आईपीएल एक ऐसा मंच है जिसपर आकर आप एक दिन में स्टार खिलाड़ी बन सकते हैं। आईपीएल का सिर्फ एक मैच ही आपकी लाइफ बदलने का दम रखता है। ऐसे कितने खिलाड़ी हैं जिन्होंने आईपीएल से रातों-रात ही सफलता का स्वाद चखा। वहीँ ऐसे कुछ स्टार भी थे जो चमके ज़रूर लेकिन उतनी ही तेज़ी से डूबे भी। IPL Forgotten Players के इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताएंगे, उन खिलाड़ियों के बारे में जिनकी चमक अचानक से फीकी पड़ गई।
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कौन-कौन से थे वो खिलाड़ी?
आईपीएल 2022 शुरू हो चुका है, इसी के साथ इसमें कई नए और पुराने खिलाड़ी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ ऐसे क्रिकेटर भी थे जो अपने खेल से सबको प्रभावित कर चुके थे, मगर वह अब कहीं गुमनाम हो चुके हैं। आईपीएल कुछ ही समय में आपको एक सितारा बना सकता है। वहीँ आप की परफॉरमेंस जरा भी ऊपर-नीचे हुई तो यह आपके लिए गुमनामी का रास्ता बन जाएगा। भारत में ही ऐसे कई खिलाड़ी हुए हैं जो अपनी प्रतिभा में सबसे ऊपर थे मगर उनकी परफॉरमेंस ने उनका साथ नहीं दिया और वे आईपीएल में एक इतिहास बनकर रह गए थे।
पॉल वल्थाटी
IPL Forgotten Players में 2011 के आईपीएल सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेलने वाले ओपनर पॉल वल्थाटी ने अपने शानदार खेल से सबको चकित कर दिया था। उन्होंने उस साल एक शानदार शतक के साथ टूर्नामेंट में कुल 463 रन ठोक दिए थे। उन्होंने एक मैच में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 189 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए 63 गेंदों में 120 रन बना डाले थे. लेकिन, आँख में चोट लगने के कारण उनका क्रिकेट करियर बुरी तरह प्रभावित हुआ और वो अपने बल्ले का जादू फिर कभी नहीं दिखा सके। पॉल वल्थाटी ने अपना आखिरी मैच साल 2013 में खेला था और उसके बाद वह आईपीएल से गुम हो गए। पॉल आजकल एयर इंडिया की ओर से खेलते हैं।
स्वप्निल असनोदकर
2008 में आईपीएल जब शुरू हुआ था, तो इस ओपनर खिलाड़ी ने अपने शानदार खेल से सबको प्रभावित किया था। इन्होंने उस वर्ष राजस्थान रॉयल्स के आईपीएल जीतने में काफी योगदान भी दिया था। उनके उस वर्ष शानदार खेल से क्रिकेट के धुरंदर भी उनके कायल हो गए थे। ईपीएल के पहले सीजन स्वप्निल ने 311 रन बनाए। मगर 2009 के आईपीएल सीजन में स्वप्निल बल्ले से परफॉर्म करने में बुरी तरह नाकाम रहे और 11 मैचों में सिर्फ 112 रन ही बना पाए। इसके बाद स्वप्निल अस्नोडकर को किसी आईपीएल फ्रेंचाइजी ने टीम में स्थान नहीं दिया और इसके साथ ही उनका क्रिकेट करियर समाप्त हो गया। 2019 से स्वप्निल गोवा की अंडर 23 क्रिकेट के कोच हैं।
मनविंदर सिंह बिस्ला
मनविंदर के बारे में आपने खूब सराहना सुनी होगी। कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए विकेट कीपिंग करते थे। 2012 आईपीएल के फाइनल में जब कोलकाता नाइट राइडर्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर अपना पहला खिताब जीता था तो इसी मुकाबले में मनविंदर सिंह बिस्ला ‘मैन ऑफ द मैच’ बने थे। बिस्ला ने इस मुकाबले में 48 गेंदों में 89 रन की बेजोड़ पारी खेलकर अपनी टीम को खिताब दिला दिया था। 2010 में मनविंदर ने पंजाब की ओर से आईपीएल का आग़ाज़ किया था, और उसके अगले वर्ष 2011 से वह कोलकाता नाइट राइडर्स में चले गए थे यहाँ वह 2014 तक रहे। लेकिन, अगले सीजन में उनका परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा और टीम में उनका स्थान चला गया। इसके बाद बिस्ला कभी वापसी नहीं कर सके। बिस्ला अब आईपीएल में नहीं खेलते बल्कि छोटे-मोटे कॉर्पोरेट टूर्नामेंट्स में खेलते हुए नजर आते हैं।
कामरान खान
आईपीएल 2009 में राजस्थान रॉयल्स की ओर से डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज कामरान खान को तब के कप्तान शेन वॉर्न ने खोजा था। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के कामरान खान आईपीएल के एक मैच से ही रातोंरात स्टार बन गए थे। कामरान कोई भी फर्स्ट क्लास मैच नहीं खेले और सीधे आईपीएल जैसे बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट में उन्हें खेलने का मौका मिल गया था। उन्होंने 2009 आईपीएल सीजन में कुल 11 विकेट लिए, लेकिन उनके गेंदबाजी एक्शन पर सवाल खड़े हो गए। कामरान को दो हफ्ते के लिए रिहैब सेंटर भेजा गया और गेंदबाजी एक्शन में उन्हें बदलाव करना पड़ा। इसके बाद कामरान खान का जादू बरकरार नहीं रह सका और वो क्रिकेट की दुनिया से गायब हो गए। कुछ समय पहले उन्हें पैसों की तंगी के कारण खेतों में काम करना पड़ रहा था, लेकिन अब वह दोबारा आईपीएल में वापसी के लिए नेट पर खूब पसीना बहा रहे हैं।
राहुल शर्मा
पंजाब के लिए खेलने वाले लेग स्पिनर राहुल शर्मा ने भी खूब सफलता हासिल की थी। राहुल ने भी 2011 आईपीएल में अपना रंग जमाया था। राहुल ने उसी वर्ष आईपीएल में पुणे वॉरियर्स के लिए खेलते हुए 14 विकेट लिए और अपनी लेग ब्रेक और गुगली के कारण टीम इंडिया के सेलेक्टर्स ने उन्हें भारतीय टीम में जगह दे दी थी। बाकायदा राहुल ने भारत के लिए 4 वनडे और 2 टी-20 इंटरनेशनल खेले भी। राहुल के कुछ गलत संगत में जाने की वजह से उनका क्रिकेट करियर चौपट हो गया था. राहुल ने अपना डेब्यू 2010 में डेक्कन चार्जर्स की ओर से किया था। 2014 में वह दिल्ली डेयरडेविल्स और 2015 में वह चेन्नई सुपर किंग्स में चले गए थे, हालांकि वह फिर अपना कमाल नहीं दिखा सके। IPL Forgotten Players में राहुल अभी भी क्रिकेट में अपनी वापसी के सपने देखते हैं।
अभिषेक नायर
आईपीएल 2009 का पहला ही मुकाबला मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया था। इस मुकाबले में मुंबई इंडियंस के लिए अभिषेक नायर ने 14 गेंदों पर 35 रनों की तूफानी पारी खेलकर सुर्खिया बटोरी थी। उन्होंने इसी मैच में चेन्नई के गेंदबाज एंड्रू फ्लिंटॉफ की तीन गेंदों में लगातार तीन छक्के भी जड़े थे। 2010-12 में उन्होंने पंजाब, 2013 में पुणे वारियर ऑफ़ इंडिया और 2014-15 राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेले थे। हालाँकि, अपनी इस पारी के अलावा वह कभी भी कुछ ख़ास प्रदर्शन आईपीएल में नहीं कर पाए। वह भारत की तरफ से 3 वनडे खेल चुके हैं।
मनप्रीत सिंह गोनी
IPL Forgotten Players में मनप्रीत गोनी पंजाब के तेज गेंदबाज थे। आइपीएल 2008 में चेन्नई की ओर से 7.83 के औसत से 17 विकेट लिए थे। इसके बाद उन्हें भारतीय टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला था लेकिन वह उसमें कुछ खास नहीं कर पाए। वह चेन्नई के अलावा डेक्कन चार्जर्स और पंजाब के तरफ से भी खेले थे, लेकिन 2009 से 2013 तक 27 मैचों मे कुल 20 विकेट ही ले सके। 2011-12 में वह डेक्कन चार्जर्स, 2013 में किंग्स इलेवन पंजाब और 2017 में गुजरात लायंस की तरफ से खेले थे। 2021 में वह रोड सेफ्टी चैरिटी टूर्नामेंट में भी खेले थे।
उन्मुक्त चंद
इस खिलाड़ी ने अपनी शानदार कप्तानी से भारत को 2012 में अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता दिया था। इसी मैच के फाइनल में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नॉटआउट 111 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद उन्मुक्त चंद की तुलना विराट कोहली से होने लगी थी। उन्मुक्त का खेलना का तरीका राहुल द्रविड़ जैसा था। आईपीएल में उन्होंने 2011 में दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से डेब्यू किया था जहाँ यह 2013 तक रहे थे, उसके बाद 2014 में राजस्थान रॉयल्स और 2015-16 तक मुंबई इंडियंस में रहे। आईपीएल में इनका रिकॉर्ड फीका ही रहा और इनके टीम इंडिया में खेलने का सपना भी अधूरा रह गया। IPL Forgotten Players में 2021 में उन्मुक्त अमेरिका में क्रिकेट खेल रहे हैं।
एस बद्रीनाथ
तमिलनाडु के एक बेहद उम्दा क्रिकेटर सुब्रमण्यम बद्रीनाथ तकनीकी रूप से कुशल बल्लेबाज थे। इन्होंने, रणजी ट्रॉफी के साथ-साथ भारत ए के लिए भी काफी रन भी बनाए हैं। घरेलू सर्किट में आठ साल के शानदार प्रदर्शन के बाद, बद्रीनाथ को आखिरकार भारत के लिए डेब्यू करने का मौका मिला था।
यह श्रीलंका के खिलाफ खेली गई वही श्रृंखला थी जिसमें विराट कोहली ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। लेकिन कई अवसर मिलने के बाद भी वह भारत के लिए सभी फोर्मट्स में केवल दस मैचों में 185 रन ही बना सके। बद्रीनाथ ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन भारतीय चयनकर्ताओं ने इनपे भरोसा नहीं जताया था और अब वह एक कमेंटेटर और विशेषज्ञ के रूप में काम करते हैं।
प्रदीप सांगवान
कभी प्रदीप सांगवान का IPL में दबदबा था। इनकी धारदार बोलिंग की बदौलत इन्होंने अपनी टीम को कई महत्वपूर्ण मैचेस जिताए थे। प्रदीप ने अपना पहला आईपीएल वर्ष 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स की और से चेन्नई सुपरकिंग्स के विरूद्ध 2008 में खेला था। इनका करियर बेस्ट प्रदर्शन 2009 के आईपीएल सेशन में देखा गया था, जब इन्होंने 13 मैच में 15 विकेट लिए थे। इसके बाद उनका प्रदर्शन वैसा नहीं रहा जिसकी उम्मीद की गई थी।
शिविल कौशिक
इस स्पिनर की आईपीएल के 2016 सेशन में काफी चर्चा थी। तब इनको गुजरात किंग्स ने साइन किया था। इनका परफॉरमेंस आईपीएल में उतना शानदार नहीं रहा जितनी इनसे उम्मीद थी। शिविल ने केवल 10 मैच में 6 विकेट ही लिए थे। शिविल ने अपना आखिरी आईपीएल मुकाबला रॉयल चैलेंजर बैंगलोर के खिलाफ 2017 में खेला था।
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FAQs
IPL 2008 में शुरू हुआ था।
पॉल वल्थाटी ने किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेलते हुए 120 रनों की पारी खेली थी।
उन्मुक्त चंद की कप्तानी में भारत ने 2012 में अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था।
2022 के आईपीएल में 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं।
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