जैसी करनी वैसी भरनी मुहावरे का अर्थ (Jaisi Karni Waisi Bharni Muhavare Ka Arth) ‘कर्मो के अनुसार फल मिलना’ होता है। जब कोई व्यक्ति किसी का बुरा करता है और उसके साथ भी वैसा ही बुरा होता है। जिसके लिए हम अक्सर जैसी करनी वैसी भरनी मुहावरे का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप ‘जैसी करनी वैसी भरनी मुहावरे का अर्थ’ (Jaisi Karni Waisi Bharni Muhavare Ka Arth) और इसके वाक्यों में प्रयोग के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
आगे बढ़ना मुहावरे का अर्थ क्या है?
जैसी करनी वैसी भरनी मुहावरे का अर्थ (Jaisi Karni Waisi Bharni Muhavare Ka Arth) ‘कर्मो के अनुसार फल मिलना’ होता है।
जैसी करनी वैसी भरनी मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
जैसी करनी वैसी भरनी मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित हैं:-
- दुकानदार लोगों को बहुत ठगता था, आज उसे किसी व्यक्ति ने ही ठग लिया, इसे कहते हैं जैसी करनी वैसी भरनी।
- दिनेश हमेशा गरीबों को परेशान करता था, एक दिन जब वह एक परेशानी में पड़ा तब उसे समझ आया की जैसी करनी वैसी भरनी ।
- रोहित ने अपने दोस्त के साथ धोखाधड़ी की थी, अब उसे यह अनुभव करके दिखाया जा रहा है कि “जैसी करनी वैसी भरनी” होती है।
- जमींदार ने किसान की जमीन हड़प ली और किसान को भागा दिया, थोड़े दिन बाद जब जमींदार को पैसों की जरूरत पड़ी तो उस जमीन को लेने वाला कोई नहीं था। इसे कहते हैं जैसी करनी वैसी भरनी।
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