।
55 जिलों में प्रधानमंत्री उत्कृष्ट कॉलेज किए जाएंगे स्थापित
इस बीच, कैबिनेट ने जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन के लिए संसद को भेजे जाने वाले एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। प्रस्तावित संशोधनों में जल प्रदूषण से संबंधित छोटे उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से हटाना शामिल है। कैबिनेट ने मध्य प्रदेश आयुर्वेद विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी 55 जिलों में प्रधानमंत्री उत्कृष्टता कॉलेज स्थापित करने और इन संस्थानों में 1845 शैक्षणिक और 387 गैर-शैक्षणिक पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई।
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