जैसलमेर भारत का एक ऐतिहासिक नगर है। यह भारत के पश्चिमी प्रांत राजस्थान में स्थित है। इतिहास के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद राजस्थान में यादव वंश के लोग भारी संख्या में रहने के लिए आए थे। ये भगवान कृष्ण के वंशज माने जाते हैं। जैसलमेर राजस्थान का प्रमुख नगर है जो नक्काशीदार हवेलियों, गलियों, प्राचीन जैन मंदिरों और त्यौहारों के लिए जाना जाता है। यहाँ राजस्थान का उपनाम क्या है? इस बारे में बताया जा रहा है।
जैसलमेर का उपनाम
जैसलमेर का उपनाम गोल्डन सिटी यानी स्वर्णिम नगर है। इसके पीछे का कारण यहाँ मौजूद रेत है। दरअसल जैलमेर जिला राजस्थान के थार रेगिस्तान के इलाके में आता है। इस कारण से यहाँ की भूमि रेतीली है। सूर्य की किरणे जब रेत पर पड़ती हैं तो जैसलमेर की जमीन सोने के सामान चमकती हुई प्रतीत होती है। इसलिए जैसलमेर को स्वर्णिम नगर या गोल्डन सिटी कहा जाता है।
जैसलमेर पर शासन करने वाले शासक
यहाँ जैसलमेर के सभी शासकों के नाम दिए जा रहे हैं :
- रावल जैसल सिंह
- रावल शालिवाहन सिंह द्वितीय (1168-1200)
- रावल बिलाल सिंह (1200–1200)
- रावल कैलान सिंह (1200-1219)
- रावल चाचा देव सिंह (1219-1241)
- रावल करण सिंह प्रथम (1241-1271)
- रावल लाखन सेन (1271-1275)
- रावल पुनपाल सिंह (1275-1276)
- रावल जैतसी सिंह प्रथम (1276-1294)
- रावल मूलराज सिंह प्रथम (1294-1295)
- रावल दुर्जन साल (डूडा) (1295-1306)
- रावल घरसी सिंह (1306-1335)
- रावल कहर सिंह II (1335–1402)
- रावल लछमन सिंह (1402-1436)
- रावल बरसी सिंह (1436-1448)
- रावल चाचा देव सिंह द्वितीय (1448-1457)
- रावल देवीदास सिंह (1457-1497)
- रावल जैतसी सिंह द्वितीय (1497-1530)
- रावल करण सिंह द्वितीय (1530-1530)
- रावल लूणकरण सिंह (1530-1551)
- रावल मालदेव सिंह (1551-1562)
- रावल हरराज सिंह (1562-1578)
- रावल भीम सिंह (1578-1624)
- रावल कल्याण सिंह (1624-1634)
- रावल मनोहर दास सिंह (1634-1648)
- रावल राम-चन्द्र सिंह (1648-1651)
- रावल सबल सिंह (1651-1661)
- जैसलमेर के महारावल अम्मार सिंह (1661-1702)
- जैसलमेर के महारावल जसवन्त सिंह (1702-1708)
- महारावल बुध सिंह (1708–1722)
- महारावल अखिल सिंह (1722–1762)
- महाराजा मलराज सिंह II (1762–1820)
- महारावल गज सिंह (1820–1846)
- जैसलमेर के महारावल रणजीत सिंह (1846-1864)
- महारावल जवाहिर सिंह (1914-1947)
- राज्य के अंतिम शासक गिरधर सिंह (1949-1950)
- रघुनाथ सिंह (1950–1982)
- बृजराज सिंह
- चैतन्य राज सिंह
जैसलमेर जिले की भाषा
यहाँ जैसलमेर जिले की भाषा से जुड़े कुछ तथ्य बताए जा रहे हैं :
- जैसलमेर में बोली मुख्यतः राजस्थान के मारवा क्षेत्र में बोली जाने वाली मारवाड़ी का एक भाग ही है। परन्तु जैसलमेर क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा थली या थार के रेगिस्तान की भाषा है।
- इसका स्वरुप राज्य के विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न है। उदाहरण स्वरुप लखा,म्याजलार के इलाके में मालानी घाट व भाषाओं का मिश्रण बोला जाता है।
- इसके अतिरिक्त यहाँ परगना सम, सहागढ़ व घोटाडू की भाषा में थाट, व सिंधी भाषा का मिश्रित रूप भी प्रचलित है।
उम्मीद है कि इस ब्लॉग में आपको जैसलमेर का उपनाम के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही अन्य रोचक और महत्वपूर्ण ब्लॉग पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ बने रहिए।