एजुकेशन लोन को लेकर केरल हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। केरल हाई कोर्ट की ओर से कहा गया है कि स्टूडेंट का CIBIL स्कोर कम होने पर स्टूडेंट का एजुकेशन लोन रिजेक्ट नहीं किया जा सकता है।
केरल हाई कोर्ट ने 30 मई 2023 को कहा कि कम CIBIL (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड) स्कोर के आधार पर एक छात्र का एजुकेशन लोन को कैंसल नहीं किया जा सकता है।
जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने बैंकों को एजुकेशन लोन के लिए एप्लीकेशन पर विचार करते समय ‘मानवीय दृष्टिकोण’ अपनाने के लिए आगाह किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने देखा है कि स्टूडेंट्स कल के राष्ट्र निर्माता हैं। उन्हें भविष्य में इस देश का नेतृत्व करना है। इसलिए सिबिल स्कोर कम होने पर स्टूडेंट का एजुकेशन लोन का एप्लीकेशन कैंसल करना सही नहीं है।
क्या था मामला?
एक मामले में याचिकाकर्ता 1 स्टूडेंट है और उसने 2 लोन लिए थे। कुछ कारणों की वजह से स्टूडेंट का सिबिल स्कोर कम हो गया और इसके चलते उसका लोन का अमाउंट का कुछ हिस्सा दूसरे अकाउंट यानी बट्टे खाते में डाल दिया गया। इस मामले में वकीलों का कहना था कि याचिकाकर्ता को 1 मल्टीनेशनल कंपनी से जाॅब का ऑफर मिला था और इस तरह वह पूरा लोन अमाउंट देने में सक्षम होंगे।
RBI का क्या है निर्देश?
प्रतिवादियों के वकीलों ने तर्क दिया कि इस मामले में अंतरिम आदेश देना और याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत के अनुसार, भारतीय बैंक संघ द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से निर्देशित योजना के खिलाफ होगा। आगे यह कहा गया कि क्रेडिट इन्फार्मेंशन कंपनी एक्ट, 2005, क्रेडिट इन्फार्मेंश कंपनी एक्ट, 2006 और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी परिपत्र वर्तमान याचिकाकर्ता की स्थिति में लोन के संवितरण (Disbursement) पर रोक लगाते हैं।
इसी प्रकार की और अधिक महत्वपूर्ण न्यूज़ अपडेट्स के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।