जनजातीय कार्य मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ़ ट्राइबल अफेयर्स) ने मौजूदा वित्त वर्ष में 32 लाख से अधिक जनजातीय (ट्राइबल) स्टूडेंट्स को डायरेक्ट लाभ अंतरण के माध्यम से स्कालरशिप प्रदान की हैं। मिनिस्ट्री ऑफ़ ट्राइबल अफेयर्स के इस कदम से ट्राइबल स्टूडेंट्स को अपनी शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
छात्रों के लिए किए गए INR 1,692 करोड़ डिस्ट्रीब्यूट
मंत्रालय की ओर से कई छात्रवृत्ति योजनाओं के अंतर्गत INR 1,692 करोड़ डिस्ट्रीब्यूट किए गए हैं। इन योजनाओं में अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति, मैट्रिक के बाद स्कॉलरशिप, उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय फैलोशिप योजना और नेशनल स्कॉलरशिप स्कीम तथा अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को विदेश में पढने के लिए नेशनल स्कॉलरशिप।
मिनिस्ट्री ऑफ़ ट्राइबल अफेयर्स के बारे में
जनजातीय मामलों का मंत्रालय (MOTA) भारत सरकार का एक मंत्रालय है। इस मंत्रालय को भारत के अनुसूचित जनजाति समुदायों को शिक्षा, छात्रवृत्ति, जनजातीय समुदायों में अधिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए ग्रांट, जनजातीय संस्कृति और भाषाओं के प्रोटेक्शन और डायरेक्ट कैश ट्रांसफर प्रदान करके ओवरॉल डेवेलपमेंन्ट का काम सौंपा गया है। आर्थिक रूप से पिछड़े आदिवासी परिवारों के लिए योजनाएं। मंत्रालय की स्थापना 1999 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (भारत) के विभाजन के बाद भारतीय समाज के सबसे वंचित अनुसूचित जनजातियों (ST) के एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास पर अधिक केंद्रित दृष्टिकोण रखने के लिए की गई थी।
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