छोटी कक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में संधि से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे ही संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि जगदीश शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा।
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Jagdish ka Sandhi Viched क्या है?
जगदीश का संधि विच्छेद है “जगत् + ईश”। जगदीश शब्द व्यंजन संधि का उदाहरण है जिसको बनाने का नियम है : (त् + ई = दी)। आईये अब जानते हैं व्यंजन संधि के बारे में।
व्यंजन संधि क्या है?
व्यंजन वर्ण के साथ स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण अथवा स्वर वर्ण के साथ व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार उत्पन हो, उसे ‘व्यंजन संधि’ कहते हैं।
उदाहरण
शब्द | संधि विच्छेद |
दिगंबर | दिक + अंबर |
उद्घाटन | उत+ घाटन |
उन्नति | उत् + नति |
संचय | सम् + चय |
जगन्नाथ | जगत् + नाथ |
जगदीश से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
इस शब्द का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- जगदीश ही इस संसार के पालक हैं।
- परमेश्वर सर्वशक्तिमान है।
- कल मेरे सपने में भगवान प्रकट हुए।
- हे प्रभु! मेरी सहायता करें।
- जगदीश हर कोने में विराजमान है।
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