कान पकना मुहावरे का अर्थ (Kaan Pakna Muhavare Ka Arth) होता है, सुनते सुनते तंग आ जना। किसी व्यक्ति को निरंतर सुनने के बाद होने वाली परेशानी को दर्शाने के संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप कान पकना मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
कान पकना मुहावरे का अर्थ क्या है?
कान पकना मुहावरे का अर्थ (Kaan Pakna Muhavare Ka Arth) होता है- सुनते सुनते तंग आ जना। आसान शब्दों में समझें तो यह मुहावरा किसी एक व्यक्ति की बातों को लगातार सुनने के बाद होने वाली परेशानी को दर्शाता है।
कान पकना पर व्याख्या
“कान पकना” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- सुनते सुनते तंग आ जना। इस मुहावरे में कान पकना परेशानी की उस अवस्था को दर्शाता है जो किसी की लगातार होने वाली बातों के कारण होती है।
कान पकना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
कान पकना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- दिन भर बेवजह की बातों से देवांग ने अंकिता के कान पका दिया।
- घर से निकलने से पहले निशा ने नकुल का कान पकाने का निर्णय लिया।
- पूरे सफर में अभिषेक ने अपने मित्रों के कान पकाने का कार्य किया।
- फिल्म में दिखाए कुछ दृश्यों को देखकर मोहित के कान पक गए।
- नीरज के नकारेपन और निकम्मेपन के किस्सों ने सभी का कान पकाने का कार्य किया।
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आशा है कि आपको कान पकना मुहावरे का अर्थ (Kaan Pakna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।