सरकार ने नेचर एजुकेशन कैम्प्स के वार्षिक कोटे को लगभग 1000 के मौजूदा कोटे से दोगुना करके 2,000 करने का निर्णय लिया है। जिसके परिणाम स्वरुप युवाओं के पास करियर की असीम संभावनाएं वैकल्पिक तौर पर रहेंगी।
16 अप्रैल 2023 को गुजरात सरकार ने अपनी मंशा जगजाहिर करते हुए कहा कि गुजरात सरकार शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से स्कूली छात्रों के लिए नेचर एजुकेशन कैम्प्स की संख्या दोगुनी करके 2,000 कर देगी और नई वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने और अनुभवात्मक शिक्षा की सुविधा के लिए नेचर एजुकेशन मॉडल में बदलाव करेगी।
गुजरात सरकार के अनुसार “वर्तमान में हम हर साल लगभग 1.5 लाख छात्रों को नेचर एजुकेशन कैम्प्स में शामिल कर रहे हैं। लेकिन अब, हम सोच रहे हैं कि क्यों न इस गतिविधि के लिए धन में मामूली वृद्धि के साथ 15 लाख छात्रों या इससे भी अधिक तक पहुंच बनाई जाए।”
नित्यानंद श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन ने कहा, एक बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार ने नेचर एजुकेशन कैम्प्स के वार्षिक कोटे को लगभग 1000 के मौजूदा कोटे से दोगुना करके 2,000 करने का निर्णय लिया है।
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF), भारत के माध्यम से, प्रकृतिवादी लवकुमार खाचर और अन्य ने प्रकृति शिक्षा की अवधारणा को आगे बढ़ाया और 1978-79 में गुजरात में नेचर एजुकेशन कैम्प्स का आयोजन शुरू किया। 1879-80 के बाद से, गुजरात के वन विभाग ने भी ऐसे शिविरों का आयोजन शुरू किया। जिसका उद्देश्य छात्रों को प्रकृति और पारिस्थितिकी तंत्र को समझने में मदद करना और प्रकृति के साथ बच्चों के बंधन को सुविधाजनक बनाना था।
राज्य सरकार के पास ऐसे शिविरों के लिए लगभग 50 शिविर स्थल हैं, श्रीवास्तव ने कहा कि इन शिविर स्थलों को अपग्रेड किया जाएगा, जिसमें सुधार के क्षेत्रों की पहचान के लिए दो विशेषज्ञों को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा आयोजित लगभग 1000 शिविरों के अलावा, गैर-सरकारी संगठन भी सालाना लगभग 2000 शिविर आयोजित कर रहे हैं, जिसमें एक शिविर में आमतौर पर 45 से 60 प्रतिभागी होते हैं।
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