Madhu Kankariya Ka Jivan Parichay (मधु कांकरिया का जीवन परिचय): मधु कांकरिया आधुनिक हिंदी साहित्य की अग्रणी लेखिका हैं। उन्होंने साहित्य की अनेक विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया है। इसके साथ ही उन्होंने समाज में व्याप्त अनेक ज्वलंत समस्याओं जैसे अप-संस्कृति, महानगर की घुटन और असुरक्षा के बीच युवाओं में बढ़ते नशे की लत, रेडलाइट एरिया का दर्द और पर्यावरण आदि विषयों को अपनी रचनाओं का विषय बनाया हैं। जिसमें पाठक को विचार और संवेदना की नवीनता मिलती है।
वहीं, साहित्य के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘कथा क्रम सम्मान’, ‘रत्नीदेवी गोयनका वाग्देवी सम्मान’, ‘बिहारी पुरस्कार’ व ‘मीरा स्मृति सम्मान’ आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया गया हैं। आपको बता दें कि बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं।
इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी मधु कांकरिया का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम हिंदी की प्रतिष्ठित लेखिका मधु कांकरिया का जीवन परिचय (Madhu Kankariya Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | मधु कांकरिया (Madhu Kankariya) |
जन्म | 23 मार्च, 1957 |
जन्म स्थान | कोलकाता |
पिता का नाम | ध्यानचंद वर्डिया |
माता का नाम | अक्षयदेवी |
शिक्षा | एम.ए. अर्थशास्त्र (कोलकाता यूनिवर्सिटी), डिप्लोमा (कम्प्यूटर साइंस) |
साहित्यकाल | आधुनिक काल |
भाषा | हिंदी |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, यात्रा वृतांत, सामाजिक विमर्श |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘कथा क्रम सम्मान’, ‘रत्नीदेवी गोयनका वाग्देवी सम्मान’, ‘बिहारी पुरस्कार’ व ‘मीरा स्मृति सम्मान’ आदि। |
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कोलकाता में हुआ जन्म – Madhu Kankariya Ka Jivan Parichay
हिंदी साहित्य की प्रतिष्ठित लेखिका मधु कांकरिया का जन्म 23 मार्च, 1957 को कोलकाता के एक मध्यमवर्गीय राजस्थानी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘ध्यानचंद वर्डिया’ था जो पेशे से मेटल के कारोबारी थे। उनकी माता का नाम ‘अक्षयदेवी’ था जो कि एक गृहणी थीं।
अर्थशास्त्र में किया एमए
मधु कांकरिया को बचपन से ही पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था इसलिए वह छोटी सी आयु में दुनिया को समझने लगी थीं। बता दें कि उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए और कम्प्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा किया है।
मधु कांकरिया की साहित्यिक रचनाएँ
मधु कांकरिया (Madhu Kankariya Ka Jivan Parichay) ने हिंदी साहित्य की कई विधाओं में श्रेष्ठ रचनाओं का सृजन किया हैं, जिनमे मुख्य रूप से कहानी, उपन्यास, यात्रा वृतांत और सामाजिक- विमर्श शामिल हैं। इसके अलावा उनकी रचनाओं के तेलुगू, मराठी आदि कई भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हो चुके है। यहाँ मधु कांकरिया की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:
उपन्यास
उपन्यास | प्रकाशन |
खुले गगन के लाल सितारे | वर्ष 2000 |
सलाम आखरी | वर्ष 2002 |
पत्ताखोर | वर्ष 2005 |
सेज पर संस्कृत | वर्ष 2008 |
सूखते चिनार | वर्ष 2012 |
हम यहाँ थे | वर्ष 2018 |
कहानी-संग्रह
कहानी-संग्रह | प्रकाशन |
बीतते हुए | वर्ष 2004 |
और अन्त में ईशु | वर्ष 2008 |
चिड़िया ऐसे मरती है | वर्ष 2011 |
भरी दोपहरी के अँधेरे (प्रतिनिधि कहानियाँ) | – |
दस प्रतिनिधि कहानियाँ | वर्ष 2013 |
युद्ध और बुद्ध | वर्ष 2014 |
स्त्री मन की कहानियाँ | वर्ष 2015 |
यात्रा-वृतांत
- बादलों में बारूद – वर्ष 2014
सामाजिक विमर्श
- अपनी धरती अपने लोग – वर्ष 2012
पुरस्कार एवं सम्मान
मधु कांकरिया (Madhu Kankariya Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:
पुरस्कार | वर्ष |
कथा क्रम सम्मान | वर्ष 2008 |
हेमचन्द्र स्मृति साहित्य सम्मान | वर्ष 2009 |
समाज गौरव सम्मान | वर्ष 2009 |
विजय वर्मा कथा सम्मान | वर्ष 2012 |
शिवकुमार मिश्र स्मृति कथा सम्मान | वर्ष 2015 |
रत्नीदेवी गोयनका वाग्देवी सम्मान | वर्ष 2018 |
प्रेमचन्द स्मृति कथा सम्मान | वर्ष 2018 |
मीरा स्मृति सम्मान | वर्ष 2019 |
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ हिंदी की प्रतिष्ठित लेखिका मधु कांकरिया का जीवन परिचय (Madhu Kankariya Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
मधु कांकरिया का जन्म 23 मार्च, 1957 को कोलकाता में हुआ था।
उनकी माता का नाम ‘अक्षयदेवी’ व पिता का नाम ‘ध्यानचंद वर्डिया’ था।
‘हम कहां थे’ उपन्यास के लिए उन्हें वर्ष 2021 के बिहारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
‘सलाम आखिरी’ मधु कांकरिया का लोकप्रिय उपन्यास है जिसका प्रकाशन वर्ष 2002 में हुआ था।
आशा है कि आपको हिंदी की प्रतिष्ठित लेखिका मधु कांकरिया का जीवन परिचय (Madhu Kankariya Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।