Holi 2025: होली के रंगों में महिलाओं की उपेक्षा से रहित समाज

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Holi ke rangon mein mahilaon ki upeksha se rahit samaj

Holi 2025: भारत में हर वर्ष होली का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च को शुक्रवार के दिन होली मनाई जाएगी। वहीं होली के पर्व की तैयारी में सभी औरतें और लड़कियां घर पर आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए तरह तरह के पकवान और मिठाइयाँ तैयार करने में जुटी हैं। होली की तैयारी में रसोई में जुटीं ये महिलाएं तीज-त्योहार में अपनी मेहनत के दम पर रंग भरती हैं। लेकिन इस होली आपको यह ध्यान देने की ज़रूरत है कि औरतों की हद बस किचिन तक ही सीमित न रह जाए। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि होली (Holi 2025) के त्यौहार में महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकें। 

प्राचीन और आधुनिक समाज में होली के संबंध में महिलाओं की स्थिति में आया है बड़ा बदलाव 

पुराने समय में औरतें पर्दे या घूँघट में रहती थीं। उनका काम बस होली पर आने वाले मेहमानों को पकवान आदि परोसना रहता था। मर्दों के साथ होली खेलने की इजाजत उन्हें नहीं थी। लेकिन अब समय बदल गया है। औरतें अब होली का पूरा आनंद उठती हैं। हालांकि गांवों और बहुत छोटे शहरों में अभी भी कहीं कहीं औरतें होली के त्यौहार में खुलकर हिस्सा नहीं ले पाती हैं। 

Holi ke rangon mein mahilaon ki upeksha se rahit samaj

आप इस बार होली पर जेंडर इक्वालिटी का ध्यान रखने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:- 

  1. औरतों को स्पेशल फील कराएं और उन्हें खुलकर होली के उत्सव में हिस्सा लेने दें। 
  2. औरतों को भी ऐसा महसूस होने दें कि वे भी मर्दों के बराबर हैं और जमकर होली खेल सकती हैं। 
  3. घर के कुछ रूढ़िवादी सदस्यों और बुजुर्गों को यह समझाने का प्रयास करें कि होली एक बराबरी का त्यौहार है और जिस तरह से मर्दों को होली खेलने का पूरा अधिकार है वैसे ही औरतों को भी इसे खुलकर मनाने का पूरा हक़ है। 
  4. अपने बच्चों को भी होली पर जेंडर इक्वालिटी के महत्व के बारे में बताएं ताकि भविष्य में वे भी होली पर महिलाओं को खुलकर होली का उत्सव मनाने देने के लिए आगे आ सकें। 
  5. बाज़ार में बच्चों के लिए पिचकारियाँ कुछ इस तरह से डिजाइन की जाती हैं जिनसे साफ पता चलता है कि यह लड़के की पिचकारी है और यह लड़की की। इस तरह के खिलौने अपने बच्चों को न लाकर दें। इससे बच्चों के मन में लड़का लड़की को लेकर भेदभाव की भावना जन्म लेती है। लड़का और लड़की दोनों के लिए एक ही जैसी पिचकारियाँ लाकर दें। 
  6. होली पर लड़कों को भी घर की साफ सफाई और मिठाइयाँ बनाने में लड़कियों का हाथ बंटाने के लिए कहें। इससे लड़कियों को और लड़कों को यह नहीं लगेगा कि होली पर साफ सफाई और कुकिंग करना केवल लड़कियों का ही काम है। 

FAQs

होली कब मनाई जाती है?

होली हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो मार्च के आसपास होती है।

होली कब है 2025?

इस साल 13 मार्च, 2025 को होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च, 2025 को होली मनाई जाएगी।

होली से जुड़ी विशेष परंपराएँ क्या हैं?

होली के दिन विशेष रूप से एक-दूसरे को रंग लगाना, गीत गाना, और खुशी के साथ त्योहार मनाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इसके अलावा, ‘लट्ठमार होली’, ‘पत्थर मार होली’ और ‘फाग उत्सव’ जैसे स्थानीय रीति-रिवाज भी प्रचलित हैं।

लट्ठमार होली कहाँ की प्रसिद्ध है?

मथुरा-बरसाना की लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है।

वृंदावन में कितने दिन होली खेली जाती है?

होली की शुरुआत बसंत पंचमी से होती है और पूरे 40 दिनों तक होली का त्योहार मनाया जाता है।

उम्मीद है आपको इस लेख में प्राचीन और आधुनिक समाज में होली पर महिलाओं की स्थिति के बारे में बहुत सी जानकारियां प्राप्त हुई होगी। यदि आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया हो तो आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी यह ब्लॉग जरूर शेयर करें। ऐसे ही होली और ट्रेंडिंग इवेंट्स से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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