भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सफलता की नई सीढ़ी चढ़ने के लिए तैयार है। चंद्रयान-3 दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रमा की ओर जाने के लिए पृथ्वी से उड़ान भर चुका है। 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। आईये जानें how many days to reach moon chandrayaan-3 के विषय में विस्तार से।
इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया है। 4 साल में दूसरी बार भारत अपना मिशन मून लॉन्च कर रहा है, जिसमें कई जरूरी बदलाव किए गए हैं।
36,968 किमी प्रति घंटे तक होगी रॉकेट की रफ्तार
इसकी शुरुआती रफ्तार 1,627 किमी प्रति घंटा होगी और लॉन्चिंग के 108 सेकंड बाद 45 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा और रॉकेट की रफ्तार 6,437 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। आसमान में 62 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे और रॉकेट की रफ्तार 7 हजार किमी प्रति घंटा पहुंच जाएगी।
क्यों खास है चंद्रयान-3 मिशन?
चंद्रयान-3 मिशन अलग और खास माना जा रहा है क्योंकि अब तक जितने भी देशों ने अपने यान चंद्रमा पर भेजे हैं उनकी लैंडिग उत्तरी ध्रुव पर हुई है,जबकि चंद्रयान थ्री चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान होगा। इसके अलावा चंद्रयान 3 इसरो ही नहीं बल्कि पीएम मोदी का भी ड्रीम प्रोजेक्ट है।
यह था how many days to reach moon chandrayaan-3 पर हमारा आर्टिकल। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।